सौरव गांगुली के लिए एक वक्त पर बंद हो चुके थे टीम इंडिया के सभी दरवाजे, फिर इस ऐड ने बचाया था दिग्गज का करियर

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Rubin Ahmad
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सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की गिनती टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में होती है. उनका नाम आज क्रिकेट जगत में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है, लेकिन इस खिलाड़ी के जीवन में एक समय ऐसा भी आया था. जब गांगुली से साल 2006 में टीम की कप्तानी छीन ली गई और उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. यूं समझा जा रहा था कि गांगुली क्रिकेट की दुनिया में अब दोबारा वापसी नहीं कर पाएंगे, लेकिन उनके जीवन में पेप्सी का एक ऐड वरदान बनकर सामने आया. चलिए जानते हैं जिस पेप्सी के ऐड को दादा करने के लिए तैयार नहीं थे. उस ऐड ने उनकी जिंदगी कैसे बदल दी?

पेप्सी के इस ऐड ने बदली दी थी Sourav Ganguly की जिंदगी

Sourav Ganguly Sourav Ganguly

मेरा नाम सौरव गांगुली है भूले तो नहीं'. जब पेप्सी की इस टैग लाइन को पहली बार हर किसी ने सुना, तो वह दंग रह गया. क्योंकि जो खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए जीत के झंडे गाड़ रहा हो. वो अचानक ऐसी बाते करें तो अजीब सा तो लगेगा ही ना. पेप्सी की इस टैग लाइन के पीछे ग्रेग चैपल (Greg Chappell) और सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की लड़ाई का दर्द छिपा था, क्योंकि ग्रेग चैपल को भारत में लाने का गांगुली को क्या पता था कि एक दिन चैपल ही उनकी पीठ पर वार करेंगे.

चैपल ने गांगुली के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया था. साल 2006 में गांगुली टीम की कप्तानी छीन ली गई और उन्हें टीम से निकाल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. उनकी स्पोर्ट में उतरने वाले खिलाड़ियों और मैनेजमेंट में बैठे अधिकारियों का मुंह पर ताला लगवा दिया था. इन सबके पीछे कोच ग्रेग चैपल का हाथ था. जिस इंसान पर दादा ने भरोसा किया उसी ने दादा के विश्वास को तार-तार कर दिया था.

मगर ये सब अनुमान धाराशायी हो गए, क्योंकि जिस वक्त दादा के जीवन में ये सब चीजें चल रही थी. उसी साल यानी साल 2006 पेप्सी के सीईओ का उन्हें फोन आया और उनसे पेप्सी का ऐड करने के लिए कहा गया. दादा भी किसी कारणवश इस ऐड को मना नहीं कर पाए और वो इस ऐड को करने के लिए राजी हो गए. इसके बाद जाकर उस एड को शूट किया गया.

पेप्सी ने इंडियन क्रिकेटर के दमपर भारतीय मार्केट पर लगभग कब्जा कर लिया था. ये दिल मांगे मोर, ओए बबली ओए-ओए बबली जैसे एड फैन भूल नहीं पाएंगे. पेप्सी जिस वक्त उफान पर थी तब उसका चेहरा सौरव गांगुली  हुआ करते थे. इस ऐड के जरिए गांगुली की आवाज लोगों के घर-घर तक पहुंच गई.

फैंस ने उन्हें टीम में शामिल करने की मांग कर डाली. इसके बाद फिर क्या था, गांगुली को साउथ अफ्रीका दौरे के लिए टीम में शामिल किया गया. जहां दादा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए खुद को साबित किया और ये उनके करियर का जबरदस्त कमबैक साबित रहा.

कुछ ऐसा रहा Sourav Ganguly का करियर

Sourav Ganguly Cricket Career

सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने 113 टेस्ट में 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए. इसके साथ ही 311 वनडे मैच खेलते हुए उन्होंने 11363 बनाए. पूर्व भारतीय कप्तान ने टेस्ट में 16 और वनडे में 22 शतक भी जड़े. साल 1999 से 2005 तक वनडे में टीम इंडिया की कमान भी संभाली थी.

146 मैचों में बतौर कप्तान गांगुली की टीम ने 76 मैच जीते और 65 में शिकस्त भी झेलनी पड़ी. जबकि 5 मैचों का कोई नतीजा नहीं आया. 2000 से 2005 तक उन्होंने भारत के लिए टेस्ट का भी नेतृत्व किया था. फिलहाल मौजूदा समय में गांगुली बीबीसीआई के अध्यक्ष हैं और आगामी आईसीसी के अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.

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