ICC Pitch Rating: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में 3 टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं. नागपुर और दिल्ली में खेले गए पहले और दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को हराया था जबकि इंदौर में खेले गए तीसरे टेस्ट भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 9 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा है. नागपुर, दिल्ली और इंदौर में खेले गए तीनों टेस्ट तीसरे ही दिन समाप्त हो गए. 5 दिनों का टेस्ट मैच तीन दिन में समाप्त हो तो बवाल लाजमी है और ये हो भी रहा है. तीन दिन में टेस्ट समाप्त होने को लेकर पिचों पर सवाल उठने शुरु हो गए हैं.
ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने उठाया सवाल
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर (Mark Taylor) ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए तीनों टेस्ट मैच की पिचों की जमकर आलोचना की है. मार्निंग हेराल्ड से बात करते हुए टेलर ने कहा, तीनों टेस्ट मैचों के लिए खराब पिचों का इस्तेमाल किया गया है. मुझे लगता है कि इन पिचों को तैयार करने में कोई चालबाजी बरती गई है. इंदौर की पिच सबसे खराब थी. किसी पिच पर अगर स्पिनर्स को चौथे या पांचवे दिन मदद मिले वो तो समझ आता है लेकिन पहले दिन से ही स्पिनर्स को मदद नहीं मिलनी चाहिए. ये बताता है कि इंदौर की पिच बेहद खराब थी.
ICC ने दी पिच रेटिंग
ICC ने भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में पिचों पर अपनी राय रखी (ICC Pitch Rating) है और पिचों को रेटिंग दी है. ICC ने नागपुर और दिल्ली की पिचों को जहां औसत रेटिंग दी है वहीं इंदौर के होल्कर स्टेडियम की पिच को 'खराब' रेटिंग दी है. ICC द्वारा भारतीय पिचों को रेटिंग दिए जाने के बाद पिच पर हो रही बहस और तेज हो गई है.
गावस्कर और टेलर की राय जुदा
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने ICC द्वारा इंदौर की पिच को खराब (ICC Pitch Rating) बताए जाने पर निराशा जाहिर की है. उन्होंने कहा, 'जब ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच हाल में खेला गया टेस्ट दो दिन में खत्म हो गया था तब ICC ने पिच को 'औसत से खराब' कहा था इसलिए इंदौर की पिच को 'खराब' नहीं कहा जा सकता.'
वहीं मार्क टेलर ने ICC द्वारा दी गई पिच रेटिंग (ICC Pitch Rating) को सही बताया है. टेलर ने गावस्कर के बयान का विरोध करते हुए कहा कि, 'गाबा की पिच पर ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के गेंदबाजों के लिए समान मौके थे. अफ्रीकी टीम में 4 तेज गेंदबाज थे लेकिन भारत में ऐसा नहीं है. भारतीय पिचें जानबूझकर सिर्फ भारतीय स्पिनर्स को मदद देने के लिए बनाई गई हैं. इंदौर में हमारे स्पिनर्स उनके स्पिनर्स पर भारी पड़ गए.'