विराट कोहली और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के बीच चल रहे मतभेदों की खबरें अभी तक खत्म भी नहीं हुई थीं कि अब नया विवाद खड़ा हो गया है. इस बार भारतीय बोर्ड के अध्यक्ष टीम इंडिया की सेलेक्शन मीटिंग में शामिल होने वजह से विवादों में घिरे हैं. इसे मामले को बीसीसीआई संविधान के खिलाफ बताया जा रहा है. सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के इस फैसले को लेकर सेलेक्शन कमेटी के ही एक सदस्य ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है.
सेलेक्शन कमेटी में अध्यक्ष का होना डराने वाला
सेलेक्शन कमेटी के सदस्य की माने तो बीसीसीआई अध्यक्ष ने कभी टीम चयन में कोई दखल नहीं दिया. लेकिन, वो बोर्ड अध्यक्ष हैं और उनकी मौजूदगी ही डराने वाली है. इस बारे में भारतीय टीम के सेलेक्शन कमेटी के एक सदस्य ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर इनसाइडस्पोर्ट से बातचीत करते हुए कहा,
“जो है, वो है. आप अपने बॉस से शिकायत नहीं कर सकते हैं ना? क्या उन्होंने (Sourav Ganguly) सेलेक्शन में दखल दिया है? नहीं... उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया. लेकिन, उनकी मौजूदगी ही डराने वाली होती है. क्योंकि वो अध्यक्ष हैं. लेकिन, इसके बारे में मैं और ज्यादा बात नहीं कर सकता हूं.”
अलग-अलग मिल रहे हैं अधिकारियों से जवाब
अब सवाल ये उठता है कि क्यों बोर्ड के अध्यक्ष को लेकर इस तरह के विवाद हो रहे हैं. टीम सेलेक्शन में उनका नाम इस तरह से क्यों सामने आ रहा है. तो आपको बता दें कि हाल में ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) सेलेक्शन मीटिंग में जबरदस्ती शामिल हो रहे हैं. जबकि उनका इस मीटिंग से कोई वास्ता नहीं है.
इस बारे में जब इनसाइडस्पोर्ट ने मौजूदा बीसीसीआई अधिकारियों से बातचीत की तो अलग-अलग तरह के जवाब मिले. जहां एक सीनियर अधिकारी ने ऐसी खबरों को बकवास बता दिया तो तो वहीं, दूसरे ने इसे सच भी कहा. यहां तक कि सेलेक्शन कमेटी के भी एक सदस्य ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि वो एक या दो नहीं, बल्कि कई सेलेक्शन मीटिंग में शामिल रहते हैं.
क्यों अध्यक्ष का सेलेक्शन मीटिंग में शामिल होना बन गया है विवाद?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीसीसीआई के संविधान की माने तो बोर्ड अध्यक्ष टीम इंडिया की सेलेक्शन कमेटी का हिस्सा नहीं बन सकते हैं. हालांकि ऐसा कहीं लिखा नहीं है. लेकिन, इस बात की पुष्टि है कि इस तरह की मीटिंग में सचिव (जय शाह) समिति के संयोजक होने के नाते बैठकों में शामिल हो सकते हैं.
ऐसे में सेलेक्शन कमेटी की मीटिंग में सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की मौजूदगी चयनकर्ताओं के लिए डराने वाली हो सकती है और अगर बोर्ड अध्यक्ष सेलेक्शन में सीधे हस्तक्षेप नहीं भी करते हैं तो भी इसे सेलेक्टर्स के काम को प्रभावित करने से ही जोड़कर देखा जाएगा.