Sunil Gavaskar: न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने अपने करियर का पहले टेस्ट शतक जड़ा था। उन्होंने ताबड़तोड़ अंदाज में 150 रनों की पारी खेली और पहली पारी में 46 रनों पर सिमटने के बाद इस मुकाबले में टीम इंडिया (Team India) की वापसी कराई। अपनी पारी के दौरान सरफराज खान ने कई अनोखे शॉट खेले।
इन शॉट्स को देखकर कीवी टीम के खिलाड़ी भी हैरान थे। ये शॉट्स खेलते समय सरफराज को फिटनेस में कोई परेशानी नहीं हुई। जिसके बाद अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने यो-यो टेस्ट पर फिर से सवाल खड़ किए हैं।
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Sunil Gavaskar ने की यो-यो टेस्ट खत्म करने की मांग
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने बीसीसीआई (BCCI) से यो-यो टेस्ट को खत्म करने की मांग की है। उन्होंने एक बार अपनी राय देते हुए कहा है कि किसी भी खिलाड़ी की परफोर्मेंस का अंदाजा उसके मोटापे या शरीर से नहीं लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यो-यो टेस्ट को हटाकर खिलाड़ी मानसिक रूप से कितने फिट हैं। उन्होंने अपने कॉलम में लिखा-
“अगर कोई खिलाड़ी दिन भर में 20 ओवर फेंक सकता है या दिन भर बल्लेबाजी कर सकता है तो वह मैच के लिए फिट है। इससे फर्क नहीं पड़ता है कि उसकी कमर कितनी पतली है।“
Sarfaraz Khan ने Sunil Gavaskar को किया प्रभावित
बांग्लादेश के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट की दूसरी पारी में 150 रन बनाने वाले सरफराज खान ने सुनील गावस्कर और अपनी बल्लेबाजी से काफी प्रभावित किया है। उनकी इस पारी के बाद गावस्कर ने तंज कसते हुए उनकी कमर का उदाहरण दिया। हालांकि ये तंज सरफराज के लिए नहीं बल्कि बीसीसीआई के लिए था। 'स्पोर्टस्टार' के लिए लिखे अपने कॉलम में गावस्कर ने लिखा-
"सरफराज ने बेंगलुरु में अपनी कमर के मुकाबले बल्ले से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया। अफसोस की बात है कि भारतीय क्रिकेट में बहुत सारे ऐसे निर्णय लेने वाले लोग हैं जिनके विचारों को समझ पाना मुश्किल है।"
Rishabh Pant के लिए भी कही ये बात
सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने ऋषभ पंत की बल्लेबाजी और उनकी फिटनेस की भी काफी सराहना की। उन्होंने कहा-
"ऋषभ पंत एक और खिलाड़ी हैं, जिनके पास वह पतली कमर नहीं है जो ये फिटनेस विशेषज्ञ चाहते हैं। लेकिन वे एक प्रभावशाली खिलाड़ी हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे पूरे दिन विकेटकीपिंग भी करते हैं, जिसके लिए न केवल लगभग छह घंटे तक उठना-बैठना पड़ता है, बल्कि थ्रो को पकड़ने के लिए स्टंप तक दौड़ना भी पड़ता है। इसलिए, कृपया इन यो-यो टेस्ट को दरकिनार कर यह देखें कि कोई खिलाड़ी मानसिक रूप से कितना मजबूत है।"
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