अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) का पूरी तरह से शासन हो चुका है. यहां पर रहने वाले नागरिक दूसरे देशों में भागने को मजबूर हो गए हैं. लेकिन, इसका असर अभी तक क्रिकेट जगत और उसे चलाने वाले बोर्ड पर नहीं देखने को मिला है. इसका अंदाजा आप हाल ही में आए बयान और तस्वीर से लगा सकते हैं. क्या है पूरी खबर, जानिए इस रिपोर्ट के जरिए......
क्रिकेट जगत पर नहीं दिखा शासकों का राज
दरअसल बीते रविवार को तालिबान (Taliban) के नुमाइंदो ने अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम के सदस्यों और बोर्ड के अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी. इसके बाद अजीजुल्लाह फाजली (Azizullah Fazli) को अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (Afghanistan Cricket Board) का एक्टिंग चेयरमैन घोषित किया गया. अजीजुल्लाह पहले भी बोर्ड के चेयरमैन के पद पर रह चुके हैं. उन्हीं के हाथों में फिर से अफगानिस्तान क्रिकेट की जिम्मेजारी सौंपी गई है. यानी कि, वो भविष्य के टूर्नामेंट और सीरीज को लेकर जल्द निर्णय लेंगे.
इस मीटिंग में तालिबान (Taliban) ने वही बात दोहराई कि वो क्रिकेट को अपना समर्थन देते रहेंगे. इस बारे में उन्होंने यह बात भी कही कि, इस देश ने उस दौरान क्रिकेट खेलना शुरू किया था जब पिछली बार उन्होंने देश की सत्ता को संभाला था. इसलिए इस बार भी संगठन की तरफ से इस खेल को पूरा सपोर्ट किया जाएगा. यह वादा राजनीतिक कार्यालय और क्रिकेट खिलाड़ियों से बातचीत करने वाली टीम के सदस्य अनस हक्कानी ने किया.
क्रिकेट टीम को अपना समर्थन देने का जताया यकीन
क्रिकेट के अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में अफगानिस्तान टीम के कप्तान हशमतुल्ला शाहिदी (Hashmatullah Shahidi), पूर्व चीफ सेलेक्टर असादुल्ला और नूर अली जादरान (Noor Ali Zadran) मौजूद थे. बैठक के दौरान खिलाड़ियों ने अनस हक्कानी और उनके प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद कहा. साथ ही तालिबान से खेल जगत को सपोर्ट मिलने की भी उम्मीद जताई.
इससे पहले तालिबान (Taliban) की राजनीतिक टीम के सोहेल शाहीन ने भी क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने सभी को यकीन दिया था कि, वो उनके साथ हर परिस्थिति में खड़े रहेंगे. उस वक्त उन्होंने अपने बयान यह बात भी कही थी कि, मुझे भी अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच देखने का इंतजार है. अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच श्रीलंका में 1 से 5 सितंबर के बीच 3 वनडे मैचों की सीरीज खेली जानी है.