बचपन से ही ज्यादातर मां-बाप अपने बच्चों की ऐसी परवरिश करने की कोशिश करते हैं, जो आने वाले समय में पढ़-लिखकर डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएएस बने. तकरीबन देशभर के हर माता-पिता का यही सपना होता है. इसके कारण कई बार बच्चों को खेलने-कूदने से भी मना कर दिया जाता है कि कहीं वो बिगड़ न जाएं. लेकिन, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि, टीम इंडिया (Team India) में कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो अच्छी-खासी पढ़ाई करके इस फील्ड में कदम रखा है.
इस लिस्ट में कई भारतीय क्रिकेटरों का नाम शामिल है. जिनमें अनिल कुम्बले, दिग्गज जवागल श्रीनाथ जैसे भी खिलाड़ी हैं. लेकिन, आज हम अपनी इस खास पेशकश में एक ऐसे खिलाड़ी के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं, जो पढ़ाई के मामले में अमिल कुंबले जैसे प्लेयर्स को कहीं पीछे छोड़ चुका है.
क्रिकेट जगत में एंट्री करने से पहले आईएएस की परीक्षा पास कर चुका था ये भारतीय खिलाड़ी
दरअसल हम इस रिपोर्ट में बात कर रहे हैं टीम इंडिया (Team India) के बल्लेबाज अमय खुरासिया (Amay Khurasiya) की, जिनका जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ. बाएं हाथ के बल्लेबाज के बारे में कहा जाता है कि, वो तेजी से रन बनाने की काबिलियत रखते हैं. लेकिन, दिलचस्प बात तो यह है कि, टीम इंडिया में खुद की जगह बनाने से पहले खुरासिया ने आईएएस की परीक्षा पास की और उन्हें इंडियन कस्टम्स व सेंट्रल एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर के पद की जिम्मेदारी दी गई.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने साल 1989 और 90 के सीजन में कदम रखा था. क्रिकेट जगत में एंट्री करने के बाद साल 2005 से 2006 के सीजन तक वो खेलते रहे. घरेलू क्रिकेट में मध्य प्रदेश की टीम की तरफ से उन्होंने 119 फर्स्ट क्लास मैच खेले. जिसमें 40.80 की औसत से उनके बल्ले से 7304 रन निकले हैं. उनका सर्वश्रेष्ट स्कोर 238 रन का रहा. फर्स्ट क्लास में अमय के बल्ले से 21 शतक और 31 अर्धशतक निकले. उन्होंने 1990-91, 92 और 2000-01 के सीजन में फर्स्ट क्लास मैच में खेलते हुए 500 से ज्यादा रन बनाए.
श्रीलंका के खिलाफ खेला गया मुकाबला उनके क्रिकेट करियर के लिए साबित हुआ टर्निंग प्वाइंट
साल 1999 का दौर था जब अमय खुरासिया (Amay Khurasiya) ने श्रीलंका के खिलाफ पेप्सी कप से डेब्यू करते हुए वनडे करियर की शुरुआत की. पहले ही मैच में उन्होंने अपनी पारी की शुरूआत चौके के साथ की. इसके बाद 45 गेंद में 57 रन की शानदार पारी खेली. दिलचस्प बात तो यह है कि, अपने करियर के पहले वनडे मैच में हाफ सेंचुरी लगाने वाले वो टीम इंडिया (Team India) के 8वें खिलाड़ी हैं.
पेप्सी कप में उनके बेहतरीन परफॉर्मेंस को देखते हुए मैनेजमेंट ने उन्हें 1999 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा बनाया था. लेकिन, उन्हें इस टूर्नामेंट में खेलना का मौका ही नहीं दिया गया. इसके बाद उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इसके बाद साल 2001 में दोबारा से अमय खुरासिया की किस्मत ने उन्हें भारतीय टीम में मौका दिलाया. लेकिन बदकिस्मती से उनका बल्ला श्रीलंका के खिलाफ चल नहीं सका और यही उनके क्रिकेट करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. जिसके बाद उन्हों फिर दोबारा टीम में जगह नहीं मिल सकी.
ऐसा रहा टीम इंडिया में खुरासिया का क्रिकेट करियर
अमय खुरासिया के क्रिकेट करियर की बात करें तो टीम इंडिया (Team India) के लिए उन्होंने 12 वनडे मैच खेले हैं. इनमें से 10 मुकाबले उन्होंने साल 1999 में खेले थे. इन मैचों में 13.54 की औसत से उन्होंने सिर्फ 149 रन बनाए. इस बाद जब खुरासिया ने क्रिकेट जगत से रिटायरमेंट की घोषणा की थी, तब उन्होंने खुद बात स्वीकारी थी कि वो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल नहीं हो सके.
इसके साथ ही उन्होंने यह बात भी स्पष्ट की थी कि, जब वो शानदार प्रदर्शन कर रह थे तब उन्हें लगातार ज्यादा मौके भी नहीं मिले. साल 2007 में उन्होंने क्रिकेट करियर को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. इसके बाद उन्होंने कोचिंग देने के साथ अपना हाथ कॉमेंट्री फील्ड में भी आजमाया.