भारतीय क्रिकेट टीम इस वक्त तीनों ही फॉर्मेट में सबसे बड़ी टीम बनकर उभरी है. हालांकि WTC का फाइनल गंवाने के बाद टीम इंडिया की नजर अक्टूबर-नवंबर में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) पर टिकी होंगी. किसी भी तरह से WTC के हार की भरपाई भारत विश्व कप को जीतकर करना चाहेगा. लेकिन, टीम में कई ऐसे बड़े खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका कुछ सालों से टी20 फॉर्मेट में बेहद खराब प्रदर्शन रहा है.
उनके इस खराब प्रदर्शन का असर इस टूर्नामेंट में उनकी जगह पर पड़ सकता है. जिसके कारण चयनकर्ता उन्हें टीम नजरअंदाज कर सकते हैं. आज अपनी इस खास रिपोर्ट में उन्हीं 3 मशहूर भारतीय खिलाड़ियों की बात करने जा रहे हैं. जिन्हें इस टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
मोहम्मद शमी
इस लिस्ट में हम सबसे पहले बात करेंगे टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की, जिनका प्रदर्शन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में कमाल का रहा है. उन्होंने कई मौकों पर अपनी खतरनाक गेंदबाजों से विरोधी बल्लेबाजों के पसीने छुड़ा दिए हैं. लेकिन, टी20 फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है.
साल 2014 में भारतीय टीम की ओर से टी20 फॉर्मेट में डेब्यू करने वाले शमी को अब तक कुल 12 मैच में खेलने का मौका दिया गया है. इन 12 मुकाबलों में टीम की ओर से गेंदबाज करते हुए उन्होंने कुल 12 विकेट ही झटके हैं. उनका गेंदबाजी औसत 35.67 का रहा है. तो वहीं इकोनॉमी रेट (9.8) भी बेहद खराब रहा है.
यहां तक कि आईपीएल में भी पंजाब की ओर से उन्होंने इस साल पबहले चरण में कुल 8 मैच खेले थे और सिर्फ 8 विकेट चटकाए थे. आखिरी बार 2020 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. जिसमें उन्हें कोई सफलता हासिल नहीं हुई थी. उनके इस प्रदर्शन को देखकर इस बात का अंदाजा लगा पाना बेहद आसान है कि, टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) से उनका पत्ता कट सकता है.
कुलदीप यादव
इस सूची में दूसरे नंबर पर हम बात करने जा रहे हैं चाइनामैन कुलदीप यादव की, जो एक वक्त में टीम इंडिया के मुख्य स्पिन गेंदबाज हुआ करते थे. लेकिन, कुछ वक्त से टीम में वो लगातार अपनी जगह को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. वो चाहे टेस्ट में हो, वनडे में या फिर टी20 फॉर्मेट में हो. इस समय उन्हें श्रीलंका दौरे के लिए चुना गया है.
कुलदीप यादव के टी20 फॉर्मेट में प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने भारतीय टीम की ओर से अब तक कुल 20 मैच खेले हैं. इन मुकाबलों में उनकी परफॉर्मेंस भी लगभग ठीक रही है. 20 मैच में गेंदबाजी करते हुए उन्होंने कुल 39 विकेट चटकाए हैं. उनका गेंदबाजी औसत 13.77 का रहा है. जबकि इकोनॉमी रेट 7.11 का रहा है.
आखिरी बार उन्होंने भारतीय टीम की ओर से जनवरी 2021 में श्रीलंका के खिलाफ टी20 मैच खेला था. इसके बाद से उन्हें इस फॉर्मेट में खेलने का मौका नहीं दिया है. इतने वक्त से इस फॉर्मेट में नजरअंदाज किए जा रहे कुलदीप के टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) में खेलने की संभावना भी ना के बराबर नजर आ रही है. उनसे ज्यादा टीम में युवा खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है.
युजवेंद्र चहल
तीसरे और आखिर नंबर पर हम बात करने जा रहे हैं कि, टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल की, जो कप्तान विराट कोहली के बेहद करीबी माने जाते हैं. लेकिन, पहले के मुकाबले उनके प्रदर्शन में बेहद गिरावट नजर आई है. आलम ये है कि, अब उन्हें भी अपनी जगह के लिए थोड़ा संघर्ष करना पड़ता है. आखिरी टी20 मैच उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ मार्च (2021) में खेला था.
टी20 फॉर्मेट में इन दिनों विकेट झटकने के लिए भी उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा रहा है. हालांकि उनके प्रदर्शन पर नजर डालें. तो 2016 में इस फॉर्मेट में भारतीय टीम की तरफ से डेब्यू करने वाले युजवेंद्र ने कुल 48 मैच खेले हैं. इन मुकाबलों में गेंदबाजी करते हुए उन्होंने कुल 62 विकेट झटके हैं.
युजवेंद्र का गेंदबाजी औसत 25.4 का रहा है. जबकि उनका इकोनॉमी रेट 8.4 का है. जाहिर सी बात है उनके प्रदर्शन में पहले के मुकाबले काफी कमी है. इस समय वरूण चक्रवर्ती, प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाजों को ज्यादा तरजीह दी जा रही है. ऐसे में इस बार टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) में उनकी जगह बनती हुई भी नहीं दिखाई दे रही है.