भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को जब से बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटाया तब से विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। उनके अध्यक्ष पद से हटने के बाद एक के बाद एक विवाद सामने आ रहे हैं। वहीं अब इस कहानी ने एक नई मोड़ ले लिया है। दरअसल, कोलकाता उच्च न्यायालय ने दादा को बीसीसीआई अध्यक्ष के पद से हटाने के खिलाफ जनहित याचिका (PIL) दर्ज कर दी है। यह याचिका उच्च न्यायालय के अधिवक्ता द्वारा दर्ज की गई है।
Sourav Ganguly को BCCI अध्यक्ष पद से हटाने से खफा हुआ कोलकाता हाईकोर्ट
दरअसल, कोलकाता उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रामप्रसाद सरकार ने सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष के पद से हटने पर जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है। खबर है कि उनकी इस पीआईएल की सुनवाई आगमी मंगलवार को होनी है। सरकार का कहना है कि गांगुली को बीसीसीआई प्रमुख के पद से हटा दिया गया था, सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद कि वह उस कुर्सी पर तीन साल तक बैठ सकते हैं। उन्होंने (Sourav Ganguly) कहा,
"उच्चतम न्यायालय ने साफ शब्दों में कहा था कि गांगुली अगले तीन साल तक पद पर बने रह सकते हैं। शीर्ष अदालत के आदेश ने जय शाह के 2025 तक बीसीसीआई सचिव पद बने रहने का रास्ता साफ कर दिया था। अगर जय शाह अपने पद पर बने रहते हैं तो गांगुली क्यों नहीं।"
Sourav Ganguly ने भारत के लिए किया है शानदार प्रदर्शन
सौरव गांगुली की गिनती भारत के सबसे सफल कप्तानों में होती है। वह 49 टेस्ट और 147 वनडे मैच में भारत के लिए बतौर कप्तान खेले हैं। गांगुली टीम को उस मुकाम पर ले गए जो देश में ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी जीतना जानता था। सौरव ने अपने टेस्ट करिए में 113 मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए। उनके इन आंकड़ों में 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल है। वहीं 311 वनडे मैचों में गांगुली के बल्ले से 41.02 के औसत से 11363 रन देखने को मिले हैं। इस दौरान उन्होंने 22 शतक और 72 अर्धशतक जड़े हैं।