5 कारण क्यों विश्वकप नहीं जीतने के बाद भी सौरव गांगुली रहें महान कप्तानों की लिस्ट में

आज हम आपको वो 5 कारण बताएँगे. जिसके वजह से बिना विश्व कप जैसा खिताब जीते ही सौरव गांगुली महान कप्तानों की लिस्ट में शामिल है. भारत में उनका नाम कपिल देव

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Aditya Tiwari
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sourav ganguly

क्रिकेट की दुनिया में विश्व कप जीतने वाले कप्तान को बहुत ज्यादा सम्मान मिलता है जो कप्तान खिताब जीतने में सफल नहीं होते हैं उन्हें फैन्स जल्द ही भुला देते हैं लेकिन, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान Sourav Ganguly के साथ ऐसा कभी नहीं रहा हैसौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने कोई बड़ा खिताब अपने नाम नहीं किया

कोई बड़ी ट्रॉफी अपने नाम ना कर पाने के बावजूद जब भी क्रिकेट जगत के महान कप्तानों की बात होती है तो फिर अपने आप उस लिस्ट में सौरव गांगुली का नाम शामिल हो जाता हैबिना विश्व कप जीते ही सौरव गांगुली महान कप्तानों की लिस्ट में शामिल हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ऐसा क्यों है।

ये 5 करण हैं Sourav Ganguly की प्रसिद्धि के

1. फिक्सिंग कांड से टीम को उबारा

Sourav Ganguly azharuddin

मोहम्मद अजहरुद्दीन सहित कुछ भारत के बड़े खिलाड़ी जब मैच फिक्सिंग के जाल में फंसे तो फैन्स का टीम पर से भरोसा उठ गया था तब सौरव गांगुली को भारतीय टीम का नया कप्तान बनाया गया। उस समय फैन्स में उस समय क्रिकेट को लेकर जुनून खत्म हो रहा था

भारतीय टीम का कप्तान बनते ही Sourav Ganguly ने टीम में युवा खिलाड़ियों को खेलने का मौका देना शुरू कियाजिसके बाद टीम ने जीत का स्वाद मैच दर मैच चखा जिससे टीम दोबारा फैन्स का भरोसा जीतने में सफल हो पायी। फिक्सिंग कांड से टीम को बाहर निकलने और खोया सम्मान वापस पाने में गांगुली ने मदद की। आज फैन्स टीम को जो प्यार देते हैं, उसका श्रेय दादा को जाता है

2. भारतीय टीम को दिए दिग्गज खिलाड़ी

sourav ganguly and winner team

जब Sourav Ganguly टीम के कप्तान बने उस समय दिग्गज खिलाड़ियों के रूप में राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले जैसे दिग्गज थे उनके साथ ही दादा ने नए खिलाड़ियों को भी टीम में जगह देना शुरू कर दिया जिसमें हरभजन सिंह, युवराज सिंह, जहीर खान, वीरेन्द्र सहवाग और मोहम्मद कैफ जैसे खिलाड़ियों को भी दादा ने ही टीम में जगह दी थी

इन खिलाड़ियों ने ही अपने प्रदर्शन से टीम का मान बढ़ाया। भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी दादा ने ही जौहर दिखाने का मौका दिया बतौर कप्तान Sourav Ganguly ने भारतीय टीम को कई दिग्गज खिलाड़ी दिए हैं जो बाद में टीम के लिए मैच विजेता बन गये

3. टैलेंट को दिया दादा ने मौका

sourav and yuvraj

शुरू से ही दादा ने अपनी एक कोर टीम बनाई जिसमें शामिल खिलाड़ियों के बुरे दौर में सौरव गांगुली ने उन्हें टीम में बार-बार मौके भी दिए थे युवराज सिंह और वीरेन्द्र सहवाग के बुरे दौर में Sourav Ganguly हमेशा उनके साथ खड़े रहेमहेंद्र सिंह धोनी के पहले 4 मैच में फेल हो जाने के बाद भी सौरव गांगुली ने उन्हें आगे खेलने का मौका दिया

इस मौके के बाद उन्होंने खुद को पीछे रखकर धोनी को नंबर 3 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा था यह काम एक महान कप्तान के अलावा कोई और नहीं कर सकतादादा अपने खिलाड़ियों से खुलकर बात करते थे जिससे वो खेल को अच्छे से समझ सकें और फिर टीम के लिए मैच जिता सकें

4. विदेशी जमीन पर जीतना सिखाया

ganguly saurav

मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भी भारतीय टीम घर पर जीत रही थी, लेकिन विदेशी जमीन पर उनका अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा था इसके बाद Sourav Ganguly ने कप्तान बनते ही विदेशों में भी सीरीज जीतने का संकल्प लिया था जिसे उन्होंने पूरा करके भी दिखायाइंग्लैंड में नेटवेस्ट ट्रॉफी 2002 में दादा का अंदाज तो सभी को याद है जबकि 2003 विश्व कप के फाइनल में भारतीय टीम ने जगह बनाई थी

पाकिस्तान की टीम उस दौर में बहुत मजबूत हुआ करती थी लेकिन, उसके बाद भी पाकिस्तान जाकर उन्हें हराया थासौरव गांगुली ने इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया जाकर ऑस्ट्रेलिया को चुनौती दी थी जो उस समय बहुत बड़ी बात हुआ करती थी भारतीय टीम विदेशी सरजमीं पर जाकर अच्छा कर सकती है, यह आत्मविश्वास भी Sourav Ganguly ने ही टीम को दिलाया था

5. बिग थ्री में भी सौरव लाए भारत को

sourav ganguly

एक समय तक क्रिकेट की दुनिया में भारतीय टीम का बहुत बड़ा नाम नहीं हुआ करती थी लेकिन, Sourav Ganguly के कप्तान बनने के बाद ऐसा नहीं रहा क्रिकेट जगत में भारतीय टीम उसके बाद से हमेशा ही चर्चा का केंद्र बनी रहीजिसके कारण बीसीसीआई की ताकत भी लगातार बढ़ती गयी

उस दौर में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीम ने अपना दबदबा बनाए रखा था उसके बाद लिस्ट में तीसरी खतरनाक टीम के रूप में भारत भी शामिल हो गयामैदान पर दादा की अगुवाई में जिस आक्रामक अंदाज का क्रिकेट टीम ने खेला, उसके बाद से टीम का नाम बिग थ्री में शामिल हो गयाआज बीसीसीआई अन्य क्रिकेट बोर्डों से बहुत ज्यादा पॉवरफुल नजर आती है उसकी शुरुआत दादा की कप्तानी में ही हुई थी

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