मेरे पिता मिस्त्री थे दादा ने किया सपोर्ट, जानिए रणजी ट्रॉफी में शतक ठोकने वाले युवा की संघर्षभरी कहानी...

Published - 07 Jun 2022, 12:33 PM

ranji trophy 2022

बंगाल के बल्लेबाज सुदीप कुमार घरामी (Sudip Kumar Gharami) ने पहले दिन शानदार बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 106* रन बना लिए हैं. उसके पास सुनहरा मौका है कि वह अगले दिन इस शतक को दोहरे शतक में बदल शकते हैं. रणजी ट्रॉफी का क्वार्टर फाइलन झारखंड और बंगाल के बीच खेला जा रहा है.

जिसमें बंगाल की टीम ने शानदार शुरूआत की है. बंगाल ने 89 ओवरों में 1 विकेट के नुकसान पर झारखंड के खिलाफ 310 रन बना लिए हैं. वहीं अपने इस शतक को लेकर सुदीप कुमार सुर्खियों में बने हुए हैं. फैंस इस युवा खिलाड़ी के बारे में जानने के लिए बेहद उत्सुक हैं.

Sudip Kumar Gharami ने क्रिकेटर बनने के लिए की कड़ी मेहनत

Sudip Kumar Gharami

बंगाल के बल्लेबाज सुदीप कुमार घरामी (Sudip Kumar Gharami) उभरते हुए क्रिकेटर हैं. जिन्होंने रणजी ट्रॉफी में झारखंड के खिलाफ शतक लगाकर अपनी काबिलियत का नमूना पेश किया है. बीसीसीआई रणजी ट्रॉफी का आयोजन हर साल इसीलिए करती है, ताकि नए टैलेंट को ढूंढ कर लाया जा सके. सुदीप कुमार की क्रिकेटर बनने की कहानी आपको थोड़ा इमोशनल कर सकती है. क्योंकि एक क्रिकेटर बनने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है, भला सुदीप कुमार घरामी से अच्छा कौन जान सकता है.

सुदीप कुमार ने एक वेबसाइट से बात करते हुए अपने क्रिकेटर बनने के सफर पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही क्रिकेटर बनाना चाहते थे. मगर उनके घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. उनके पिता एक राज मिस्त्री थे. जो उन्हें एक अच्छा क्रिकेटर बनाना चाहते थे, मगर उनके पास उतने पैसे नहीं होते थे. जो वह सुदीप कुमार घरामी अच्छी क्रिकेट एकडेमी की मूल भूत सुविधाओं से अवगत करा सकें.

दादा ने क्रिकेटर बनाने में दिया अहम योगदान

Sudip Kumar Gharami
Sudip Kumar Gharami

कहते हैं अहर पूरी शिद्द के साथ खुदा को ढूंढा जाए तो वह भी मिल जाता है... लेकिन उसके लिए कड़ी तपस्या करनी पड़ती है. ऐसा ही कुछ बंगाल के युवा खिलाड़ी सुदीप कुमार घरामी (Sudip Kumar Gharami) के साथ हुआ. वह बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे, मगर उन्होंने अपनी मजबूरी और आर्थिक कमजोरी को अपने सपनों पर कभी हावी नहीं होने दिया.

मिट्टी के घर में रहने वाले खिलाड़ी के सपनों में पंख लगाने का काम उनके दादा जी ने किया. भगवान धरती पर किसी नी किसी को अवतार बनाकर जरूर भेजता है. सुदीप कुमार घरामी के सपनों को किसी की नजर ना लग सकें. दादा की दया और खुद की मेहनत से घरामी U-19 23 से खूब पैसे कमाया. जिससे काफी हद तक उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया.

सौरव गांगुली ने Sudip Kumar Gharami के टैलेंट को पहचाना

Sudip Kumar Gharami
Sudip Kumar Gharami

टैलेंटेड खिलाड़ी को भला कोई नजरअंदाज क्यों करेगा, बल्कि हर कोई चाहेगा की वह अपनी काबिलियत से पूरे देश के सामने रख कर अपने मुल्क का नाम रौशन करे. बंगाल के बल्लेबाज सुदीप कुमार घरामी (Sudip Kumar Gharami) ने जिस आक्रामक अंदाज से रणजी में झारखंड के खिलाफ शतक लगाया है. इसके पीछे बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली का हाथ बताया जाता है.

क्योंकि, उन्होंने इस खिलाड़ी को U-19 व U-23 में खेलता देख फास्ट्रैक करवाया था, जिस तरह से सौरव गांगुली ने साल 1990 में रणजी ट्रॉफी में अपना डेब्यू किया था. ठीक वैसे ही इस खिलाड़ी ने साल 2020 में बंगाल की ओर से खेलते हुए सौराष्ट के खिलाफ राजकोट के खंडेरी स्टेडियम में डेब्यू किया था.

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