टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बॉल टेंपरिंग में फंसे कंगारू खिलाडियों (स्मिथ, वार्नर और बैनक्रोफ्ट) के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है. दादा ने खास तौर पर स्मिथ का सपोर्ट करते हुए कहा कि उन्हें पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान के साथ पूरी सहानुभूति है और मानते हैं कि केपटाउन टेस्ट में जो कुछ भी हुआ वह सब धोखेबाजी नहीं थी.
गौरतलब है कि केपटाउन टेस्ट में आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी गेंद से छेड़छाड़ करते पाए गए थे जिसके बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कप्तान स्मिथ व उपकप्तान वार्नर पर एक साल का प्रतिबन्ध व युवा क्रिकेटर बैनक्रोफ्ट पर 9 महीने का बैन लगाया है. इस मसले पर ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने भी इन खिलाडियों पर सख्त एक्शन लिए जाने का आदेश दिया था.
गुरुवार को गांगुली ने किताब ‘अ सेंचुरी इज नॉट इनफ’ के लांच के बाद कहा,
"मुझे स्टीव स्मिथ से पूरी सहानुभूति है और उम्मीद करता हूं कि वह वापसी करेगा और आस्ट्रेलिया के लिये रन जुटायेगा। क्योंकि मुझे नहीं लगता कि यह धोखेबाजी थी, सही बात कहूं तो मैं नहीं मानता कि यह धोखा था.’’
वहीं जानकारी की माने तो स्टीव स्मिथ और कैमरन बैनक्रॉफ्ट गेंद से छेड़छाड़ किए जाने के प्रकरण को लेकर उन पर लगाए गए एक साल के प्रतिबंध को चुनौती नहीं देंगे. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्मिथ ने सजा को सही ठहराते हुए कहा कि इसका मकसद एक ‘‘कड़ा संदेश’’ देना है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने प्रकरण को लेकर स्मिथ, उप कप्तान डेविड वार्नर पर एक-एक साल का और युवा गेंदबाज कैमरन बैनक्रॉफ्ट पर नौ महीने का प्रतिबंध लगाया है.
बताते चलें, दक्षिण अफ्रीका का दौरा ऑस्ट्रेलिया के लिए काफी बुरा साबित हुआ, प्रकरण के अलावा मेहमान टीम को टेस्ट सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा. प्रतिबंधों को चुनौती देने की आखिरी तारीख 11 अप्रैल है.
स्मिथ ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मैं इससे उबरने और दोबारा देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं. लेकिन मैं ऐसा केवल टीम की कप्तानी की पूरी जिम्मेदारी लेने के संबंध में कह रहा हूं. मैं प्रतिबंध को चुनौती नहीं दूंगा. सीए ने एक कड़ा संदेश देने के लिए प्रतिबंध लगाए हैं और मैंने उसे स्वीकार कर लिया है’’ ऐसी अटकलें हैं कि वार्नर सजा को चुनौती दे सकते हैं.