डरबन में धोनी ने की गेंदबाजी अफ्रीकी खेमे में मची खलबली, लिख दी नई कहानी
Published - 03 Feb 2018, 01:00 PM

विकेट के पीछे खड़े होकर मैच का रूख पलटने वाले महेंद्र सिंह धोनी की रणनीति को दुनिया की कोई भी टीम भांप नहीं पाती है। कप्तान कूल की रणनीति का नतीजा है कि कई हारते हुए मैच को जीत की बाजी में पलट दिया है। अंतिम क्षणों तक धैर्य के साथ खेलना और टीम पर नियंत्रण रखना ही धोनी की खूबी है। और उनकी इसी खूबी की दुनिया दीवानी है।
ऐसा ही करनामा धोनी ने एक बार फिर डरबन वनडे में साबित कर दिखाया। कप्तान भले ही विराट कोहली रहे हो,लेकिन रणनीति महेंद्र सिंह धोनी की थी। विकेट के पीछे खड़े होकर धोनी ने मैच का रूख बदल दिया। धोनी की इस रणनीति को अफ्रीकी भी नहीं समझ पाए और नतीजा ये हुआ कि उसे पहले ही वनडे में हार का सामना करना पड़ा।
धोनी ने बदला मैच का रूख
महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के उन मंझे हुए कप्तानों में से एक है, जिन्हें केवल जीत का स्वाद चखना आता है। हारते हुए मैच में भी धोनी की अंतिम समय तक जीत की आशा दिखती है। यही आशा और उम्मीद उन्हें जीत के करीब ले जाती है। डरबन के मैदान में धोनी ने अदृश्य गेंदबाजी कर अफ्रीकी खेमे में भूचाल ला दी। मैच के दौरान धोनी बार-बार गेंदबाजों का दिशा-निर्देश देते रहे ।
युवा गेंदबाजों के पास अफ्रीका में खेलने का कोई खास अनुभव नहीं था। लेकिन कैप्टन कूल धोनी के पास खासा अनुभव है। धोनी को पता है कि यदि गेंदबाज कोई भी गलती करते हैं,तो मैच का जीत पाना मुश्किल । इसी वजह से वह बार-बार गाइड कर रहे थे। नतीजा ये हुआ कि भारत टीम ने मैच में जीत दर्ज की।
कुलदीप यादव ने धोनी को दिया श्रेय
चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने डरबन वनडे में शानदार गेंदबाजी की। उनकी गेंदबाजी से लड़ खड़खड़ाई अफ्रीका टीम दोबारा उबर नहीं पाई। बेहतरीन प्रदर्शन करने की वजह से कुलदीप को मैन ऑफ द मैच चुना गया। लेकिन जब उनसे गेंदबाजी के बारे में पूछा गया,तो इसका श्रेय एमएस धोनी को दिया। कुलदीप यादव ने कहा कि 'डरबन वनडे में धोनी ने काफी गाइड किया,जिससे उनका काम 50 प्रतिशत तक आसान हो गया था।'
कुछ इस तरह गिरे ताबड़तोड़ विकेट
ये धोनी की गेंदबाजी की रणनीति का ही नतीजा था कि कोई भी बल्लेबाज भारतीय धुरांधर गेंदबाजों के सामने टिकने का जोखिम नहीं उठा पा रहे थे। तू चल मैं आता हूं कि स्थित में पूरी अफ्रीकी टीम हो गई थी। विकेट में उनके जमने का एक भी मौका गेंदबाजों ने नहीं दिया। दक्षिण का पहला विकेट और दूसरा विकेट 83 के स्कोर पर ही गिर गए। लेकिन टीम उसके बाद भी नहीं संभाली टीम का तीसरा विकेट 103 के स्कोर पर गिरा। भारतीय गेंदबाजी के सामने अफ्रीकी एकदम नतमस्तक दिखे। अफ्रीका का चौथा विकेट 122 और पांचवा विकेट 134 के स्कोर पर गिरा। जिसके बाद पूरी अफ्रीका टीम चरमरा गई।
डू प्लेसिस को छोड़ कोई भी बल्लेबाज़ विकेट पर टिक ही नहीं पाया । पूरी की पूरी टीम भारतीय स्पिनरों के सामने धराशयी हो गई है।