भारतीय क्रिकेट की दो टीमे इस समय अलग-अलग दौरे पर पहुंची हुई हैं. कोहली, रोहित जैसे खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया (Team india) श्रीलंका दौरे पर पहुंची हुई है. यहां पर दोनों देशों के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जा रही है. 2-0 से भारतीय टीम श्रृंखला को अपने नाम कर चुकी है तो वहीं एक मुकाबला होना बाकी है. इसके बाद तीन मैचों की टी20 सीरीज भी खेली जाएगी.
इस समय नए खिलाड़ी और सीनियर प्लेयर्स भी जीत के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं. जिसके दम पर वो कामयाब भी हो रहे हैं. लेकिन, भारतीय टीम में कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो अक्सर क्रिकेट से ज्यादा खुद के फैसलों को तवज्जो देते हैं. जिसका नतीजा उनके खेल पर भी दिखाई देता है. इस खास रिपोर्ट में हम ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के बारे में बात करने जा रहे हैं...
1. हरभजन सिंह
इस लिस्ट में हम सबसे पहले बाद करेंगे टीम इंडिया (Team india) के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) की, जिन्हें सिर्फ आईपीएल में ही खेलते हुए देखा जाता है. 41 साल के हो चुके भज्जी घरेलू क्रिकेट से भी दूर रहते हैं. आखिरी बार साल 2017 में उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेला था. इसके बाद से वो अपने वसूलों पर चल रहे हैं.
इतना ही नहीं आईपीएल में भी अक्सर वो बिना प्रैक्टिस के ही खेलना पंसद करते हैं. शायद यही वजह है कि, उन्हें फ्रेंचाइजी के कैंप से भी काफी देरी से जुड़ते हुए देखा जाता है. ऐसे में कह सकते हैं कि, उन्हें कहीं ना कहीं इस बात का गुरूर है कि, वो बिना प्रैक्टिस मैच में पसीना बहाए ही बेहतर प्रदर्शन कर लेंगे. लेकिन, इसका असर उनके खेल पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है.
इस बार (2021) चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें अपनी टीम से रिलीज कर दिया था. जिसके बाद कोलकाता ने उन्हें 2 करोड़ के बेस प्राइस पर अपनी टीम में शामिल किया था. हालांकि वो केकेआर की ओर से आईपीएल के पहले चरण की प्लेइंग 11 में मौका मिलने का फायदा कुछ खास उठा नहीं सके. इसलिए उनका ये सोचना कि, बिना अभ्यास के वो लय हासिल कर लेंगे, तो ये रणनीति पूरी तरह से फ्लॉप है.
2. हार्दिक पांड्या
हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) टेस्ट सीरीज से पूरी तरह बाहर हो चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे से ही उन्हें इस फॉर्मेट में नजरअंदाज किया जा रहा है. यहां तक कि, अब लिमिटेड ओवर की सीरीज में भी उन्हें लगातार संघर्ष करते हुए देखा जा रहा है. आखिरी बार भारत के लिए निरंतर गेंदबाजी उन्होंने साल 2018 में की थी. इसके बाद से वो अपनी फिटनेस की समस्या से जूझ रहे हैं. आईपीएल में भी उन्होंने गेंदबाजी नहीं की थी.
उन्हें कहीं ना कहीं ये लगा कि, वो सीधा अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में अपनी गेंदबाजी की लय को हासिल कर लेंगे. लेकिन, जिस तरह से वो प्रदर्शन कर रहे हैं, उसे देखकर आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि, अगर उनका यही हाल रहा तो लिमिटेड ओवर के मुकाबलों में भी टीम इंडिया (Team india) से वो हाथ धो बैठेंगे. इंजरी के बाद से हार्दिक अपनी फिटनेस पर कुछ खास ध्यान नहीं दे रहे हैं. यहां तक कि, गेंदबाजी से कतराते हुए नजर आ रहे हैं.
जिसका परिणाम उन्हें इंटरनेशनल मुकाबलों में खराब प्रदर्शन के आधार पर चुकाना पड़ रहा है. अगर उन्हें ये लगता है कि, छोटे-छोटे मुकाबलों और घरेलू क्रिकेट में बिना परफॉर्म किए वो पहले की तरह आक्रामक हो जाएंगे तो ये सिर्फ उनका अहम है. क्योंकि घरेलू क्रिकेट से भी पांड्या ने कुछ वक्त से दूरी बना ली है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि, वो खुद को खेल से बड़ा समझते हैं.
क्रुणाल पांड्या
इस लिस्ट में तीसरे और आखिरी नंबर पर बात करते हैं टीम इंडिया (Team india) के ऑलराउंडर खिलाड़ी क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya) की, जिनका विवादों से पुराना नाता रहा है. बड़ौदा टीम की कप्तानी संभालने वाले क्रुणाल का इसी साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से पहले दीपक हुड्डा से विवाद हो गया था. जिसके बाद हुड्डा ने उन पर कई गंभीर आरोप भी लगाए था. अक्सर अपने गलत व्यवहार को लेकर क्रुणाल चर्चाओं में रहे हैं.
साथी खिलाड़ियों को सरेआम डांट देना, उनके साथ गलत बर्ताव करना, खेल से खुद को ऊपर समझना, उनकी सबसे बड़ी भूल रही है. जिसका पछतावा उन्हें शायद कभी नहीं होता. लेकिन, उन्हें अपनी ये आदतें सुधारने की जरूरत है. अपने एग्रेशन को अक्सर वो साथी खिलाड़ियों पर निकालते हैं. जिसकी वजह से उन पर कई तरह के आरोप भी लगते रहे हैं.
हुड्डा ने एक चिट्ठी के जरिए खुलासा किया था कि, क्रुणाल उन्हें दूसरी टीम के खिलाड़ियों के सामने गाली देते थे. उनके साथ वो गलत तरीके से पेश आते थे. यही वजह है कि, हुड्डा ने बड़ौदा टीम को छोड़ दिया है. इन बातों से साफ जाहिर होता है कि, क्रुणाल पांड्या खुद को खेल से बड़ा समझते हैं. इसलिए अच्छा प्रदर्शन करने के साथ ही उन्हें अपने व्यवहार पर काम करने की जरूरत है.