सौरव गांगुली ने हाईकोर्ट से मांगी मदद, दो कंपनियों पर हैं 36 करोड़ बकाया

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Sonam Gupta
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज व बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने अपने बकाए पैसों के लिए मुंबई हाईकोर्ट में अर्जी डाली है। उन्होंने अपनी दो पुरानी मैनेजमेंट कंपनियों के खिलाफ 2018 में पैसों का भुगतान ना करने के लिए आदेश को लागू किए जाने की अपील की थी। ये दो कंपनियां परसेप्ट टेलेंट मैनेजमेंट लिमिटेड और परसेप्ट डी मार्क (इंडिया) लिमिटेड हैं, जिनपर गांगुली के 36 करोड़ रुपये बकाया हैं।

Sourav Ganguly ने खटखटाया मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा

Sourav Ganguly

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने अपने बकाये पैसे के भुगतान के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्जी दी है। उन्होंने अपनी दो पुरानी कंपनियों जिनका नाम परसेप्ट टेलेंट मैनेजमेंट लिमिटेड और परसेप्ट डी मार्क (इंडिया) लिमिटेड है, उनके खिलाफ 2018 में बकाया पैसों के भुगतान करने की अपील की थी।

मगर अब गांगुली ने दोनों कंपनियों की संपत्ति का खुलासा करने की मांग की है। पूर्व क्रिकेटर के अनुसार, 36 करोड़ रुपये बकाया हैं। जिसमें, इनमें से 14.50 करोड़ रुपये तो मूल रकम है जबकि बाकी पैसे भुगतान नहीं करने पर बढ़ा हुआ ब्याज है।

20 जुलाई तक दे देंगे ब्यौरा

इस मामले पर कार्रवाई शुरु होने के बाद जस्टिस एके मेनन की सिंगल जज बेंच के सामने कंपनियों की ओर से कहा गया कि 20 जुलाई तक वे संपत्ति का ब्योरा दे देंगे। गांगुली ने दोनों कंपनियों पर अपनी संपत्ति से जुड़े किसी भी तरह के लेनदेन पर रोक लगाने की अपील भी की है। उनका मानना है कि इन कंपनियों के डायरेक्टर्स ने अपने खातों से पैसों को दूसरी फर्म में डालकर छुपा दिया है। परसेप्ट टेलेंट मैनेजमेंट लिमिटेड और परसेप्ट डी मार्क (इंडिया) लिमिटेड के वकील शार्दुल सिंह ने कहा कि वे 20 जुलाई तक संपत्ति की जानकारी दे देंगे।

हाई कोर्ट के एक आदेश के अनुसार प्लेयर रिप्रजेंटेशन एग्रीमेंट के तहत दोनों कंपनियों को गांगुली का एक्सक्लूसिव मैनेजर बनने का अधिकार मिला था। इसमें मध्यस्थता का नियम भी था। जब दोनों पक्षों में विवाद हुआ तो एग्रीमेंट रद्द हो गया। इस पर गांगुली ने समझौते के तहत मध्यस्थता का नियम लगा दिया।

26 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

Sourav Ganguly

इस मामले पर अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी, जबकि कंपनियों द्वारा कहा गया है कि वह 20 जुलाई तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने की बात कही है।  अब जबकि दोनों पक्षों के बीच एग्रीमेंट रद्द हो गया है। तो मध्यस्थता के चलते दोनों कंपनियों से गांगुली को 14,49,91,000 रुपये देने को कहा गया है।

इसके साथ ही 21 नवंबर 2007 से 12 प्रतिशत ब्याज के भुगतान का आदेश भी दिया गया। ब्याज पैसे का भुगतान नहीं होने तक जारी रहेगा। Sourav Ganguly के वकीलों की तरफ से कहा गया कि कंपनियों ने दो करोड़ रुपये के आसपास ही दिए। अभी 36 करोड़ रुपये बाकी हैं।

सौरव गांगुली टीम इंडिया