सौरव गांगुली और जय शाह पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, BCCI पर बने रहने को लेकर दिया ऐसा तर्क, जानिए पूरा मामला

Published - 14 Sep 2022, 12:54 PM

supreme court on sourav ganguly and jay shah

BCCI: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) पर सुप्रीम कोर्ट की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. बुधवार को बोर्ड में प्रस्तावित नए बदलावों को कोर्ट ने मान्य करार दिया है. ऐसे में अब यह बदलाव मौजूदा समय के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को उनके कार्यकाल के विस्तार की अनुमति देगा. यानी कि अभी भी दादा और जय शाह अपने पद (BCCI) पर बने रहेंगे. क्या है इससे जुड़ी पूरी रिपोर्ट आइये जानते हैं.

गांगुली और शाह के कार्यकाल पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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दरअसल सौरव गांगुली और शाह दोनों का पहला कार्यकाल इस महीने की शुरुआत में बीसीसीआई (BCCI) के संविधान में 'कूलिंग ऑफ पीरियड' क्लॉज के मुताबिक समाप्त हो गया था. लेकिन, अब कोर्ट के फैसले के बाद सौरव गांगुली तीन साल तक बीसीसीआई के अध्यक्ष बने रहेंगे और जय शाह को भी अगले तीन साल तक बीसीसीआई सचिव बनना तय माना जा रहा है.

उच्चतम न्यायालय ने इस पर अपना तर्क देते हुए कहा कि पदाधिकारियों का कार्यकाल लगातार 12 साल का हो सकता है. इसमें राज्य संघ में छह साल और बीसीसीआई में छह साल शामिल हैं.

छह साल पूरे करने के बाद भी अपने पद पर बने रहेंगे गांगुली और जय शाह

sourav ganguly jay shah

बता दें कि बीसीसीआई (BCCI) ने अपने प्रस्तावित संशोधन में, अपने पदाधिकारियों के लिए कूलिंग-ऑफ अवधि को खत्म करने की मांग रखी थी, जिससे सौरव गांगुली और जय शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अध्यक्ष और सचिव के रूप में पद पर बने रहेंगे. उच्च अदालत ने बुधवार (14 सितंबर) को अपने फैसले में कहा कि वह बीसीसीआई में एक पदाधिकारी को लगातार दो कार्यकाल के लिए पद धारण करने की अनुमति देगा. भले ही वे एक कार्यकाल के लिए राज्य संघ में पद पर हों.

जजों की पीठ ने दिया ऐसा तर्क

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आपको बता दें कि बीसीसीआई (BCCI) के संविधान के मुताबिक एक पदाधिकारी को राज्य संघ या बीसीसीआई या दोनों संयुक्त रूप से लगातार दो कार्यकालों के बीच तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि का सामना करना पड़ता है. भारतीय बोर्ड की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से कहा कि देश में क्रिकेट का खेल काफी व्यवस्थित है. उन्होंने कहा कि बीसीसीआई एक स्वायत्त संस्था है और सभी बदलावों पर क्रिकेट संस्था की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में विचार किया गया.

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