भारत-वेस्टइंडीज (IND vs WI) के बीच खेली गई वनडे और टी20 सीरीज खत्म हो चुकी है और दोनों ही सीरीज में टीम इंडिया (Team India) ने मेहमान टीम को 3-0 से क्लीन स्वीप किया है. इस श्रृंखला में कप्तान रोहित शर्मा ने कई एक्सपेरीमेंट भी किए जिसमें कुछ कामयाब रहे तो वहीं कुछ फ्लॉप भी रहे. लेकिन, वेस्टइंडीज के खिलाफ कुछ खिलाड़ियों को डेब्यू का भी मौका मिला है.
इस सीरीज में भारत ने कुछ मुकाबलों में रोमांचक जीत हासिल की. खासकर उन मुकाबलों में जब लगा कि भारतीय टीम के हाथ से ये मुकाबला निकल जाएगा. ऐसे में गेंजबाजों ने अपना जलवा दिखाया और टीम को शानदार जीत दिलाई. अपनी फुलटाइम कप्तानी में हिटमैन न सिर्फ भारतीय टीम को टी-20 फॉर्मेट नंबर-1 पोजिशन दिलाई. बल्कि उन्होंने कप्तान के तौर पर कई रिकॉर्ड भी तोड़ दिए.
वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई सीमित ओवर की इस सीरीज में भारतीय टीम में कई सकारात्मक चीजें दिखाई दीं और हद तक जो तलाश की जा रही थी वो भी खत्म होते हुए दिखाई दी है. इस खास आर्टिकल में हम ऐसे ही तीन पहलुओं के बारे में बात करने जा रहे हैं जो टीम इंडिया (Team India) को मिले....
1. रवि बिश्नोई
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम लेग स्पिनर रवि बिश्नोई (Ravi Bishnoi) का आता है जिन्होंने डेब्यू मैच में ही अपनी गेंदबाजी की छाप छोड़ दी थी. उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 फॉर्मेट में डेब्यू किया और 1 ही ओवर में 2 सफलताएं दिलाईं. दूसरे मैच में भी उन्होंने 1 अहम विकेट झटका. वहीं अंतिम मुकाबले में भले ही उनके हाथ एक भी सफलता नहीं लगी.
लेकिन, उन्होंने 2 बार विकेट के मौके बनाए थे. हालांकि दोनों ही बार मिसफील्ड की वजह से उन्हें कामयाबी हाथ नहीं लगी. इस टी-20 सीरीज में उनका अंदाज और विकेट टू विकेट गेंदबाजी करने का तरीका सभी को पसंद आया. बिश्नोई की तारीफ खुद कप्तान ने भी की थी और उन्होंने बताया कि वो टीम इंडिया (Team India) के लिए कितने जरूरी हैं और प्रतिभाशाली भी हैं.
शायद यब बड़ा कारण था कि रोहित शर्मा ने बिश्नोई को तीनों ही मुकाबलों में मौका दिया और इन मौकों को भुनाने में वो कामयाब भी रहे. महज 21 साल का ये लेग स्पिनर अलग-अलग वेरिएशन और गूगली के लिए भी जाना जाता है. भारतीय टीम को एक ऐसे ही युवा लेग स्पिनर की तलाश थी जो परिस्थितियों के मुताबिक गेंदबाजी कर सके और सीरीज खत्म होते-होते भारत को बिश्नोई के तौर पर एक बड़ा विकल्प मिल गया है.
2. भारतीय टीम को मिले बड़े फिनिशर
वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले ही भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने ये बात स्पष्ट कर दी थी कि इस श्रृंखला में उन्हें फिनिशर की तलाश होगी और खिलाड़ियों को खुद को साबित कर दिखाना होगा. उनका ये बयान और बीसीसीआई चयनकर्ताओं की लंबे समय से फिनिशर की तलाश लगभग इस सीरीज में खत्म होती हुई दिखाई दी है.
भारतीय टीम को एक नहीं बल्कि 2 फिनिशर मिले हैं. यूं तो सूर्या मध्यक्रम बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं. लेकिन, अभी तक वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने मिडिल ऑर्डर के साथ फिनिशर के तौर पर भी अपनी खास भूमिका निभाई है. इस सीरीज में अटैकिंग बल्लेबाजी और मैच को अंत में जिस तरह से सूर्या फिनिश कर रहे हैं उसे देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत को उनके तौर पर ये विकल्प मिल गया है.
इसके अलावा वेंकटेश अय्यर ने भी टी-20 सीरीज में जिस अंदाज में अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से चर्चा बटोरी है उसे देखते हुए ये स्पष्ट हो गया है कि इस सीरीज में भारत को हार्दिक पंड्या का विकल्प मिल चुका है. यानी टीम इंडिया (Team India) के लिए सबसे बड़ी तलाश खत्म होती हुई नजर आ रही है.
3. मध्यक्रम हुआ मजबूत
इसके अलावा वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई 3 मैचों की वनडे और इतने ही मैचों की टी-20 सीरीज में भारतीय टीम की एक और कमजोरी दूर होते हुए दिखाई दे रही है. अभी तक भारत का मध्यक्रम टीम की सबसे बड़ी समस्या साबित हो रहा था. लेकिन, इस पूरी सीरीज में मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों ने ही भारतीय टीम की नईया पार लगाई है.
सलामी बल्लेबाज लगातार जहां बार-बार बल्ले से फ्लॉप हो रहे थे तो वहीं मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज अपने आपको बार-बार साबित कर रहे थे. श्रेयस अय्यर से लेकर पंत, सूर्या जैसे बल्लेबाज भी जबरदस्त फॉर्म में नजर आए. इसके साथ ही टीम के लिए जमकर रन बटोरे. यानी कि वेस्टइंडीज के खिलाफ उतरी टीम इंडिया (Team India) की एक साथ कई 3 बड़ी समस्याएं खत्म हो गई है.