राजनीति की वजह Team India के इन 11 खिलाड़ियों का करियर हो गया बर्बाद, वरना आज होते टीम के स्टार

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Shilpi Sharma
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The career of these 11 players of Team India got ruined due to politics

भारत में क्रिकेट का खुमार इस कदर फैंस के सिर चढ़कर बोलता है जिसका अंदाजा भी लगा पाना मुश्किल है. टीम इंडिया (Team India) में स्टार खिलाड़ियों की कमी नहीं है. इस टीम से कई ऐसे महान खिलाड़ी निकले हैं जिनका पूरे विश्व क्रिकेट में दमखम रहा है. आज भी ये खिलाड़ी अपने प्रदर्शन और प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं. इन खिलाड़ियों की लोग मिसाल भी देते हैं. सचिन तेंदुलकर से लेकर सहवाग, सुनील गावस्कर, कपिल देव, जहीर खान, युवराज सिंह ऐसे खिलाड़ियों में शुमार रहे हैं जिन्हें युवा अपना आइडल मानते हैं.

भारत में क्रिकेट के फैंस की नहीं है या यूं कहें कि देश का हर दूसरा बच्चा क्रिकेटर ही बनना चाहता है. हालांकि ऐसे बहुत कम ही लोग हैं जिन्हें टीम इंडिया (Team India) की जर्सी में खेलना नसीब हो पाता है. यहां तक कि भारतीय जर्सी पहनने वाले क्रिकेटरों में भी ऐसे बहुत कम खिलाड़ी हैं जो लगातार अपनी टीम के लिए खेल रहे हैं.

क्योंकि भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो भारत के लिए कुछ मैच खेल कर अचानक गायब हो जाते हैं. इसके बाद लगातार टीम में जगह बनाने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ता है. वहीं कई खिलाड़ी अपनी वजह से भी टीम में जगह गवां बैठते हैं. आज हम अपने इस खास आर्टिकल में ऐसे ही 10 भारतीय क्रिकेटरों की बात करने जा रहे हैं जिन्होंने भारतीय टीम के लिए सिर्फ 4-5 टेस्ट मैच खेले और फिर गायब हो गए.

1. करुण नायर (Karun Nair)

karun nair

इस लिस्ट में पहला नाम भारतीय टीम के बल्लेबाज करूण नायर का आता है. करुण ऐसे बल्लेबाजों में शामिल रहे हैं जिन्होंने अपने टेस्ट करियर की तीसरी पारी में तिहरा शतक जड़ दिया था. उन्होंने ये कारनामा इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ किया था. ऐसे रिकॉर्ड बनाना हर टेस्ट स्पेशलिस्ट का सपना होता है. लेकिन, उनके इस योगदान को जैसे भारतीय चयनकर्ताओं ने पूरी तरह से भुला दिया. आखिरी बार उन्हें साल 2017 में टीम इंडिया (Team India) की ओर से खेलते हुए देखा गया था.

उसके बाद उनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दोबारा एंट्री नहीं हुई. यहां तक कि अब उनके वापसी की संभावनाएं भी खत्म हो चुकी हैं. डेब्यू के साथ ही नायर ने भारत के लिए सिर्फ 6 टेस्ट मैच खेले हैं. 6 टेस्ट मैच में 62.33 की लाजवाब औसत से उन्होंने कुल 374 रन बनाए हैं. वहीं 82 फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने कुल 5631 रन बनाए हैं. इस पारी में 14 शतक और 26 अर्धशतक शामिल हैं. हालांकि नायर को खुद इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि आखिर उन्हें क्यों बेहतरीन प्रदर्शन के बाद टीम में तवज्जो नहीं दिया गया.

2. प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha)

Pragyan Ojha

इस लिस्ट में दूसरा बड़ा नाम प्रज्ञान ओझा का आता है जो टीम में पॉलिटिक्स का शिकार हुए. उन्होंने भारतीय टीम की ओर से कुल 24 टेस्ट मैच खेले और इन 24 मुकाबलों में उनका प्रदर्शन कमाल का रहा. महज 2 की इकोनॉमी रेट से रन खर्च करते हुए उन्होंने 113 विकेट अपने नाम किए हैं. उनका गेंदबाजी औसत 30.27 का रहा. इन शानदार आंकड़ों के बावजूद उन्हें साल 2013 के बाद टेस्ट फॉर्मेट में खेलने का मौका नहीं मिला.

प्रज्ञान ओझा का करियर जब चरम पर था तब एमएस धोनी रवींद्र जडेजा को मौका देना चाहते थे. उनके टेस्ट करियर के खत्म होने की ये एक बड़ी वजह थी. जिसके बाद ओझा की दोबारा टीम में कभी वापसी नहीं हुई.

3. सुब्रमणयम बद्रीनाथ (Subramaniam Badrinath)

Subramaniam Badrinath

इस लिस्ट में दूसरा बड़ा नाम भारतीय टीम के क्रिकेटर सुब्रमणयम बद्रीनाथ का आता है. जिन्होंने भारत के लिए सिर्फ  दो टेस्ट मैच खेले हैं. इसके बाद से उन्हें एक भी मौका नहीं मिला है. सुब्रमणयम बद्रीनाथ का नाम रन मशीन क्रिकेटरों में आता है. जो घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु टीम की ओर से खेलते हैं. वहीं बात करें उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर की तो कुछ खास नहीं रहा है. क्योंकि उन्हें खेलने का ज्यादा मौका ही नहीं दिया गया है.

2 टेस्ट मैच में उनके बल्ले से एक अर्धशतक भी निकल चुका है. वहीं उन्होंने टीम के लिए 7 वनडे मैच भी खेले हैं. लेकिन, वो टेस्ट फॉर्मेट के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार रहे हैंम. दरअसल घरेलू मैचों में प्रदर्शन कर अपनी छाप छोड़ने वाले बद्रीनाथ ने 145 प्रथम श्रेणी मैचों में 32 शतक और 45 अर्धशतकों के साथ कुल 10,245 रन बनाए हैं. उनका बल्लेबाजी औसत 54.49 का रहा है. इसके बावजूद उन्हें टीम इंडिया की ओर से ज्यादा खेलने के मौके नहीं दिए गए.

4. अभिमन्यु मिथुन (Abhimanyu Mithun)

Abhimanyu Mithun

इस लिस्ट में तीसरा नाम अभिमन्यु मिथुन का आता है. जिनके घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें बीसीसीआई चयनकर्ताओं ने सीधा अंतर्राष्ट्रीय टीम के लिए चुन लिया था. प्रथम श्रेणी मैचों में पदार्पण करने के सिर्फ 10 हफ्ते के बाद ही उन्हें ये खुशखबरी बोर्ड की तरफ से मिली थी. जिसे महज इतनी जल्दी भारतीय टीम की ओर से बुलावा आ जाए उससे एक बात स्पष्ट है कि वो खिलाड़ी प्रतिभाशाली तो होगा ही.

साल 2009-10 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुई सीरीज में अभिमन्यु मिथुन को टीम के लिए सिर्फ 4 ही टेस्ट मैच में खेलने का मौका मिला. उन्होंने इस सीरीज में 120 रन बनाने के साथ ही 9 विकेट भी चटकाए थे. उनका गेंदबाजी इकोनॉमी रेट महज 3.8 का था. इस लाजवाब प्रदर्शन के बाद भी उन्हें टीम इंडिया (Team India) की ओर से दोबारा खेलने का मौका नहीं दिया गया और आज के दौर में अभिमन्यु भी गुमनामी के शिकार हो चुके हैं.

5. जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat)

Jaydev Unadkat

इस लिस्ट में चौथा बड़ा नाम टीम इंडिया (Team India) के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट का आता है जिन्हें अपने टेस्ट करियर में सिर्फ एक ही मुकाबले में खेलने का मौका मिला है. घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छे प्रदर्शवन के बावजूद उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है. भारत की ओर से उनादकट ने 1 टेस्ट, 7 वनडे और 10 टी20 मैच खेले हैं. जयदेव उनादकट सौराष्ट्र के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं.

सौराष्ट्र के लिए खेलते हुए उन्होंने प्रथम श्रेणी के 91 मैचों में 2.93 की इकोनॉमी रेट के साथ 334 विकेट हासिल किए हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें एक कामयाबी नहीं मिली थी. इसके अलाना उनादकट सौराष्ट्र के लिए कप्तानी भी कर चुके हैं. आपको बता दें कि 2019-20 के रणजी ट्रॉफी में शिरकत करते हुए उन्होंने महज 10 मैचों में ही 67 विकेट हासिल कर लिए थे. लेकिन, एक टेस्ट मैच के बाद उन्हें भारतीय टीम की ओर से फिर कभी खेलने का मौका नहीं मिला.

6. स्टुअर्ट बिन्नी (Stuart Binny)

Stuart Binny

इस टॉप-11 खिलाड़ियों की लिस्ट में भला स्टुअर्ट बिन्नी का नाम कैसे भूल सकता है. उन्होंने इस टीम के लिए ऑलराउंडर के तौर पर डेब्यू किया था. भारत की ओर से उन्हें सिर्फ 6 टेस्ट मैच में ही खेलने का मौका मिल सका. इन 6 टेस्ट मैचों में उनके बल्ले से एक अर्धशतक भी निकल चुका है और उन्होंने कुल 194 रन बनाए थे.

इसके अलावा उनके नाम टेस्ट में 3 विकेट भी दर्ज है. वहीं कर्नाटक के लिए घरेलू क्रिकेट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है.  95 प्रथम श्रेणी मैचों में 4796 रन बनाने के साथ ही उन्होंने 148 विकेट भी हासिल किए हैं. हालांकि उनकी इन प्रतिभा को नजरअंदाज करते हुए चयनकर्ताओं ने एक भी मौका नहीं दिया. अब हालात ऐसे हैं कि उनकी टीम में वापसी की सारी संभावनाएं खत्म होती हुई नजरप आ रही है.

7. पंकज सिंह (Pankaj Singh)

Pankaj Singh

इस सूची में राजस्थान के दाएं हाथ के मध्यम गति के तेज गेंदबाज पंकज सिंह का भी नाम शामिल है. जिन्होंने टीम इंडिया के लिए सिर्फ 2 टेस्ट मैच खेले हैं. इन 2 टेस्ट मैचों में उन्हें ज्यादा कामयाबी तो हाथ नहीं लगी. लेकिन, 2 विकेट जरूर हासिल किए हैं. लेकिन, टीम इंडिया (Team India) में अपनी जगह बनाने के लिए उन्हें लगातार संघर्ष करते हुए देखा गया है.

वहीं घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन पर नजर दौड़ाएं तो उनका रिकॉर्ड बेहद कमाल का रहा है. फर्स्ट क्लास में उन्होंने कुल 117 मुकाबले खेले हैं और 472 विकेट झटके हैं. घरेलू फॉर्मेट में उन्होंने अपनी घातक गेंदबाजी से जमकर तहलका मचाया है. इसका अंदाजा उनके रिकॉर्ड को देखते हुए लगाया जा सकता है. लेकिन, इसके बावजूद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें ज्यादा खेलने का मौका नहीं दिया गया है.

8. अभिनव मुकुंद (Abhinav Mukund)

Abhinav Mukund

बात करें तमिलनाडु टीम के बेहतरीन क्रिकेटर अभिनव मुकुंद की तो उन्हें भी भारतीय टीम की ओर से सिर्फ 7 टेस्ट मैच में ही खेलना का मौका मिल पाया है. जिसमें उन्होंने 2 अर्धशतक भी जड़े हैं. 32 साल के हो चुके इस प्लेयर की वापसी भारतीय टीम में लगभग नामुमकिन है.

वर्तमान में उनका टेस्ट फॉर्म भी कुछ खास अच्छा नहीं है. मुकुंद का नाम प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में गिना जाता है. जिन्होंने प्रथम श्रेणी में 145 मैच खेले हैं. इस पारी में उन्होंने 31 शतक और 37 अर्धशतक की बदौलत 10 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं. लेकिन, प्रदर्शन के मुताबिक टीम इंडिया में उन्हें कुछ खास मौके नहीं मिले.

9. अमित मिश्रा (Amit Mishra)

Amit Mishra

टीम इंडिया (Team India) के सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर में शुमार अमित मिश्रा का हाल तो सबसे ज्यादा दिलचस्प है. उन्होंने साल 2008-09 में अपना पदार्पण किया था और अपने 12 साल के लम्बे करियर में सिर्फ 22 टेस्ट मैच ही खेल पाए. 22 टेस्ट मैच में उन्होंने 75 खिलाड़ियों को अपना शिकार बनाया था.

वैसे अब तो वह वनडे और टी20 प्रारूप से भी बाहर हो चुके हैं. हालांकि बात करें उनके फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड की तो उन्होंने 152 मैच में अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाते हुए कुल 535 विकेट हासिल किए हैं. वहीं लिस्ट ए में 252 विकेट झटके हैं. हालांकि टेस्ट फॉर्मेट में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले थे और टीम की राजनीति का शिकार हो गए थे.

10. कर्ण शर्मा (Karn Sharma)

Karn Sharma

आईपीएल से अपनी पहचान पाने वाले कर्ण शर्मा को भी भारतीय टेस्ट टीम की जर्सी मिली थी. लेकिन, कर्ण शर्मा का भी टेस्ट करियर सिर्फ एक मैच में ही थम गया. जिसमें अपनी गुगली गेंदबाजी से उन्होंने एडिलेड की पिच पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 विकेट हासिल किए थे.

इसके साथ ही कर्ण शर्मा के घरेलू मैचों पर नजर दौड़ाई जाए तो उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. उन्होंने 76 फर्स्ट क्लास मैच में 199 विकेट हासिल किए हैं. इसके बावजूद कर्ण शर्मा को एक के बाद फिर दूसरे टेस्ट मैच में नहीं आजमाया गया.

11. वरुण आरोन (Varun Aaron)

Varun Aaron

इस टॉप-11 खिलाड़ियों की लिस्ट में 11वें और आखिरी नंबर पर वरूण आरोन काक नाम आता है जो बीते कुछ सालों पहले तक भारतीय टीम की तेज गेंदबाजी का भविष्य बताए जाते थे. लेकिन, उनका भविष्य भी अब गर्त में दिखाई दे रहा है. क्योंकि टीम इंडिया (Team India) की ओर से उन्हें सिर्फ 9 टेस्ट मैच में ही खेलना का मौका मिला है. इन 9 मैचों में उन्होंने 4.77 की इकोनॉमी रेट से रन लुटाते हुए कुल 18 विकेट अपने नाम किए हैं.

वहीं बात करें वरूण आरोन के प्रथम श्रेणी मैचों के रिकॉर्ड की तो उन्होंने 63 मैच में तेज गेंदबाजी के धार के दम पर  167 विकेट लिए हैं. हालांकि इन प्रदर्शन को चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज कर दिया. आरोन को भी शायद इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि आखिर उनकी ऐसी क्या गलती की थी कि चयनकर्ताओं ने उन्हें दोबारा मौके नहीं दिया. क्योंकि तेज गेंदबाजी क्रम में वो अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ने की काबिलियत रखते थे.

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