टीम इंडिया (Team India) को लीड्स टेस्ट में हराते हुए इंग्लैंड (IND vs ENG) टीम ने सीरीज पर 1-1 से बराबरी कर ली है. दोनों टीमों के बीच चौथा टेस्ट मैच 2 सितंबर से केनिंग्टन ओवल (Kennigton Oval) में खेला जाएगा. इस मैदान पर भारत का अच्छा और बुरा दोनों एक्सपीरियंस रहा है. जिसके बारे में हम आपको अपनी इस रिपोर्ट के जरिए बताएंगे. चौथे टेस्ट में जीतना भारतीय टीम के लिए इतना आसान नहीं होगा.
ओवल में भारत की बुरी और अच्छी दोनों यादें जुड़ी हैं
भारत ने इंग्लैंड में अपनी पहली टेस्ट जीत इसी मैदान पर 1971 में दर्ज की थी. 24 को ही भारत ने यह कारनामा 50 साल पहले किया था. यानी इस जीत की गोल्डन जुबली इसी महीने की 24 तारीख को पूरी हुई थी. भारत को ब्रिटेन की सरजमीं पर पहली जीत हासिल करने के लिए 39 साल और 21 टेस्ट मैचों का इंतजार करना पड़ा था. इस बीच टीम को 15 टेस्ट में हार मिली थी और 6 मुकाबले ड्रॉ हुए थे. ओवल मैदान से भारत की बुरी यादें भी रहे हैं. भारतीय टीम ने इस मैदान पर 82 साल में कुल 13 टेस्ट मैच खेले हैं.
इन 13 मुकाबलों में टीम इंडिया (Team India) को सिर्फ एक टेस्ट मैच में ही जीत हासिल हुई है. साल 1971 में टीम ने इस मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ जीत दर्ज की थी. इससे पहले और इसके बाद भारतीय की टीम कभी भी यहां पर मेजबान टीम को शिकस्त देने का इतिहास नहीं दोहरा सकी है. जाहिर सी बात है कि, विराट कोहली (Virat Kohli) के लिए ओवल में दोहरी चुनौती होगी. पहला इंग्लिश टीम के जीत के सिलसिले को तोड़ना और दूसरा ओवल में मिल रही नाकामियों से कलंक हटाना.
50 साल पहले ओवल के मैदान पर भारत ने सिर्फ 1 टेस्ट जीता था
भारत ने ओवल में पहला टेस्ट साल 1936 में खेला था. उस दौरान टीम को इंग्लैंड के हाथो 9 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 35 साल तक भारत लगातार इस मैदान पर शिकस्त का सामना करता रहा. इस दौरान 2 टेस्ट ड्रॉ रहे और 1 मैच में भारतीय टीम को हार झेलनी पड़ी. 1971 में पहली बार इस मैदान पर इंग्लिश टीम को हराकर भारत ने मेजबान के जीतने का सिलसिला तोड़ा. ये जीत टीम को अजित वाडेकर (Ajit Wadekar) की कप्तानी में मिली थी.
साल 1971 में मंसूर अली खान पटौदी की जगह टीम इंडिया (Team India) की कमान वाडेकर को दी गई थी. चयनकर्ताओं की ओर से किया गया यह फैसला सही साबित हुआ और भारत ने सिर्फ ओवल टेस्ट 4 विकेट से ही नहीं जीता बल्कि इंग्लैंड में पहली टेस्ट सीरीज को भी अपने नाम किया था. इसके साथ ही भारतीय टीम ने इंग्लैंड के 26 मैचों से विजयी रहने के सिलसिले को भी तोड़ दिया था. इस सीरीज के पहले 2 टेस्ट मैच ड्रॉ रहे थे.
पिछले 3 टेस्ट में भारत को इस मैदान पर करना पड़ा है हार का सामना
वाडेकर की कप्तानी में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को टीम से एक उम्मीद मिल गई थी कि, वो अब इस जीत के सिलसिले को टूटने नहीं देंगे. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और 1971 के बाद भारत इस मैदान पर एक भी टेस्ट मैच को अपने नाम नहीं कर सका. इस दौरान टीम इंडिया (Team India) ने इंग्लैंड के खिलाफ 8 टेस्ट खेले. इनमें से 5 मैच ड्रॉ रहे और बाकी 3 में भारत को हार का सामना करना पड़ा.
विराट कोहली के सामने जो सबसे बड़ चुनौती है, वो यह है कि, इस मैदान पर खेले गए बीते तीन टेस्ट मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा है. 2 बार मेजबान टीम भारत को पारी के अंतर से शिकस्त दे चुका है. इससे पहले साल 2007 में इसी मैदान पर खेले गए टेस्ट मैच को भारतीय टीम ने अगस्त में ड्रॉ कराया था. तब राहुल द्रविड़ टीम के कप्तान थे और उस समय भारत इंग्लैंड से सीरीज भी जीता था.