Team India के 5 बड़े खिलाड़ी जिन्हें अब कर देना चाहिए संन्यास का ऐलान, नंबर-5 का इंतजार हो चुका है काफी लंबा
Published - 08 Jan 2022, 10:59 AM
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साल 2019 में हुए आखिरी वनडे विश्वकप के बाद से ही भारतीय टीम (Team India) में लगातार कई बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. साल 2020 में कोरोना महामारी की वजह से ज्यादा क्रिकेट नहीं खेला जा सका. लेकिन, इसके बाद 2021 में लगातार एक के बाद एक कई बड़े टूर्नामेंट और सीरीज खेले गए. लेकिन, इस दौरान टीम इंडिया में जो बदलाव दिखे वो कईयों के लिए हैरान करने वाले थे तो कईयों के लिए बड़ा मौका था.
कई बार टीम में अनुभवी खिलाड़ियों के बजाय युवाओं को आजमाया गया और उन्होंने अपने प्रदर्शन से काफी ज्यादा चर्चाएं बटोरीं. हालांकि कुछ युवा उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके. लेकिन, जिन युवा खिलाड़ियों ने टीम में अपनी जगह बनाई उनके चलते कुछ दिग्गजों का पत्ता इस कदर कटा कि उन्हें वापसी का मौका ही नहीं मिला.
इतना ही नहीं पिछले कुछ सालों से ये अनुभवी भारतीय खिलाड़ी टीम से बाहर ही रहे रहे हैं. या यूं कहें कि टीम प्रबंधन इन्हें लगातार नजरअंदाज कर रहा है. आज हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में ऐसे भारतीय टीम (Team India) के उन 5 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वापसी की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है और उन्हें सारी संभावनाएं छोड़कर खुद इस साल (2022) संन्यास का ऐलान कर देना चाहिए.
मुरली विजय
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सबसे पहले बात करते हैं भारतीय टीम (Team India) के अनुभवी बल्लेबाज मुरली विजय (Murali Vijay) की, जो टेस्ट टीम में लगातार शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी इस तरह बाहर कर दिए गए अब उनकी वापसी की सारी उम्मीदें खत्म होती नजर आ रही हैं. घरेलू क्रिकेट में भी अब वो ज्यादा एक्टिव नहीं हैं. आईपीएल टूर्नामेंट से भी उनका करियर लगभग खत्म हो चुका है. राष्ट्रीय टीम की ओर से आखिरी बार मुरली विजय को साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेलने का मौका मिला था.
इसके बाद कई युवा सलामी बल्लेबाजों की टीम में एंट्री के बाद उनका पत्ता पूरी तरह से कट गया. अब आलम ये है कि उनकी वापसी नामुमकिन है. मुरली विजय ने टीम इंडिया के लिए कुल 61 टेस्ट मैच में 38.29 के औसत से 3982 रन बनाए हैं. इस पारी में उनके बल्ले से 12 शतक और 15 अर्द्धशतक निकले हैं. वहीं एकदिवसीय प्रारूप में 17 मुकाबले खेले हैं जिसमें 21.19 की बेहद खराब औसत से सिर्फ 339 रन बनाए हैं. इसके बाद न उन्हें टेस्ट फॉर्मेट में खेलने का मौका मिला न सीमित प्रारूप के मैचो में.
आखिरी बार 2018 में ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ मिले टेस्ट मैच में मुरली का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. इतना ही नहीं टीम में जब पृथ्वी शॉ, मयंक अग्रवाल और केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों की एंट्री हुई और इन्होंने शानदार प्रदर्शन किया इसके बाद तो विजय के वापसी की बची खुची उम्मीदें भी खत्म हो गई. जिस तरह की संभावनाएं दिख रहे हैं उसे देखते हुए ये कह सकते हैं कि अब मुरली विजय को संन्यास की घोषणा कर देनी चाहिए.
अमित मिश्रा
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39 साल के हो चुके भारतीय टीम (Team India) के स्पिन गेंदबाज अमित मिश्रा (Amit Mishra) लंबे वक्त से टीम इंडिया से बाहर हैं. उन्हें सिर्फ आईपीएल में एक्टिव देखा गया है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से वो पिछले कई सालों से दूर हैं या यू कहें कि उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है. हालांकि उन्हें टीम में जगह ना मिलने की एक बड़ी वजह उनकी उम्र और प्रदर्शन दोनों ही है.
अमित मिश्रा ने भारत के लिए 22 टेस्ट, 36 वनडे और 10 टी20 मैच खेले हैं. टेस्ट में उन्होंने 76, वनडे में 64 और टी20 में 16 विकेट झटके हैं. उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला साल 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और अब उनके टीम में वापसी की उम्मीद भी न के बराबर है क्योंकि टीम में युवा खिलाड़ियों की कमी नहीं है. जो लगातार अपने प्रदर्शन से फैंस का दिल जीत रहे हैं और टीम को जिता भी रहे हैं.
हालांकि वह आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की टीम के लिए खेलते थे. लेकिन, मेगा ऑक्शन 2022 से पहले रिलीज हो चुके हैं. वहीं बात करें राष्ट्रीय टीम में उनकी वापसी की तो उसकी उम्मीदें पूरी तरह से खत्म हो चुकी हैं जिससे अमित मिश्रा खुद भी वाकिफ हैं. इसलिए अब बिना किसी उम्मीद के उन्हें साल 2022 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर देनी चाहिए.
दिनेश कार्तिक
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युवा खिलाड़ियों के लगातार बेहतरीन प्रदर्शन से अक्सर अनुभवी खिलाड़ियों पर इसका दबाव बढ़ जाता है और खासकर ऐसे प्लेयर जो कई मैचों में फ्लॉप हो जाते हैं. लगातार फ्लॉप शो के बाद फैंस की नजर में वो आलोचना का पात्र बन जाते हैं और उन्हें टीम से बाहर का भी रास्ता दिखा दिया जाता है. इस लिस्ट में अब दिनेश कार्तिक का भी नाम शामिल हो चुका है जो घरेलू टूर्नामेंट में भी खेलते आ रहे हैं.
विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) ने भारतीय टीम (Team India) के लिए आखिरी बार साल 2019 में खेला था. इसके बाद से टीम में हुए कई खिलाड़ियों की एंट्री के बाद उनका पत्ता पूरी तरह से कट गया. किसी भी फॉर्मेट में अब उन्हें मौका नहीं दिया जा रहा है. इस समय भले ही दिनेश आईपीएल और घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन, टीम इंडिया में उन्हें 2 सालों से जगह नहीं दई गई है.
यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास से पहले ही उन्होंने कॉमेंट्री भी शुरू कर दी है. 36 साल के हो चुके कार्तिक के टीम में वापसी की लगभग सारी उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं. साल 2004 में भारत की ओर से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरूआत करने वाले दिनेश कार्तिक ने आखरी बार भारत के लिए 2019 वर्ल्ड कप में खेला था. टेस्ट में उन्होंने 26 वनडे में 94 और टी20 में 32 मैच खेले हैं. हालांकि अब सारी उम्मीदों को छोड़कर कार्तिक को संन्यास की घोषणा कर देनी चाहिए.
केदार जाधव
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केदार जाधव (Kedar Jadhav) उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने बेहद कम समय में ही टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली थी. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में उनकी एंट्री हुई. उनके लाजवाब प्रदर्शन ने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया था. बल्लेबाजी और गेंदबाजी की कला के चलते उन्हें टीम का हरफनमौला खिलाड़ी के नाम से जाना जाता था. टीम इंडिया को कई शानदार ब्रेकथ्रू दिलाने के साथ ही उनकी फिनिशिंग स्किल्स भारत के लिए सबसे ज्यादा मददगार रही.
लेकिन, कोहली की कप्तानी में युवाओं की लगातार एंट्री से 36 वर्षीय केदार जाधव का पत्ता कट गया. यहां तक कि बीते डेढ साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है और उन्हें टीम में खेलने का मौका नहीं मिला है. भारत की ओर से आखिरी बार केदार जाधव को साल 2020 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलने का मौका मिला था. इसके बाद से चयनकर्ता उन्हें नजरअंदाज करते रहे हैं.
उन्होंने भारत के लिए 73 वनडे और 9 टी20 मैच खेले हैं. हालांकि आईपीएल 2021 में जाधव को हैदराबाद की ओर से खेलते हुए देखा गया था. लेकिन, जितने भी मौके उन्हें मिले वो बल्ले से फ्लॉप ही रहे. इसलिए उन्हें फ्रेंचाइजी ने आईपीएल 2022 से पहले रिलीज कर दिया. फिलहाल अब भारतीय टीम (Team India) में उनकी वापसी की संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं इसलिए जाधव को भी सारी उम्मीदें छोड़कर संन्यास की घोषणा कर देनी चाहिए.
पीयूष चावला
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साल 2006 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले पीयूष चावला (Piyush Chawla) का करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका. बीते 9 साल से वो भारतीय टीम (Team India) से दूर हैं और सिर्फ घरेलू टूर्नामेंट में ही खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं. उनके टीम इंडिया में भी वापसी की उम्मीद काफी ज्यादा लंबी हो चुकी है और इसी के साथ ही 33 साल के चुके इस खिलाड़ी का करियर आईपीएल जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर भी खत्म होता दिखाई दे रहा है.
ऐसे में भारतीय टीम में चावला के वापसी की उम्मीदें नामुकिन है. इसके बावजूद उन्होंने अभी तक रिटायरमेंट की घोषणा नहीं की है. दरअसल लगातार कंसिस्टेंट प्रदर्शन न कर पाने की वजह से साल 2012 में उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद से वो वापसी की संभावनाएं लगाए बैठे हैं. भारत की ओर से 3 टेस्ट, 25 वनडे और 7 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके पीयूष चावला को आखिरी बार आईपीएल में सीएसके की ओर से खेलते हुए देखा गया था.
2020 में उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. इसके अलावा टीम इंडिया में अश्विन-जडेजा और कुलदीप-चहल की जोड़ी ने जिस तरह का प्रदर्शन किया इसके बाद उनकी टीम में वापसी खत्म हो गई. ऐसे में इस साल 2022 पीयूष चावला को बिना किसी उम्मीद के संन्यास की घोषणा कर देना चाहिए.