ये 5 बड़े बदलाव जो अगले 2 टी-20 विश्व कप जीतने के लिए अब करना होगा भारतीय टीम को
Published - 25 Nov 2020, 04:04 PM

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भारतीय क्रिकेट टीम आज के दौर में क्रिकेट के बेस्ट टीम में से एक है, लेकिन टीम इंडिया इसके बावजूद आईसीसी के टूर्नामेंट में जीत हासिल करने में लगातार विफल हो रही है। पहले टीम इंडिया चॅम्पियन ट्रॉफी फाइनल में हार गई, फिर टीम को वर्ल्ड कप 2019 में सेमीफाइनल में हार झेलनी पड़ी। जिसके बाद ना सिर्फ टीम इंडिया के प्रदर्शन पर बल्कि टीम मैनेजमेंट पर खूब सवाल उठे।
अब भारतीय टीम चाहेगी की आगामी टी-20 वर्ल्ड कप में जीत हासिल करके टीम के लंबे समय से आईसीसी ट्रॉफी जीतने के सूखे को खत्म करे। लेकिन टीम के लिए यह इतना आसान नहीं होने वाला है। आगामी वर्ल्ड कप में जीत हासिल करने के लिए बीसीसीआई को टीम इंडिया की उन कमियों को दूर करना होगा जो वह पिछले आईसीसी टूर्नामेंट के दौरान किए थे।
इसी क्रम में हम बात करेंगे 5 ऐसे बातों के बारे जिस पर अगर बीसीसीआई ध्यान दे तो भारतीय क्रिकेट टीम के लिए टी-20 वर्ल्ड कप जीतने की राह आसान हो सकती है।
डेथ ओवर गेंदबाजी का विकल्प
किसी भी मैच में गेंदबाजों की भूमिका काफी अहम होती है, लेकिन अगर टी-20 क्रिकेट की बात करें तो इस फॉर्मेट में गेंदबाजों की भूमिका काफी अहम हो जाती है। खास करके डेथ ओवर में टीम को ज्यादा अच्छी गेंदबाजी की जरूरत होती है, क्योंकि यह ओवर अक्सर गेम चेंजर ओवर साबित होते है। टीम इंडिया के पास अभी बहुत काम गेंदबाज ऐसे है जो डेथ ओवर में अच्छी गेंदबाजी करते है।
टीम इंडिया में मौजूद खिलाड़ियों की बात करें तो जसप्रीत बुमराह ऐसे खिलाड़ी है जो डेथ ओवर में अच्छी गेंदबाजी करने में सक्षम है। लेकिन बाकी विकल्प की बात करें तो मोहम्मद शामी से भी डेथ ओवर में वर्ल्ड क्लास गेंदबाजी देखने को नहीं मिलती है। ऐसे में टीम इंडिया को टी नटराजन जैसे युवा खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा मौका देकर तैयार करना चाहिए।
वहीं भुवनेश्वर कुमार भी बेहतर विकल्प है लेकिन उनका लगातार चोटिल होना टीम की बड़ी चुनौती रही है। भारतीय टीम अगर चाहे तो आगामी टी-20 वर्ल्ड कप के लिए कार्तिक त्यागी जैसे युवा खिलाड़ियों पर भी भरोसा जता सकते है।
टॉप ऑर्डर में बदलाव जरूरी
किसी भी मैच के दौरान टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों की भूमिका काफी अहम होती है। जबकि टी-20 वर्ल्ड कप के मैचों के दौरान उनकी भूमिका काफी अहम हो जाती है, क्योंकि टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों का प्रदर्शन ही तय करता है की टीम मुकाबले में हारेगी या जीतेगी। टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर में बड़ी चुनौती यह है की जो भी खिलाड़ी टीम का हिस्सा है सभी धीमी शुरुआत के बाद लय हासिल करते है।
इसके लिए टीम को ईशान किशन, पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों को टीम मे लाना चाहिए जो पहली ही गेंद से आक्रमक बल्लेबाजी कर सके। वहीं खिलाड़ियों को ऐसे माइंडसेट के साथ बल्लेबाजी करने भेजना चाहिए जिससे की उन्हे अपने प्रदर्शन को लेकर कोई रिस्क ना हो। अगर आक्रमक बल्लेबाजी के चक्कर में वह जल्दी आउट हो जाए तो वह टीम में बने रहें।
टीम में फिनिशर की कमी
महेंद्र सिंह धोनी के क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद टीम इंडिया हार्दिक पांड्या एकमात्र ऐसे क्रिकेटर बचे है जो टीम के लिए फिनिशर की भूमिका निभाने में सक्षम नजर आते है। गौर करने वाली बात यह है की टीम को कुछ और ऐसे खिलाड़ियों को तैयार करना होगा जो हार्दिक के साथ मिलकर टीम के लिए शानदार फिनिशर की भूमिका निभा सके। अगर आईपीएल के नजरिए से बात करें तो जडेजा यह भूमिका निभा सकते है।
आईपीएल 2020 के दौरान जडेजा से देखा गया की चेन्नई के बाकी खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन के बावजूद वह अकेले टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करने के लिए डटकर खड़े रहे। ऐसे में अगर टीम इंडिया जडेजा को तैयार करती है तो वह यह जिम्मेदारी निभा सकते है। टीम मनीष पांडे और सूर्यकुमार यादव पर भी भरोसा जता सकते है जो की टीम के लिए टी-20 वर्ल्ड जैसे टूर्नामेंट में संकटमोचक की भूमिका निभाने में सक्षम है।
टीम में एक प्रोफेशनल विकेटकीपर की जरूरत
विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया पिछले कुछ समय से केएल राहुल पर भरोसा जाताना शी समझ रही है। लेकिन केएल राहुल के विकेटकीपिंग के कौशल पर नजर डाले तो आईपीएल में उन्होंने जिस तरह से कीपिंग की वैसे तो लगता है की वह इंटरनेशनल क्रिकेट में विकेटकीपिंग करने के काबिल नहीं है। उन्होंने आईपीएल के दौरान कई बार खराब विकेटकीपिंग की। टीम इंडिया राहुल के टैलेंट का फायदा भी नहीं उठा पा रही है।
अगर एक प्रोफेशनल विकेटकीपर को लेकर टीम इंडिया केएल राहुल को ओपनिंग करने का मौका दे तो वह बेहतर प्रदर्शन कर सकते है। टीम के प्रोफेशनल विकेटकीपर की कमी ईशान किशन पूरी कर सकते है। किशन ने पिछले कुछ सालों के दौरान अपने विकेटकीपिंग स्किल से काफी प्रभावित किया। ऐसे में वह टी-20 वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में टीम के लिए संकटमोचक बन सकते है।
टीम मैनेजमेंट को बदलना होगा रवैया
भारतीय क्रिकेट में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है की, खिलाड़ियों को अपने स्थान को खोने का रिस्क रहता है। उदाहरण के तौर पर श्रेयस अय्यर टीम के मध्यक्रम में खेलते है, अगर वह खराब प्रदर्शन करते है तो उन्हे रिस्क रहता है की उनकी जगह मनीष पांडे को मौका दिया जा सकता है। वहीं गेंदबाजों में भी इस बात को लेकर रिस्क बना रहता है, टीम मैनेजमेंट को खिलाड़ियों पर भरोसा जताना होगा।
वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के दौरान टीम मैनेजमेंट को अपने खिलाड़ियों को इतनी छूट देनी चाहिए की, अगर आक्रमक बल्लेबाजी के दौरान उनका प्रदर्शन खराब होता है तो इसके बावजूद उन्हे टीम में मौका मिलता रहेगा। ठीक यही रणनीति मुंबई इंडियंस आईपीएल के दौरान अपनाती है, जिसके बदौलत वह 5 ट्रॉफी जीत चुके है।