SL vs PAK: एशिया कप 2022 में पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को 23 रन से हार का सामना करना पड़ा. एशिया कप के इस सीज़न में पाकिस्तान को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रह था. ग्रुप स्टेज में टीम सिर्फ भारत से एक मैच हारी थी जिसके बाद लगातार चार मैच जीते लेकिन श्रीलंका से सुपर 4 मुकाबला हारने के बाद फाइनल (SL vs PAK) में भी टीम को हार का मुंह ताकना पड़ा. ऐसे में आइये पाकिस्तान की फाइनल में हार की पांच बड़ी वजहों पर एक नज़र डालते हैं.
1. बाबर आज़म की खराब फॉर्म
एशिया कप में पाकिस्तान की सबसे बड़ी कमजोरी टीम के कप्तान बाबर आज़म साबित हुए. पूरे ही एशिया कप में उनके बल्ले से कोई भी बड़ी पारी नहीं निकली और रविवार (SL vs PAK) को भी वही देखने को मिला. बाबर सिर्फ 5 रन बनाकर एक बार फिर अपना विकेट सस्ते में गवांकर टीम को बीच में ही छोड़ कर चले गये.
बाबर से एक कप्तानी पारी की उम्मीद की जा रही थी लेकिन उनके बल्ले से रन निकलने का नाम ही नहीं ले रहे थे. अगर बाबर आज़म कुछ देर क्रीज़ पर टिक जाते तो रन गति तेज़ बनी रहती जिससे आने वाले बल्लेबाजों पर दबाव कम होता लेकिन रिजवान का साथ देने के बजाय एक बार फिर से वो गलत शॉट खेलने के चक्कर में युवा गेंदबाज प्रमोद को अपना विकेट दे बैठे. पाकिस्तान की हार की शुरुआत बाबर आज़म के विकेट से हो चुकी थी.
2. खराब फ़ील्डिंग
पाकिस्तान और खराब फ़ील्डिंग का काफी पुराना नाता है और एशिया कप के फाइनल (SL vs PAK) मुकाबले में भी यह नजारा एक बार फिर देखने को मिला. भारत के खिलाफ फखर जमान ने कैच छोड़े थे लेकिन बाद में मैच जीत लिया. लेकिन, रविवार को हुए रोमांचक और फाइनल मुकाबले में यही गलती पाक टीम पर भारी पड़ गई.
टीम के उपकप्तान शादाब खान ने भानुका राजपक्षे के लगातर दो ओवर में दो कैच छोड़े. शादाब ने जब पहला कैच छोड़ा तो उन्होंने 50 रन भी पूरे नहीं किये थे लेकिन दो जीवनदान की वजह से उन्होंने 71 रन की मैच जिताऊ पारी खेली. अगर शादाब कैच पकड़ लेते तो टीम का स्कोर कम होता और पाकिस्तान शायद लक्ष्य हासिल करने में सफल हो सकती थी.
3. स्पिन गेंदबाज़ी
पाकिस्तान की प्लेइंग 11 पर नजर डालें तो टीम में कोई भी विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज़ नहीं था. कप्तान बाबर आज़म ने शादाब खान, इफ्तिखार अहमद और मोहम्मद नवाज के तौर पर तीन स्पिन गेंदबाजों का इस्तेमाल किया लेकिन यह तीनों ही खिलाड़ी बॉलिंग आलराउंडर है ना की विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज़. ऐसे में मिडिल ओवर में अगर कोई पूर्ण स्पिन गेंदबाज़ होता तो शायद श्रीलंकाई बल्लेबाजों को परेशान करने में सक्षम हो सकता था जैसा कि वानिंदु और महीश थीक्षाना ने अपनी टीम के लिए करके दिखाया. इतने अहम टूर्नामेंट में टीम को बल्लेबाज़ी के साथ-साथ अपनी गेंदबाज़ी पर भी ध्यान देना था.
4. रिजवान की धीमी बल्लेबाजी
पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज़ मोहम्मद रिजवान से आज फाइनल (SL vs PAK) जैसे अहम मुकाबले में बड़ी पारी की उम्मीद थी. रिजवान ने अपने देश के लिए 55 रन की अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन इतने रन बनाने के लिए उन्होंने 49 गेंदों का इस्तेमाल किया. दो विकेट जल्दी गिर जाने के बाद उन्होंने पारी को संभाला लेकिन वो इस दौरान इतनी धीमी बल्लेबाज़ी करते नज़र आये की जरूरी रन-रेट 12 रन से भी ऊपर चला गया. साथ ही उन्हें मैच को अंत तक ले जाने की उम्मीद थी लेकिन बेहद नाजुक समय पर उन्होंने अपना विकेट गवां दिया जिसकी वजह से आने वाले खिलाड़ी मैच का दबाव नहीं झेल सके और फटाफट अपना विकेट गवां बैठे.
5. मध्यक्रम का निराशाजक प्रदर्शन
पाकिस्तान की हार का एक कारण मिडिल आर्डर का बिखर जाना भी रहा है. बाबर आज़म और फखर ज़मान के जल्दी आउट होने के बाद इफ्तिखार अहमद और रिजवान के साथ पारी को संभाला. लेकिन इफ्तिखार के आउट होने के बाद कोई भी खिलाड़ी रिजवान का साथ नहीं दे पाया. मोहम्मद नवाज़, खुशदिल शाह, पॉवर हिटर आसिफ अली के अलावा उपकप्तान शादाब खान कोई दहाई के अंक तक भी नहीं पहुँच पाया. इसी कारण से टीम एक अच्छी साझेदारी के अभाव में मैच में पिछड़ती ही चली गयी.