पाकिस्तान में आतंकवादी हमले होने की वजह से वहां पर रहने वाले क्रिकेट प्रेमियों को लंबे समय तक बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। खराब सुरक्षा व्यवस्था होने की वजह से विदेशी टीमों ने कई सालों तक पाकिस्तान दौरा नही किया था, जिसकी वजह से पाकिस्तान में रहने वाले क्रिकेट के दीवाने कोई भी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला नही देख पाए थे।
लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान दौरा कर अन्य विदेशी टीमों के लिए भी यहां के दरवाजे खोले। वहीं अब पूर्व खिलाड़ी शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और देश की सरकार द्वारा खेल के लिए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के प्रयासों की सराहना की है।
Shahid Afridi का पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सीरीज नहीं होने पर छलका दुख
साल 2009 में लाहौर में हुए आतंकवादी हमले के बाद से विदेशी टीमों ने पाकिस्तान दौरा करना बंद कर दिया था। जिसके चलते पाकिस्तान में रहने वाले फैंस को क्रिकेट देखने का मौका नही मिल पाया था। ऐसे में शाहिद (Shahid Afridi) ने पाकिस्तान के टीवी चैनल समा टीवी पर बात करते हुए बताया कि पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट न आयोजित होने की वजह से कुछ स्टेडियम को विवाह का स्थल बना दिया गया था। साथ ही उन्होंने (Shahid Afridi) बताया कि,
मुश्किल दौर बीत चुका है। टीमों ने पाकिस्तान का दौरा करना शुरू कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया आया, इंग्लैंड आया। ये ऐसी चीजें थीं जो हमारे दर्शक मिस कर रहे थे। उस वक्त पाकिस्तान में क्रिकेट के कुछ मैदानों को विवाह स्थलों में बदल दिया गया था। क्योंकि कोई भी इंटरनेशनल टीम यहां आने को तैयार नहीं हो रही थीं और ना ही ऑफ-सीजन में कोई घरेलू क्रिकेट आयोजित किया जा सकता था। पाकिस्तान क्रिकेट के लिए यह मुश्किल दौर था, हमें अपने क्राउड की कमी खल रही थी।"
हम पाकिस्तान में क्रिकेट खेलना चाहते हैं: Shahid Afridi
जब कोई अंतरराष्ट्रीय टीम पाकिस्तान नहीं आ रही थी उस समय को याद करते हुए अफरीदी (Shahid Afridi) ने कहा कि हम पाकिस्तान में क्रिकेट खेलना और देखना चाहते हैं। उन्होंने (Shahid Afridi) कहा,
"इसके लिए जिन लोगों ने काम किया है, उन्होंने काफी मेहनत की है। बोर्ड, सरकार इन्होंने अहम भूमिका निभाई है। जब हम बाहर जाकर अन्य लीगों, काउंटी क्रिकेट में खेलते थे तो हम क्रिकेटरों को समझाते थे कि उनकी मदद से हम पाकिस्तान में क्रिकेट को वापस लाने में सक्षम होंगे। जब क्रिकेट वापस शुरू हुआ तो पाकिस्तान से एक अच्छा संदेश भेजा गया कि हम खेल प्रेमी देश हैं और हम यहां क्रिकेट देखना और खेलना चाहते हैं।
इस वजह से विदेशी टीमें नही करती हैं पाकिस्तान दौरा
दरअसल, मार्च 2009 में श्रीलंका क्रिकेट टीम पाकिस्तान दौरे पर थी। 3 मार्च को श्रीलंका टीम मैच खेलने के लिए होटल से निकली लेकिन गद्दाफी स्टेडियम पहुंचने से पहले ही उनकी बस पर गोलियां बरसने लगी। बस में सुरक्षाकर्मी तो मौजूद तो थे लेकिन आंतकवादियों ने गोलियों के साथ-साथ ग्रेनेड और रॉकेट लॉन्चर से भी हमला किया।
ऐसे में सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान पर खेलकर खिलाड़ियों की जान तो बच गई, लेकिन 6 पुलिसकर्मियों को अपनी जान की कुर्बानी देनी पड़ी। वहीं इस हमले में 7 श्रीलंकाई क्रिकेटर, दो सपॉर्ट स्टाफ और एक अंपायर को भी चोट आई थी। चोटिल होने वाले खिलाड़ियों में महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा भी शामिल थे। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों को गद्दाफी स्टेडियम से हवाई अड्डे तक पहुंचाया।
इस हमले के बाद से श्रीलंका के अलावा दुनियाभर के क्रिकेटरों और खेलप्रेमियों के दिल में डर पैदा हो गया। इसी के बाद से टीमों ने पाकिस्तान दौरा करना बंद कर दिया। हालांकि 2022 में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान दौरा करके बाकी टीमों के दिल से ये डर थोड़ा कम कर दिया है। शायद इसी वजह से अब इंग्लैंड भी दिसंबर में पाकिस्तान का दौरा कर रहा है।