भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के कई कप्तान रहे हैं, लेकिन अगर भारत के सबसे सफलतम कप्तानों की बात करें तो उस लिस्ट में टॉप पर रहते हैं सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली. इन तीनों कप्तानों के अंडर टीम इंडिया का प्रदर्शन गज़ब का रहा है और टीम में काफी बदलाव भी देखने को मिले हैं. यह तीनों कप्तान भारतीय टीम के लिए सबसे बेस्ट रहे हैं. ऐसे में आइये नज़र डालते हैं कि सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) को क्रिकेट में किस मुकाम पर पहुंचाया है. तीनों की कप्तानी की बात करें, तो तीनों के युग में भारतीय टीम ने अलग-अलग तरीके की महारत हासिल की है.
सौरव गांगुली की आगुवाई में Team India का प्रदर्शन
दिग्गज बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर के कप्तानी छोड़ने के बाद सौरव गांगुली को भारतीय टीम (Team India) की कप्तानी सौंपी गई. गांगुली की आगुआई में सबसे पहले भारत ने ऑस्ट्रेलिया का लगातार भारत पर जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड तोड़ा. वर्ष 2001 में कोलकाता में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को लगातार 16 टेस्ट मैच जीतने के बाद हराया था. इसके चलते भारत ने चेन्नई में भी ऑस्ट्रेलिया पर जीत दर्ज की थी और श्रृंखला भी जीती थी.
इसके बाद साल 2002 में भारत ने इंग्लैंड को उन्हीं के घर में हराया और नेटवेस्ट ट्रॉफी पर कब्ज़ा किया. 2003 के विश्वकप में भी भारत का प्रदर्शन कमाल का रहा. बता दें कि भारत उस वर्ल्डकप में ऑस्ट्रेलिया से फाइनल मुकाबला हारकर बाहर हुआ था इसके अलावा साल 2004 में गांगुली की टीम ऑस्ट्रेलिया जाकर टेस्ट श्रृंखला ड्रॉ कराने में कामियाब रही थी और साथ ही पाकिस्तान जाकर भी बड़ा कारनामा किया था. भारत ने 2004 में पाकिस्तान को उन्हीं के घर में पहला टेस्ट मैच हराया था, साथ ही पहली सीरीज़ भी अपने नाम की थी.
महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया का प्रदर्शन
इस बात में कोई दोहराय नहीं कि सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया का खेल निखरकर आया. लेकिन फिर भी वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना सौरव गांगुली पूरा नहीं कर पाए और भारतीय दर्शकों का ये सपना कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने पूरा किया.
भारतीय टीम (Team India) के कप्तान बनते ही एमएस धोनी ने भारतीय टीम को सबसे पहले साल 2007 में पहला टी20 वर्ल्डकप का एडिशन ही जितवा डाला. इसके बाद भी धोनी की भूख ख़त्म नहीं हुई और अब उनकी नज़रे 2011 के विश्वकप पर टिकी हुई थीं. महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय टीम को फिर साल 2011 में तकरीबन 27 साल बाद वनडे वर्ल्डकप का ख़िताब जितवाया. जो कारनामा सचिन-गांगुली की कप्तानी में नहीं हो पाया वो कारनामा महेंद्र सिंह धोनी ने करके दिखाया. इसके बाद आखिरी आईसीसी ट्रॉफी पर धोनी की नज़र गड़ी हुई थी, और वो थी आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी.
महेंद्र सिंह धोनी की आगुआई में भारत (Team India) ने साल 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का ख़िताब भी जीत लिया. जिसके चलते धोनी भारतीय टीम के एकलौते कप्तान हैं जिन्होंने भारत को सब ही आईसीसी ट्रॉफी जितवाई हैं.
विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम का प्रदर्शन
महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को तीनों आईसीसी ट्रॉफी तो जितवा दी, लेकिन अब भी एक काम अधूरा रह गया था, वो था भारतीय टीम को SENA देशों में जीत दिलाना, और वो काम विराट कोहली ने बखूबी करके दिखाया.
विराट कोहली ने भारतीय टीम (Team India) की टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी साल 2014 में संभाली थी, और उन्होंने अपना पहला मुकाबला बतौर कप्तान ऑस्ट्रेलिया के एडीलेड में खेला था. जिसमें उन्होंने दोनों पारियों में शतक जड़े थे. विराट कोहली ने अपनी आक्रामक कप्तानी के साथ-साथ अपने बल्ले से भी कोई कसर नहीं छोड़ी. विराट कोहली ने अपनी कप्तानी के कार्यकाल में भी जमकर रन बरसाए हैं.
विराट कोहली की आगुआई में टीम (Team India) लगातार 42 महीनों तक टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक पायदान पर रही है. यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है. साल 2016 अक्टूबर से लेकर साल 2022 मार्च तक टीम इंडिया टेस्ट में नंबर वन रही है. विराट की कप्तानी में टीम इंडिया केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशी ज़मीन पर भी टेस्ट मैच जीतने में सफल रही है.
भारत ने 2018-19 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर में टेस्ट सीरीज़ हराई थी. ये मुकाम भारतीय टीम ने विराट कोहली के नेतृत्व में हासिल किया. इसी के साथ कोहली पहले एशियाई कप्तान भी बन गए थे, जिन्होंने ये कारनामा किया था.
इसके अलावा विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने 68 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें टीम इंडिया 40 मुकाबले जीतने में सफल रही है. इसमें से 16 मुकाबले भारत ने विदेश में जीते हैं. विराट कोहली की कप्तानी के दौरान भारतीय टीम का टेस्ट में विन परसेंटेज 58.82 का रहा है. बहरहाल, हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में 2-1 से टेस्ट सीरीज़ हारने के बाद विराट कोहली ने भारतीय टीम की टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दे दिया है.