5 भारतीय खिलाड़ी जो सिडनी टेस्ट के दौरान अच्छा प्रदर्शन कर बने टीम के हीरो

Published - 12 Jan 2021, 11:56 AM

खिलाड़ी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया सिडनी टेस्ट मैच ड्रॉ पर खत्म जरुर हुआ, लेकिन ये ड्रॉ भारतीय क्रिकेट टीम के लिए किसी जीत से कम नहीं होगी। इस ड्रॉ के लिए भारतीय खिलाड़ियों ने जी जान की बाजी लगा दी और आखिरी तक क्रीज पर टिके रहे।

सिडनी टेस्ट की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 338 रन बनाए। जवाब में भारत 244 पर ही ऑलआउट हो गया। इसके बाद दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलिया ने अच्छी बल्लेबाजी की और 312 रन पर पारी घोषित की और भारत के सामने 407 रनों का लक्ष्य रखा।

मगर पांचवें दिन भारत ने जिस तरह का खेल दिखाकर मैच को ड्रॉ पर अंत किया और 5 विकेट हाथ में रखे, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम ही होगी। तो आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं उन 5 खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने सिडनी टेस्ट मैच में निभाई हीरो की भूमिका।

सिडनी टेस्ट मैच में निभाई हीरो की भूमिका

5- रविंद्र जडेजा

team India-hazlewood and jadeja

भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी रविंद्र जडेजा का नाम इस लिस्ट में होना लाजमी है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सिडनी टेस्ट मैच में बल्लेबाजी करते हुए गजब की शुरुआत की थी, उनका स्कोर 200-2 था। भारतीय गेंदबाजों की पिटाई हो रही थी, तभी जडेजा ने लाजवाब गेंदबाजी की और 62 रन देकर 4 ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया।

इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया की तूफानी बल्लेबाजी 338 पर थमी। हालांकि इसके बाद बल्लेबाजी के दौरान जडेजा को अंगूठे पर चोट लगी, जिसके चलते वह दूसरी पारी में गेंदबाजी करने मैदान पर नहीं उतर सके।

लेकिन खिलाड़ी का जज्बा देखिए, इंजर्ड होने के बावजूद जब हनुमा विहारी व रविचंद्रन अश्विन मैदान पर लड़ रहे थे, तो वह भी पैड पहनकर तैयार बैठे थे कि यदि विकेट गिरता है तो वह मैदान पर आएं। हालांकि आखिर में इसकी जरुरत नहीं पड़ी।

4- ऋषभ पंत

सिडनी टेस्ट

विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत की आज जितनी तारीफ की जाए कम ही होगी। असल में भारतीय क्रिकेट टीम के सामने पांचवें दिन 309 रनों का बड़ा लक्ष्य था। रोहित शर्मा के विकेट गिरने के साथ ही मानो भारत ने सिडनी टेस्ट मैच से उम्मीद ही छोड़ दी थी, क्योंकि इतना लंबा रन चेज आसान नहीं होने वाला था।

मगर युवा खिलाड़ी ऋषभ पंत, अजिंक्य रहाणे के विकेट गिरने के बाद मैदान पर आए और उन्होंने 118 गेंदों पर 97 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर भारत को लक्ष्य के नजदीक पहुंचाया ही बल्कि भारतीय खेमा, जो कि उम्मीद खो चुका था, उसे एक नई उम्मीद देकर पवेलियन लौटे।

सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन ऋषभ पंत को कोहनी में चोट लगी थी और उनका इस मैच में खेलना भी मुश्किल था। लेकिन बल्लेबाज ने हिम्मत नहीं हारी और फिट होकर मैदान पर लौटे। अपने करियर की एक बेहद अहम पारी खेली।

3- चेतेश्वर पुजारा

सिडनी टेस्ट

भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा टेस्ट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को पहली इनिंग में बेहद धीमी बल्लेबाजी के लिए ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। तमाम दिग्गज खिलाड़ियों ने भी उनकी खेलने की शैली पर अंगुली उठाई, मगर ये कहना गलत नहीं होगा की सिडनी टेस्ट को ड्रॉ कराने में चेतेश्वर पुजारा का अहम योगदान रहा।

पुजारा ने दूसरी पारी में 205 गेंदों का सामान किया और 77 रन बनाए। ना केवल वह क्रीज पर टिके रहे बल्कि उन्होंने दूसरे छोर पर खड़े ऋषभ पंत को उनका स्वभाविक खेल खेलने की आजादी दी, जिसका परिणाम है कि ये टेस्ट मैच ड्रॉ तक पहुंच सका।

चेतेश्वर पुजारा इस सीरीज में रहाणे के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने 31.67 के औसत से 190 रन बनाए।

2- हनुमा विहारी

Indian Team

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सिडनी टेस्ट को ऐतिहासिक बनाने में हनुमा विहारी का अहम योगदान रहा। बल्लेबाज पहली पारी में भले कुछ खास नहीं कर सका, लेकिन दूसरी पारी में वह मैच के हीरो बनकर सामने आए।

जी हां, जब भारत को ऐसे बल्लेबाज की जरुरत थी, जो क्रीज पर सिर्फ ओवर निकाले और विकेट संभालकर खड़ा रहे। उस वक्त हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने वह काम किया। दोनों खिलाड़ियों के बीच 259 गेंदों की साझेदारी हुई, जिस दौरान उन्होंने 62 रन बनाए।

विहारी को मैच के दौरान हेम्सट्रिंग इंजरी भी हुई, लेकिन इसके बावजूद वह क्रीज पर टिके रहे और सिडनी टेस्ट को ड्रॉ कराकर अंत में भारत को गौरांवित किया। विहारी ने 161 गेंदों का सामना किया और सिर्फ 23 रन बनाए, लेकिन उन्होंने भारत के लिए सिडनी टेस्ट को यादगार बना दिया।

1- रविचंद्रन अश्विन

सिडनी टेस्ट

ये कहना अधिक नहीं होगा कि ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी की साझेदारी ने भारत को सिडनी टेस्ट में ड्रॉ तक पहुंचाया। दरअसल, भले ही शुरुआत ऋषभ पंत, चेतेश्वर पुजारा ने दी हो, लेकिन आखिर तक ले जाने का काम रविचंद्रन अश्विन व हनुमा विहारी ने किया।

दोनों खिलाड़ी विकेट के सामने दीवार बनकर खड़े हो गए और अपने विकेट को संभाले रखा। उनकी बल्लेबाजी के दौरान, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी उन्हें उकसाने के लिए लगातार कमेंट्स करते रहे, लेकिन अश्विन ने ना तो संयम खोया और ना वह दिशा से भटके।

आखिर तक वह क्रीज पर टिके रहे और विहारी के साथ 259 गेंदों की साझेदारी की। अश्विन ने खुद 128 गेंदों का सामना किया और 39 रन बनाए।

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