भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर सुरेश रैना (Suresh Raina) अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बावजूद अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं. कभी IPL से बाहर रहने की वजह से तो कभी कमेंट्री के दौरान दिए गए अपने बयानों से रैना मीडिया में बने रहते हैं. अब रैना (Suresh Raina) ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिसने उन्हें लाइमलाइट तो दिलाई है साथ उन्हें विवादों में भी ला दिया है. सुरेश रैना के इस बयान ने उनकी देश भक्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं. रैना ने ये बयान पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को लेकर दिया है.
सुरेश रैना ने दिया विवादित बयान
सुरेश रैना की धोनी के साथ नजदीकी किसी से छुपी नहीं है और वे अक्सर धोनी की तारीफ करते रहते हैं लेकिन इस बार धोनी की तारीफ उन्हें महंगी पड़ सकती है. दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान धोनी के बारे में बात करते हुए सुरेश रैना ने कहा कि, "मुझमें और धोनी में काफी समनाताएं हैं. वे रांची जैसे छोटे शहर से आए जबकि मैं गाजियाबाद से, हम दोनों ने लगभग पूरा करियर एक साथ बिताया, IPL में भी साथ रहे, इसलिए धोनी के साथ मेरा एक विशेष जुड़ाव है और मुझे लगता है कि पहले धोनी और फिर देश के लिए खेला."
गौरतलब है कि रैना का पूरा बयान तो सही है लेकिन आखिरी बात जो उन्होंने कही है वो शायद ही किसी के गले उतरे.
रैना ने धोनी के साथ किया था संन्यास का ऐलान
सुरेश रैना महेंद्र सिंह धोनी के कितने करीब हैं इसका अंदाजा उनके संन्यास के फैसले से लगाया जा सकता है. धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था. फैंस इस खबर को पूरी तरह शायद पढ़ भी न पाएं हो तभी रैना ने भी संन्यास की घोषणा कर दी थी. रैना का ये अपना फैसला था लेकिन शायद गलत था. वैसे सुरेश रैना ने अपने करियर में 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 टी 20 मैच खेले हैं. टेस्ट में उनके बल्ले से 768, वनडे में 5615 और टी 20 में 1604 रन निकले हैं. इसके अलावा रैना ने तीनों फॉर्मेट में कुल 62 विकेट भी लिए हैं.
गंभीर से ही सीख लेते रैना
किसी खिलाड़ी के लिए अपने दिल में सम्मान रखना ठीक है लेकिन बात जब खिलाड़ी और देश के बीच चुनाव की हो तो पहले देश ही आना चाहिए. सुरेश रैना को गौतम गंभीर से सीखना चाहिए. गौतम गंभीर 2011 में वर्ल्ड कप जीतने वाली इंडियन टीम के हीरो रहे हैं. फाइनल में 97 रनों की पारी खेल उन्होंने इंडिया को चैंपियन बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.
वो तेंदुलकर का आखिरी विश्व कप था. गंभीर से एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि क्या आपलोगों ने तेंदुलकर के लिए विश्व कप जीता तो गंभीर का जवाब था देश के लिए. गंभीर चाहते तो सचिन कह सकते थे लेकिन उन्होंने देश चुना. क्योंकि किसी भी खिलाड़ी के लिए देश से बड़ा कोई और नहीं हो सकता लेकिन रैना शायद ये नहीं समझ पाए.
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