भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की ओर से अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों के लिए 'कूलिंग ऑफ पीरियड' की अवधि से संबंधित नियमों में बदलाव के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसको लेकर अब सुनवाई कल यानि 21 जुलाई को निर्धारित की गई है। इस याचिका में बीसीसीआई की ओर से अध्यक्ष और सचिव का कार्यकाल बढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करने वाली है।
BCCI की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
दरअसल, बीसीसीआई (BCCI) की ओर से साल 2020 में याचिका दायर की गई थी। इसके बाद 15 जुलाई 2022 को भारतीय क्रिके बोर्ड की ओर से 6 नियमों में बदलाव करने की मंजूरी को लेकर सुनवाई की मांग की गई थी। बोर्ड के द्वारा दायर याचिका में मुख्य तौर से अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल बढ़ाने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी। ऐसे में कल की सुनवाई के बाद साफ जाएगा की सौरव और जय की जोड़ी बीसीसीआई में बनी रहेगी या नही।
इस नियम में संशोधन को लेकर होगी सुनवाई
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के मौजूदा नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो बीसीसीआई या राज्य क्रिकेट निकाय में पदाधिकारी रहा हो। उसे अपने कार्यकाल की 6 साल की अवधि के बाद अनिवार्य रूप से 3 साल के लिए "कूलिंग ऑफ पीरियड" निभाना पड़ता है। यानि की 3 साल की अवधि तक वो शख्स किसी भी राज्य निकाय या बीसीसीआई में कोई भी पद हासिल नहीं कर सकता है। 21 जुलाई को इसी नियम में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई निर्धारित की गई है।
सितंबर में खत्म हो रहा है गांगुली-शाह का कार्यकाल
साल 2019 में भी बीसीसीआई (BCCI) की आम सभा में नियम नंबर-6 में बदलाव का प्रस्ताव जारी किया गया था। इसी नियम के अंतर्गत "कूलिंग ऑफ पीरियड" भी आता है। आपको बता दें कि बीसीसीआई के मौजूदा सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल इस साल सितंबर के महीने में खत्म होने वाला है। इससे सौरव ने बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के लिए काम किया था, जबकि जय शाह गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी थे।