भारतीय टीम के युवा खिलाड़ी शुभमन गिल (Shubman Gill) ने एक इंटव्यू में कई बड़े खुलासे किये हैं. जिन्हें जानकर आप खिलाड़ियों पर गर्व महसूस करेंगे. खेल के मैदान पर खिलाड़ी का चोटिल होना स्वाभाविक है. फील्डिंग के दौरान खिलाड़ी रन बचाने के लिए पुरजोर कोशिश करते हैं, उस दौरान खिलाड़ी अंदरुनी चोटिल भी हो जाते हैं. उसके बावजूद भी मैदान पर डटे रहते हैं. ऐसा ही कुछ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में शुभमन गिल (Shubman Gill) के साथ हुआ था.
'7-8 घंटे दर्द में रहना एक सदमा था'
भारतीय टीम लगातार क्रिकेट खेल रही है. जिसमें कई खिलाड़ी चोट का शिकार हुए. जिसके चलते उन्हें टीम इंडिया से बाहर का रास्ता देखना पड़ा. साउथ अफ्रीका दौरे से पहले खुद कप्तान रोहित शर्मा इंजरी के चलते टीम से बाहर हो गये थे. वहीं टीम के धाकड़ ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा कंधे की चोट के चलते तीन महीने टीम से बाहर रहे, लेकिन जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ शानदार कमबैक किया. इंजरी क्रिकेट का हिस्सा है. वहीं युवा बल्लेबाज शुभमन गिल (Shubman Gill) ने अपनी पुरानी चोट का जिक्र करते हुए बताया कि पिंडली की चोट ने उन्हें कितना परेशान किया. शुभमन गिल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि,
"मैं अब इससे पूरी तरह उबर चुका हूं। जब हम इंग्लैंड में आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेल रहे थे, तब मेरी पिंडली में स्ट्रेस फ्रैक्चर हो गया था। करीब 2-3 दिन बाद जब मैच खत्म हुआ तो उस रात मेरी पिंडली में बहुत दर्द हो रहा था। मैं लगभग 7-8 घंटे तक दर्द में रहा। मुझे अपने पिंडली से कोई समस्या नहीं थी। मुझे इससे कभी किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। रात में 7-8 घंटे दर्द में रहना एक सदमा था। जब मैंने अगले दिन फिजियो को बताया, तो उन्होंने एमआरआई करवाई और यहीं मुझे पता चला कि पिंडली में फ्रैक्चर है।"
फिजियो ने Shubman Gill को दी ये सलाह
खिलाड़ियों को इंजरी के चलते कड़ी चुनौतियों से गुजरना पड़ता है. टीम में जगह पक्की करने के लिए आपको लगातार बेहतर प्रदर्शन करना होता है. तभी टीम मेनेजमेंट का विश्वास खिलाड़ी पर जम पाता है, अगर खिलाड़ी को चोट ते चलत टीम के लिए अंदर बाहर होना पडे तो टीम के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है. गिल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में हिस्सा लिया. दो लगातार फिल्डिंग करने के बाद गिल ने दर्द महसूस किया और गिल दोबारा टीम से बाहर हुए.
"इसके बाद हम आईपीएल में गए और वहां ज्यादा फिटनेस टेस्ट नहीं थे तो जब हमने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेला, चोट दोबारा लग गई। दोबारा दर्द शुरू हुआ। फिजियो ने तब फैसला किया कि जब तक मैं पूरी तरह ठीक नहीं हो जाऊं तब तक वापसी की जल्दबाजी नहीं करेंगे। वरना यह चोट बार-बार उभरेगी। मैंने एनसीए में दो महीने बिताए और अब पूरी तरह दर्द से स्वतंत्र हूं।"