दुबई में टीम इंडिया ने कटवाई नाक, श्रीलंका के खिलाफ 54 रनों पर ढेर हुई पारी, एक ही बल्लेबाज पहुंचा दहाई आंकड़े तक

Published - 05 Dec 2025, 03:45 PM | Updated - 05 Dec 2025, 03:49 PM

Team India

Team India: दुबई में श्रीलंका के खिलाफ भारत का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और वह महज 54 रनों पर ढेर हो गया। बल्लेबाजी क्रम बुरी तरह विफल रहा और एक के बाद एक विकेट जल्दी-जल्दी गिरते गए। केवल एक ही भारतीय बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक पहुंच पाया।

श्रीलंकाई गेंदबाजों ने पूरे मैच में अपना दबदबा बनाए रखा और बड़े मंच पर Team India की कमजोर बल्लेबाजी की पोल खोल दी। इस करारी हार ने आने वाली चुनौतियों से पहले भारत के फॉर्म और तैयारियों को लेकर गंभीर चिंताएम पैदा कीं।

दुबई में Team India ने कटवाई नाक

भारतीय क्रिकेट ने दशकों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन 2000 में शारजाह में हुए चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में श्रीलंका के हाथों मिली हार उसके सबसे बुरे दिनों में से एक है।

सबसे कम वनडे स्कोर में दसवें स्थान पर रही Team India सिर्फ 54 रनों पर ढेर हो गई, जो 2004 में जिम्बाब्वे के 35 रनों पर ऑल-आउट के समान ही है, जो अब तक का सबसे कम स्कोर है।

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श्रीलंका के निर्मम दबदबे के लिए याद किए जाने वाले इस मैच में Team India अनुशासित गेंदबाजी और बल्लेबाजी की नाकामी के आगे लड़खड़ा गया। जिन प्रशंसकों को एक रोमांचक फाइनल की उम्मीद थी, उन्हें वनडे इतिहास के सबसे एकतरफा नतीजों में से एक का सामना करना पड़ा।

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जयसूर्या की तूफ़ानी पारी से श्रीलंका ने खड़ा किया पहाड़ सा स्कोर

Team India का दुःस्वप्न शुरू होने से पहले ही, श्रीलंका ने एक असाधारण बल्लेबाजी का नमूना पेश कर दिया था। टॉस जीतकर, सनथ जयसूर्या और उनकी टीम एक अहम लक्ष्य पर उतरी।

शुरुआती विकेट गिर गए - अट्टापट्टू 9 रन पर, जयवर्धने 3 रन पर, संगकारा 8 रन पर - लेकिन जयसूर्या एक दैत्याकार की तरह डटे रहे। श्रीलंकाई कप्तान ने 161 गेंदों पर 21 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 189 रनों की शानदार पारी खेली और विवियन रिचर्ड्स के उस समय के दूसरे सबसे बड़े व्यक्तिगत वनडे स्कोर की बराबरी की।

रसेल अर्नोल्ड ने नाबाद 52 रनों की पारी खेलकर उनका साथ दिया और श्रीलंका को 50 ओवरों में 299 रनों के विशाल स्कोर तक पहुँचाया।

Team India के गेंदबाजों के पास कोई जवाब नहीं था। कप्तान सौरव गांगुली सहित आठ अलग-अलग गेंदबाज़ों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन आक्रमण लाचार नज़र आया।

वेंकटेश प्रसाद को सबसे ज़्यादा मार पड़ी, उन्होंने सात ओवरों में 73 रन दिए। जयसूर्या की पारी टूर्नामेंट के फाइनल में खेली गई सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है और श्रीलंका के प्रभुत्व की आधारशिला है।

श्रीलंका के खिलाफ 54 रन पर ढेर भारत

एक बेहद दबाव भरे फाइनल में 300 रनों के लक्ष्य का पीछा करना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन किसी ने भी नहीं सोचा था कि Team India इतनी बुरी तरह से ढह जाएगी।

सचिन तेंदुलकर (5) और गांगुली (3) सस्ते में आउट हो गए, जिससे ड्रेसिंग रूम में हड़कंप मच गया। फिर आए चमिंडा वास, जिन्होंने नई गेंद से जादू बिखेरा। उन्होंने युवराज सिंह और विनोद कांबली को 3-3 रन पर आउट कर भारतीय शीर्ष क्रम को तहस-नहस कर दिया।

वास ने जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए 9.3 ओवर में 14 रन देकर 5 विकेट झटके। उनकी स्पेल में एक मेडन ओवर भी रहा। दूसरी ओर, मुथैया मुरलीधरन ने 6 ओवर में 3 मेडन के साथ 6 रन खर्चे और 3 विकेट लेकर Team India को चित कर दिया।

केवल रॉबिन सिंह (11) ही दोहरे अंक तक पहुंच पाए और पूरी भारतीय टीम 26.3 ओवर में 54 रन पर ढेर हो गई, जो उनका अब तक का सबसे कम वनडे स्कोर था। इस तरह श्रीलंका ने 245 रनों की विशाल जीत दर्ज की।

जिस फाइनल को एक प्रतिस्पर्धी गेम माना जा रहा था, वह क्रिकेट के सबसे चौंकाने वाले मुकाबलों में से एक बन गया। एक ऐसा दिन जिसे भारत भूलना चाहेगा, लेकिन क्रिकेट इतिहासकार इसे हमेशा याद रखेंगे।

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CA Staff Hindi

यह लेखक Cricketaddictor का एक सदस्य है जो क्रिकेट से जुड़ी खबरों और विश्लेषण पर लिखता है।

श्रीलंका के खिलाफ

वर्ष 2000 में