श्रीलंका (Sri Lanka) और उसके फैंस इन दिनों देश में आए आर्थिक संकट की आपात स्थिति से जूझ रहे हैं. श्रीलंका में क्रिकेट को खूब देखा और पसंद किया जाता है. हांलाकि सरकार की गलत नीतियों के चलते लंका इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. वहां आए आर्थिक संकट ने लोगों के जीवन को तहस नहस कर दिया है, लोगों को पेट्रोल और डीजल नहीं मिल पा रहा है. महंगाई अपनी चरम पर पहुंच गई है. खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान पर हैं, वहीं क्रिकेट के दीवाने इन सबको भुलाने के लिए क्रिकेट को अपना सहारा बना रहे हैं.
आर्थिक संकट से ध्यान भटकाने के लिए देख रहे हैं क्रिकेट
श्रीलंका (Sri Lanka) इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. इस बात का डंका पूरी दुनिया में बज चुका है. वहां के आम नागरिकों का जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है. लोगों की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. श्रीलंका नकदी की कमी के साथ-साथ पेट्रोल की कमी से भी जूझ रहा है. जिसका असर खाने पीने की चीजों पर साफ तौर पर देखा जा सकता है.
एक सप्ताह के लिए स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया. श्रीलंका (Sri Lanka) सरकार ने जून में भी इसी तरह का कदम उठाया था जब फ्यूल की कमी ने सरकार के कार्यालयों और स्कूलों के संचालन को बाधित कर दिया था.
इस मुश्किल घड़ी में लंका के लोग करें भी तो क्या करें? वहीं एक फैन ने इन सब बातों को लेकर कहा कि हम आर्थिक तंगी और आर्थिक सकंट से अपना ध्यान भटकाने के लिए क्रिकेट देख रहे हैं. गॉल में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट अपने 10 साल के बेटे के साथ देखने पहुंचे उजित निलांथा ने कहा,
‘दुख के समय में हमारे पास सिर्फ क्रिकेट है. अपने दिमाग को शांत करने के लिए हम यहां क्रिकेट देखने आए हैं. हां, देश में समस्याएं हैं, लोग गरीब हो रहे हैं और सभी तरह की समस्याओं के सामने असहाय हैं. हम नीरस जीवन जी रहे हैं और कभी-कभी 5, 6 या 7 दिन ईंधन के लिए लगी कतार में बिता रहे हैं .’’
'हम बच्चों को उनकी जरूरत की चीजें नहीं दे पा रहे हैं'
जब किसी देश में बुरे हालात आते हैं तो उसका सीधा असर वहां की जनता पर पड़ता है, ऐसा ही नजारा श्रीलंका (Sri Lanka) में देखने को मिल रहा है, क्योंकि वहां अभी भी आर्थिक संकट बना हुआ है. जिसका सामना लंका के नागरिक कर रहे हैं.
लोगों के पास आम जिंदगी जीने वाले संसाधनों की भी कमी हो गई है और ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को उनकी जरूरत की चीजें नहीं दे पा रहे हैं. श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच देखने आए फैंस ने कहा,
‘बच्चों के लिए कोई खुशी नहीं है और हम बच्चों को उनकी जरूरत की चीजें नहीं दे पा रहे हैं. जब हम इसे (क्रिकेट) देखते हैं तो मानसिक रूप से बेहतर महसूस करते हैं'