Team India: भारतीय क्रिकेट टीम एशिया कप 2023 के लिए श्रीलंका में मौजूद है. भारतीय टीम ने ग्रुप स्टेज में दो मुकाबले पाकिस्तान और नेपाल के खिलाफ खेले थे. पाकिस्तान के खिलाफ मैच बारिश की वजह से धुल गया था लेकिन नेपाल के खिलाफ बारिश से प्रभावित रहे मैच को टीम इंडिया ने 10 विकेट से जीता था. पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम का टॉप ऑर्डर बिखर गया था. पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों के सामने रोहित शर्मा, विराट कोहली, शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज असफल रहे. ऐसा फिर न हो इसके लिए टीम इंडिया जमकर तैयारी कर रही है और इसमें मदद भारत नहीं बल्कि श्रीलंका का एक पूर्व क्रिकेटर कर रहा है.
ये श्रीलंकाई बना भारत का मददगार
भारतीय टीम (Team India) को अक्सर तेज गेंदबाजों के सामने असहज देखा जाता है ऐसे में टीम इंडिया की इस मुश्किल को खत्म करने के लिए बीसीसीआई ने श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर और थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट नुआन सेनाविरत्ने को अपने साथ जोड़ा है. सेनाविरत्ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों के साथ काम करते हैं और तेज गेंदबाजों से कैसे निपटना है इस आधार पर बल्लेबाजों का अभ्यास आयोजित करते हैं.
कोहली ने पहचानी थी प्रतिभा
नुआन सेनाविरत्ने (Nuwan Seneviratne) भारतीय टीम के साथ 2018 से ही जुड़े हुए हैं. उन्हें टीम इंडिया के साथ जोड़ने का श्रेय पूर्व कप्तान विराट कोहली को जाता है. 2017 में भारतीय टीम जब श्रीलंका के दौरे पर गई थी तब उस समय के कप्तान विराट कोहली ने नुआन सेनाविरत्ने को श्रीलंकाई टीम के साथ काम करते हुए देखा था.
उस समय विराट ने ही बीसीसीआई से उन्हें टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ में शामिल करने की मांग की थी. बीसीसीआई ने 2018 में विराट की मांग पूरी करते हुए सेनाविरत्ने को 10 गुना ज्यादा पैसे देकर थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट के रुप में टीम इंडिया (Team India) की सपोर्ट स्टाफ में शामिल किया था.
टैक्सी ड्राइवर से नेशनल टीम के कोच का सफर
बतौर क्रिकेटर नुआन सेनाविरत्ने को बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली. वे श्रीलंका में सिर्फ 2 प्रथम श्रेणी मैच ही खेल सके थे. बाद के दिनों में वे टैक्सी चलाते थे और शाम को श्रीलंका ए टीम के साथ समय बिताते थे. वहीं पर उन्होंने श्रीलंका ए टीम के फिल्डिंग कोच मनोज अबेविक्रमा को असिस्ट करना शुरु किया. इसके बाद टीम के फिल्डिंग कोच बन गए और फिर 2016 में श्रीलंका नेशनल टीम के असिस्टेंट फिल्डिंग कोच बन गए.
श्रीलंका टीम के साथ जब वे इंग्लैंड दौरे पर गए तो उन्हें ग्राहम फोर्ड मिले और उन्होंने उन्हें इंग्लैंड टीम के साथ थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट के रुप में जोड़ा और फिर वे तभी से फिल्डिंग कोच की जगह थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट हो गए और श्रीलंकाई टीम से होते हुए भारतीय टीम (Team India) का हिस्सा बन गए.
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