बीते कुछ समय पहले भारतीय महिला टीम (Team India) की स्थिति बेहद खराब हुआ करती थी। यहां खिलाड़ियों के पास खाने से लेकर रहने तक के लिए कमरे नहीं हुआ करते थे। महिला खिलाड़ी जमीन पर बैग को तकिया बनाकर जमीन पर ही सोया करती थी।
उन्होंने ऐसा वक्त भी देखा है जहा महिलाएं ट्रेन में सफर करती हुई लॉअर मीडिल क्लास में जमीन पर बैठा कर सफर तय करती थी। स्थिति इतनी खराब थी कि महिला क्रिकेटर को इंटरनेशनल खेल के लायक नहीं माना जाता था। इसी बीच पूर्व दिग्गज महिला खिलाड़ी ने उस समय की आज की स्थिति को लेकर एक बड़ा बयान दिया। जिसने सनसनी मचा दी है।
पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ने महिला क्रिकेट को लेकर किया बड़ा खुलासा
महिला (Team India) ने आज वर्तमान समय में काफी तरक्की कर ली है। बीसीसीआई ने महिला प्रीमियर लीग का भी आयोजन कर दिया है। अब खिलाड़ी महंगे से महंगे होटल में ठहरती है और उनके ऊपर सारे खर्चे बीसीसीआई के द्वारा किया जाता है। इसी कड़ी में अपने समय की परेशानियों के बारे में बात करते हुए पूर्व क्रिकेटर संध्या अग्रवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को कहा कि,
"मैच के दौरान जब कोई बल्लेबाज आउट होता था तो वो अगले बल्लेबाज को ग्लव्ज़ देता था। केवल दो ही किट होती थी जिससे पूरी टीम खेलती थी। हम अपने साथी खिलाड़ियों को पीठ पर बैठाकर एक्सरसाइज करते थे। ईंट उठाकर वेट ट्रेनिंग करते थे। हमारे पास जिम की सुविधा भी नहीं होती थी। हमें जीतने पर भी पैसे नहीं मिलते थे केवल ट्रॉफी मिलती थी। पैसों की कमी के कारण हमें बहुत समय बाद जाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका मिला।"
दिनेश कार्तिक की सास ने दिया बड़ा बयान
वहीं पूर्व महिला क्रिकेटर और भारतीय पुरूष क्रिकेट टीम (Team India) के दिग्गज खिलाड़ी दिनेश कार्तिक की पत्नी दीपिका पल्लीकल की मां ने भी इस बारे में एक बड़ी खुलासा किया है। उन्होने कहा कि,
"हमारे कैंप पाटियाला में होते थे जहां की ठंड को सहना हमारे लिए आसान नहीं होता था. हमें एक समय पर केवल पर दो रोटी और सब्जी मिलती थी। हम में से कई लोगों के पास दो केले खरीदने के भी पैसे नहीं होते थे। ऐसे में सुबह 5 बजे उठकर ट्रेनिंग करना आसान नहीं होता था। हमारे पास न जिम होते थे न फिटनेस ट्रेनर न कोई और सुविधाए। मैच खेलने के लिए उन्हें जनरल डब्बे में बैठना पड़ता था. एक सीठ पर 6-8 लड़कियां बैठती थीं. हम अपने सामान को ही बिस्तर बनाकर सोते थे।"
पूर्व कप्तान ने बताई अनुसुनी कहानी
भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Team India) की एकदिवसीय फोर्मेट की पहली पूर्व कप्तान और धाकड़ खिलाड़ी डायना एडुल्जी ने अपने पूर्वकालिंक खराब समय को याद कर एक ऐसी बात बताई है जिसका खुलासा शायद ही किसी ने किया है। उन्होने कहा कि,
"हमारे पास टूर्नामेंट में खेलने के लिए पूरी टीम तक नहीं होती थी. सफर करते हुए हम कई बार ट्रेन के टॉयलेट के पास बैठ जाया करते थे। हम वेटिंग रुम में सोया करते थे। मैच के दौरान हमें होटेल नहीं मिलते थे। हमें होस्टेल की डॉरमेट्रीज मिलती थी जिसमें एक कमरे में 15-20 लड़कियां रुकती थी। पैसों की कमी के कारण कई महिला खिलाड़ी विदेशी दौरों पर नहीं जा पाती थी। हम विदेशी दौरों पर भारतीय परिवारों के घरों में रुकते थे। होटल की सुविधा नहीं होती थी"
बता दे कि आज यानी 4 मार्च से गुजरात जायंट्स और मुंबई इंडियंस विमैंस का मुकाबले के साथ विमैंस आईपीएल की शुरूआत होने वाली है। यह मुकाबला मुंबई के डी वाई पाटिल स्टेडियम में खेला जाने वाला है।