टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में हेड कोच के खिलाफ हुई बगावत, BCCI को लेना पड़ा ये कठोर फैसला, रातोंरात इस दिग्गज की हुई सप्राइज़ एंट्री

Published - 29 Oct 2025, 12:33 PM | Updated - 29 Oct 2025, 12:34 PM

Team India

Team India: भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों और कोच के बीच में काफी लंबे समय से संबंध काफी मधुर रहे हैं। हालांकि, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में कोच गौतम गंभीर और खिलाड़ियों के बीच हल्की-फुल्की खटपट की खबरें सामने आई थीं, लेकिन वह सिर्फ अफवाहें ही साबित हुईं।

लेकिन उनसे पहले राहुल द्रविड़ हो या फिर रवि शास्त्री या विश्व कप विनिंग कोच गैरी कर्स्टन इन कोच के कार्यकाल के दौरान भारतीय खिलाड़ियों और कोच के बीच रिश्ते काफी शानदार और ड्रेसिंग रूम का माहौल काफी शानदार हो गया था।

लेकिन टीम इंडिया (Team India) में एक हेड कोच ऐसा भी था, जिसके खिलाफ खिलाड़ियों ने मोर्चा खोल दिया था, जिसके बाद बीसीसीआई को बीच में आकर बीच-बचाव करना पड़ा था। चलिए आपको बताते हैं कि, भारतीय क्रिकेट (Team India) में यह कब और किस कोच के बीच देखने को मिला था।

फिर चर्चा में आया पुराना मामला

हम जिस मामले की बात कर रहे हैं वह हाल फिलहाल का नहीं बल्कि करीब दो दशक पुराना है। यह उस समय की बात है जब भारतीय टीम (Team India) साल 1997 में श्रीलंका का दौरा करने गई थी। तब 1983 विश्व कप विजेता टीम इंडिया (Team India) के अहम सदस्य रहे मदन लाल को श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया (Team India) का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।

इस दौरे के बीच ही हेड कोच ने एक समाचार पत्र को काफी तीखा इंटरव्यू दिया था, जिसमें वह अपनी ही टीम के खिलाड़ियों की आलोचना करते नजर आए थे। उस समय बीसीसीआई के पूर्व मैनेजर रत्नाकर शेट्टी ने अपनी आत्मकथा ‘On Board—My Years in BCCI’ में टीम इंडिया (Team India) के ड्रेसिंग रूम की इनसाइड स्टोरी का खुलासा किया है। चलिए आपको बताते हैं कि इसमें क्या लिखा था, जिससे भारतीय क्रिकेट में भूचाल आ गया था।

Team India के इन वरिष्ठ खिलाड़ियों पर दी थी तीखी प्रतिक्रिया

बीसीसीआई के पूर्व मैनेजर रत्नाकर शेट्टी ने एक भारतीय इंग्लिश न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में मदनलाल के किस्से का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने श्रीलंका दौरे पर टीम में शामिल अजय जडेजा, रॉबिन सिंह, सबा करीब और अनिल कुंबले जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों की आलोचना की थी।

तत्कालीन मुख्य कोच मदन लाल ने जडेजा को लेकर कहा था कि उन्हें यह समझना होगा कि वह एक बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे हैं या फिर गेंदबाज के रूप में। उन्होंने यह भी कहा कि एक मैच में प्रदर्शन करके अगले पांच मैच में फेल नहीं हो सकते हैं। साथ ही उन्होंने रॉबिन सिंह के लिए कहा कि जो कड़ी मेहनत करता है, लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर उन्हें ऑलराउंडर नहीं माना जा सकता है।

जबकि सबा करीम को औसत विकेटकीपर बताकर उनकी बात को खारिज कर दिया था, जो बल्लेबाजी से मैच नहीं जीत सकता है। मदन लाल ने अपने इस साक्षात्कार में उस समय के नंबर एक लेग स्पिनर अनिल कुंबले को भी नहीं छोड़ा था।

मदन लाल ने कहा था कि वह कुंबले की गेंदबाजी से खुश नहीं हैं। उसे गेंद को टर्न करने से ज्यादा लाइन-लेंथ पर ध्यान देना चाहिए। इंटरव्यू के आखिर में मदन लाल ने यह कहकर ताबूत में कील ठोक दी थी कि मैं जानता हूं हम नहीं जीत रहे हैं, लेकिन मैं अकेला क्या कर सकता हूं?

शतक ठोककर दिया था करारा जवाब

रत्नाकर शेट्टी की किताब के अनुसार, भारतीय (Team India) ड्रेसिंग रूप में टेंशन उस समय और बढ़ गई, जब मदनलाल के इंटरव्यू में आलोचना का शिकार हुए खिलाड़ी ने वनडे सीरीज में शानदार शतक ठोक दिया था।

इस शतक के बाद खिलाड़ी ने बल्ले के हैंडल से मीडिया बॉक्स की ओर इशारा करके जोरदार जश्न मनाया था। इससे साफ है कि यह संदेश उन्होंने मीडिया हाउस को नहीं, बल्कि कोच को दिया था। और बता दें कि, इस सीरीज में केवल सौरव गांगुली, अजय जडेजा और मोहम्मद अजहरूद्दीन ने शतक बनाया था, लेकिन शेट्टी की बुक में खिलाड़ी के नाम का जिक्र किया गया था।

मदन लाल का कार्यकाल कर दिया था समाप्त

इस विवाद के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को सख्त कदम उठाने पड़े थे और हेड कोच को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था। जबकि उनकी जगह अंशुमन गायकवाड़ को टीम इंडिया (Team India) का नया हेड कोच बनाया गया था।

बता दें कि, मदनलाल का यह कार्यकाल केवल 10 महीने ही चला था। जो कि भारतीय हेड कोच के कार्यकालों में सबसे कम समय भी था।

अफ्रीका के खिलाफ 2 टेस्ट के लिए 17 सदस्यीय टीम इंडिया आई सामने, ऑस्ट्रेलिया दौरे वाले 10 खिलाड़ी बाहर

Tagged:

indian cricket team team india Gautam Gambhir Madan Lal
Aman Sharma

क्रिकेट सिर्फ़ एक खेल नहीं, यह एक ऐसा जुनून है जो हर भारतीय के दिल में धड़कता है। मैं, अमन शर्मा, इस... रीड मोर

बीसीसीआई के पूर्व मैनेजर रत्नाकर शेट्टी की किताब में खिलाड़ी का नाम स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है, लेकिन अजय जडेजा, सौरव गांगुली और मोहम्मद अजहरूद्दीन ने उस सीरीज में शतक लगाए थे।

उनकी जगह अंशुमन गायकवाड़ को टीम इंडिया का नया हेड कोच बनाया गया था।