भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) आज विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मुकाबला न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथेम्पटन के मैदान पर खेलने उतरी है। टीम को यहां, तक पहुंचाने में कई दिग्गज कप्तानों का हाथ रहा है। माना जाता है कि सौरव गांगुली ने 2000 में टीम की कप्तानी संभाली और भारत को विदेशों में जीत की आदत डलवा दी।
उसके बाद राहुल द्रविड़ आए और इंग्लैंड में पहली बार टेस्ट सीरीज जिताई। पाकिस्तान, वेस्टइंडीज में अच्छा किया। इसके बाद धोनी ने भारत को 3 आईसीसी ट्रॉफी जिताने के साथ-साथ टेस्ट क्रिकेट में भारत को पहली बार 2009 में टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 बनाया। इसके बाद आए कप्तान विराट कोहली, जिन्होंने भारत की टेस्ट टीम को लगातार 5 सालों तक नंबर-1 टेस्ट टीम बनाए रखा। आज भारत दुनियाभर में सबसे मजूबत टीम में से एक है, जिसका सभी को जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के 3 दिग्गज कप्तानों ने आज यानि 20 जून को ही टीम इंडिया के लिए पहली बार टेस्ट जर्सी पहनी थी। तो आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि 20 जून को किन 3 कप्तानों ने टेस्ट क्रिकेट में रखा था कदम।
Team India के 3 कप्तानों ने आज के दिन किया टेस्ट डेब्यू
1- सौरव गांगुली
सौरव गांगुली ने आज ही के दिन साल 1996 में लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। टेस्ट डेब्यू करने के बाद से उन्होंने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने टेस्ट डेब्यू पर गांगुली ने इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थिति में बल्लेबाजी करते हुए शानदार 131 रन बनाए थे।
डेब्यू पर ही टेस्ट शतक बनाकर सौरव गांगुली ने अपने बेबाक अंदाज का बढ़िया परिचय दिया था। साल दर साल उनके बल्ले से बड़े रन निकले और उन्होंने Team India की जीत में एक अहम योगदान निभाया। साल 2000 में जब भारतीय टीम अपने सबसे कठिन दौरे से गुजर रही थी तब दादा को टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था और उसके बाद जो हुआ वह हर एक क्रिकेट प्रेमी बहुत अच्छे से जानता है।
सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2002 में कोलकाता के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक यादगार टेस्ट जीत दर्ज की थी। साथ ही उसी साल Team India ने इंग्लैंड में भी अपने खेल का दमदार परिचय दिया था। सौरव की कप्तानी को लेकर कहा जाता है कि, उन्होंने टीम को विदेशी सरजमीं पर लड़ना सीखाया जो एकदम सही बात भी है।
2- राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ ने भी सौरव गांगुली के साथ ही साल 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था। अपनी पहली पारी में उन्होंने शानदार 95 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। टेस्ट डेब्यू के बाद द्रविड़ धीरे-धीरे टीम इंडिया के प्रमुख खिलाड़ी बनते चले गए।
टेस्ट डेब्यू के कुछ समय के बाद उनको ‘द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’ का नाम भी मिल गया। द्रविड़ की बल्लेबाजी की सबसे खास बात यह थी कि वह छोर को संभालकर बल्लेबाजी किया करते थे। विदेशी सरजमीं पर भी उनके बल्ले से हमेशा रनों की बारिश देखने को मिली।
2005-06 में जब उनको Team India का कप्तान बनाया गया तो वह पर भी द्रविड़ ने अपने दमदार प्रदर्शन से सभी को खासा प्रभावित किया। 2007 में वह राहुल द्रविड़ ही थे जिनकी कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को उसकी सरजमीं पर हराकर टेस्ट सीरीज एक नायाब इतिहास रचा था।
3- विराट कोहली
विश्व क्रिकेट में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए मशहूर विराट कोहली ने आज ही के दिन 10 साल पहले टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा था। जी हां, रन मशीन कोहली ने भी आज ही के दिन अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था। कोहली को वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का आगाज करने का मौका मिला था और आज वह बतौर कप्तान टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल Team India की अगुवाई कर रहे हैं।
10 साल पहले टेस्ट डेब्यू के बाद शुरूआती समय में तो उनको जरुर कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2015 को उनको भारत का टेस्ट कप्तान बनाया गया था और उनकी ही कप्तानी में टीम लगभग तीन सालों तक टेस्ट में दुनिया की नंबर-1 टीम बनी रही।
विराट एशिया के पहले ऐसे कप्तान भी जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराकर टेस्ट सीरीज जीती हो। एक कप्तान से लेकर एक बल्लेबाज तक हर एक मोर्चे पर कोहली हमेशा डटकर चुनौतियों का सामना करते नजर आए।