टीम इंडिया को एक तेज ऑलराउंडर को तैयार करना समय की है जरूरत, ये खिलाड़ी हो सकते हैं बड़ा विकल्प

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Shilpi Sharma
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिस तरह से टीम के युवाओं का टेस्ट में प्रदर्शन रहा उसके बाद से ही कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स से ये बात सुनी गई कि, टीम इंडिया (Team India) के पास टैलेंट खिलाड़ियों का एक बड़ा पूल है. जो एक साथ दो देशों का दौरा करने की ताकत रखते हैं. बीते कुछ सालों में घरेलू क्रिकेट और आईपीएल से करीब 25 से 30 खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने की कोशिश की गई है. जो एक ही वक्त पर अपनी टीम के लिए खेल सकते हैं. यानी कि आसान शब्दों में समझा जाए तो भारत एक ही समय पर दो अंतरराष्ट्रीय पक्षों को मैदान में उतार सकता है.

ऑलराउंडर भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती

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मौजूदा समय में एक ऐसी ही तस्वीर सामने आ चुकी है. एक तरफ सीनियर टीम कोहली के नेतृत्व में टेस्ट सीरीज खेलने इंग्लैंड दौरे पर पहुंची हुई है. तो वहीं श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के लिए ‘बी’ टीम की भी घोषणा कर दी गई है. जाहिर सी बात है कि, ये किसी भी टीम के लिए अभूतपूर्व समय है. शायद क्रिकेट के इतिहास में ऐसे होने जा रहा है जहां एक देश की दो समान बेहतरीन टीमें अलग-अलग खेल में एक समय पर हिस्सा ले रही हैं. लेकिन, एक सवाल अभी भी लोगों के मन में उसी तरह से घर किए हुए है कि कहां है अगला कपिल देव, जिसकी तलाश भारत सालों से कर रहा है?

ये सवाल अपने आप में ही एक बड़ी पहेली है. जिसका जवाब मिलना बहुत आसान नहीं है. हार्दिक पांड्या के टीम इंडिया से बाहर होने के बाद से ही एक ऑलराउंडर की तलाश जारी है जो बल्लेबाजी के साथ ही तेंज गेंदबाजी भी कर सके. युवा खिलाड़ी पांड्या में ये सारे गुण हैं. इसका नमूना उन्होंने अपने करियर के शुरुआती सालों में दिखाया भी. टेस्ट फॉर्मेट से लेकर सीमित ओवरों के प्रारूपों में भी उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया. लेकिन, चोट के बाद से वो खुद को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए अभी सही तरीके से तैयार नहीं कर सके हैं.

पांड्या भी इंजरी के चलते टीम से चल रहे हैं बाहर

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इसके पीछे की बड़ा कारण पांड्या की बैक इंजरी रही है. जिसके बाद से अब वो उस प्रभावी तरीके से गेंदबाजी करने में सक्षम नहीं हैं. टेस्ट में उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. भले ही वो अभी 27 साल के हैं और फिट होने के लिए अपने तरीके से काम कर रहे हैं. लेकिन, इसके बाद भी टीम में उनकी जगह बनती हुई नहीं दिखाई दे रही है. क्योंकि काफी लंबे वक्त से उन्होंने सीमित ओवर के फॉर्मेट में भी कुछ खास गेंदबाजी नहीं की है. पीछे के क्रिकेट इतिहास में लौटें तो भारत के पास बड़ौदा टीम का ही एक और ऑलराउंडर था. जो टीम के लिए  भाग्यशाली था. जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तेज गेंदबाजी के साथ ही बल्लेबाजी से भी जबरदस्त प्रदर्शन किया था.

लेकिन, ये यह मान लेना सही होगी कि, इरफान पठान का भी करियर अधूरा रह गया. टेस्ट फॉर्मेट में उनके आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि वो टीम इंडिया (Team India) के लिए वापसी कर सकते थे. उन्होंने 29 टेस्ट मैच में 100 विकेट झटके थे और 31 से ज्यादा की औसत से बल्लेबाजी करते हुए 1105 रन बनाए थे. साउथैम्प्टन में खेले गए WTC में न्यूजीलैंड से मिली करारी शिकस्त के बाद कप्तान कोहली ने एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की गैरमौजूदगी पर निराशा जताई थी. लेकिन, कप्तान का ये इंतजार जल्द खत्म होता हुआ नहीं दिख रहा है. क्योंकि उनके पास ऑप्शन के तौर पर शार्दुल ठाकुर (shardul thakur) हैं. जो बल्लेबाजी कर सकते हैं. लेकिन, उन्हें ऑलराउंडर नहीं कहा जा सकता.

भारत को ऑलराउंडर के लिए इंतजार करने की जरूरत, शार्दुल हो सकते हैं बड़ा ऑप्शन

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फिलहाल शिवम दुबे और विजय शंकर मौके का इंतजार कर रहे हैं. जिन्होंने मिले हुए अवसरों पर खुद को कुछ खास साबित नहीं कर सके. तो वहीं घरेलू सर्किट की बात करें तो कमलेश नागरकोटी के बारे में सोचा जा सकता है. जो चोटिल हैं और अभी तक उन्होंने प्रथम श्रेणी के मैच नहीं खेले हैं. या फिर मुंबई इंडियंस के पूर्व खिलाड़ी दिग्विजय देशमुख के बारे में भी सोचा जा सकता है. उन्होंने अभी तक सिर्फ 1 ही प्रथम श्रेणी मैच खेला है. लेकिन, वो तेज गेंदबाजी कर सकते हैं. हालांकि अभी इन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए टीम इंडिया (Team India) को थोड़ा और इंतजार करना होगा. सिर्फ ये उम्मीद करनी होगी कि इनमें से कोई एक खिलाड़ी अपनी काबिलियत को परखे और घरेलू लीग में तहलका मचा दे.

इसके बाद भारतीय टीम में प्रदर्शन के दम पर जगह बना सके. लेकिन, अभी इन खिलाड़ियों से किसी भी तरह की उम्मीद करना जल्दबाजी होगी जो कई कारणों की वजह से अपनी ही घरेलू टीम में जगह बनाने के लिए चुनौती का सामना कर रहे हैं. ऐसे में टीम इंडिया (Team India) को शार्दुल पर खास ध्यान देना चाहिए. जिन्हें एक ऑलराउंडर के तौर पर तैयार किया जा सकता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा में उन्होंने 60 रन की पारी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में खेली थी. ऐसे में बल्ले के साथ उनका प्रदर्शन विदेशी परिस्थितियों में भारत की किस्मत बदल सकता है, जहां टीम को 2 स्पिनर अश्विन और जडेजा के टीम संयोजन की वजह से नुकसान झेलना पड़ता है. अंत में उन्हें उनकी बल्लेबाजी क्षमता के लिए पसंद किया जाता है.

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