इन 5 कारणों से अब हमेशा याद किया जाएगा साल 2021 का ये सिडनी टेस्ट मैच

Published - 12 Jan 2021, 12:04 PM

खिलाड़ी

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेला गया सिडनी टेस्ट मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ। लेकिन ये मैच भारत के लिए किसी बड़ी जीत से कम नहीं है। सिडनी टेस्ट को भारतीय क्रिकेट के इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा।

ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 338 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम 244 रन ही बना सकी। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 312 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के सामने 407 रनों का विशाल लक्ष्य था।

जिसका पीछा करते हुए भारत के रोहित शर्मा 52, चेतेश्वर पुजारा 77 व ऋषभ पंत 97 रनों की अहम पारी खेलकर मैच को आगे बढ़ाया। लेकिन अंत में हनुमा विहारी व रविचंद्रन अश्विन की दृढ़ता ने सिडनी टेस्ट को ड्रॉ करने में अहम भूमिका निभाई और यकीन मानिए इस मैच को इतिहास में जरुर याद किया जाएगा। तो आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं वह 5 कारण, जिसके चलते सिडनी टेस्ट को हमेशा किया जाएगा याद।

इन 5 कारणों से याद किया जाएगा सिडनी टेस्ट 2021

1- विराट कोहली के बिना ड्रॉ हुआ मैच

इंग्लैंड

सिडनी टेस्ट को याद करने के अहम कारणों में से एक भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली कि गैरमौजूदगी भी रहेगी। कोहली ने एडिलेड टेस्ट के बाद बचे हुए तीनों टेस्ट मैच से अपना नाम वापस ले लिया था और पैटरनिटी लीव पर चले गए थे।

विराट के वापस भारत के आने के बाद क्रिकेट के जानकारों ओर फैंस ने एक सांस में कहा था कि अब टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया में जीतना या अच्छा प्रदर्शन करना संभव नहीं है, लेकिन आज टेस्ट मैच ड्रॉ कराकर रहाणे एंड कंपनी ने सभी के मुहं पर ताले लगा दिए।

वाकई में रन मशीन विराट कोहली कि गैरमौजूदगी में सिडनी टेस्ट को ड्रॉ कराना टीम इंडिया के लिए किसी बड़ी बात से कम नहीं है। बता दें कि, मेहमान टीम ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरे टेस्ट मैच मे आठ विकेट से मात दी थी और कोहली उसमें टीम का हिस्सा नहीं थे।

2- स्टार गेंदबजों के बिना मैच हुआ ड्रॉ

इंजर्ड

सिडनी टेस्ट मैच को याद रखने कि दूसरी अहम वजह टीम में तेज गेंदबाज इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी का ना होना रहा। इशांत और शमी ये दोनों ही तेज गेंदबाज पिछले काफी समय से टीम इंडिया के लिए लाल गेंद के साथ लगातार दमदार प्रदर्शन करने नजर आए हैं।

ऐसे में इन दोनों स्टार गेंदबाजों की गैरमौजूदगी में सिडनी टेस्ट मैच को ड्रॉ पर रोकना किसी विशेष उपलब्धि में कम नहीं रहा। ये बात किसी से छिपी नहीं है कि इशांत और शमी टेस्ट फॉर्मेट में टीम के लिए कितने मायने रखते हैं।

आप की जानकारी के लिए बता दे, कि इशांत शर्मा आईपीएल में चोटिल होने के चलते ऑस्ट्रेलिया दौरे का हिस्सा नहीं बन सके थे, जबकि शमी एडिलेड टेस्ट में चोटिल होने के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शेष टेस्ट मैच से बाहर हो गए थे।

3- विहारी-अश्विन की पार्टनरशिप

सिडनी टेस्ट

इस सिडनी टेस्ट को याद रखने की एक बड़ी वजहों में से एक हनुमा विहारी और रविचन्द्रन अश्विन कि पार्टनरशिप का होना भी रहा। दोनों खिलाड़ियों ने छठे विकेट के लिए शानदार 62 रनों की नाबाद साझेदारी निभाई। इस साझेदारी के चलते ही सिडनी टेस्ट को हारने मे बची।

दोनों अगर छठे विकेट के लिए नाबाद साझेदारी ना निभाते तो भारत के हाथों से ये मुकाबला आसानी से निकल सकता था। चौथी पारी के दौरान हनुमा विहारी और अश्विन ने 259 गेंदों का मिलकर सामना किया। अश्विन ने 128 गेंदों पर 39 रन व विहारी ने 161 गेंदों पर 23 रन बनाए।

इस मैच में गजब की साझेदारी करने के साथ ही रविचंद्रन अश्विन व हनुमा विहारी भारतीय टीम के लिए चौथी पारी में पांचवें विकेट के लिए इतनी लंबी बल्लेबाजी करने वाली जोड़ी बन गई है।

4- चेतेश्वर पुजारा-ऋषभ पंत की साझेदारी

सिडनी टेस्ट

नई दीवार के नाम से क्रिकेट जगत में मशहूर चेतेश्वर पुजारा ने सिडनी टेस्ट में एक बार फिर अपनी बल्लेबाजी की नायाब झलक दिखाई। तो वहीं आक्रामक बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले ऋषभ पंत की भी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम होगी।

अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद ऋषभ पंत क्रीज पर आए। इसके बाद पंत और पुजारा ने 148 रनों की साझेदारी के साथ भारतीय टीम की जीत की उम्मीद जगाई। जहां, ऋषभ पंत 118 गेंद खेलकर 97 रन व पुजारा 205 गेंद पर 77 रन की पारी खेलकर आउट हुए।

पुजारा-पंत का एक शानदार कॉम्बिनेशन टेस्ट मैच में देखने को मिला। जहां, एक तरफ पंत अपनी आक्रामक शैली में बल्लेबाजी कर रहे थे, तो वहीं पुजारा डिफेंसिव खेल रहे थे। हालांकि इन दोनों बल्लेबाजों के आउट होने के साथ ही भारत के जीतने की उम्मीद खत्म हो गई और भारत ड्रॉ की तरफ आगे बढ़ा।

5- अजिंक्य रहाणे की शानदार कप्तानी

सिडनी टेस्ट

कप्तान विराट कोहली इस वक्त पैतृक अवकाश पर भारत में अपनी पत्नी अनुष्का के साथ वक्त बिता रहे हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर भारतीय टीम के प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी उपकप्तान अजिंक्य रहाणे के कंधों पर है।

रहाणे ने मेलबर्न टेस्ट मैच में जीत दिलाने के बाद सिडनी टेस्ट में भी बेहतरीन कप्तानी दिखाई। जी हां, रहाणे ने अपने गेंदबाजों का सही इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं पांचवें दिन जब रहाणे आउट हुए, तो नंबर-5 पर विहारी की जगह पंत को मैदान पर भेजा, ताकि एक छोर से वह रन बना सकें और पुजारा अपना स्वभाविक खेल खेल सकें।

सिडनी टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बाद क्रिकेट फैंस भी अजिंक्य रहाणे की कप्तानी से बेहद खुश हैं। सोशल मीडिया की बात करें, तो वहां अजिंक्य रहाणे को भारत का टेस्ट कप्तान नियुक्त करने की मांग की जा रही है।