पाकिस्तानी खिलाड़ी शाहिद अफरीदी भारतीय क्रिकेटर्स से फटकार सुनने के बाद भी कह रहे हम नहीं सुधरेंगे. तभी तो बीते दिनों खुद की छीछालेदर कराने के बाद भी वे आदत से बाज नहीं आ रहे हैं. अभी उन्होंने भारत विरोधी बयान दिया था जिसके बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली समेत अन्य दिग्गज खिलाडियों ने उन्हें जमकर लताड़ा था. लेकिन अब एक बार फिर अफरीदी ने भारत से जुड़ा बयान दिया है. हालांकि उन्होंने इस बार मानवता व इंसानियत की बात की है. लेकिन अफरीदी का यह बयान भारत पर कटाक्ष करने की नियत से किया है.
अफरीदी ने कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ हुए बलात्कार का मुद्दा उठाते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि "चाहे ये घटना कश्मीर के 6 साल की जैनाब के साथ हो या फिर जम्मू की 8 साल की असिफा के साथ, ऐसे अमानवीय घटनाओं की निंदा होनी चाहिए.इस तरह से घिनौने कृत के लिए जितनी कड़ी से कड़ी सज़ा दोषी को दी जाये कम है. ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले हैवानों को ऐसी सज़ा मिलनी चाहिए जिसे देखा ऐसा सोचने वालों के भी रूह काँप जाये."
Whether 6yr old Zainab of Kasur or 8yr old Asifa of Jammu,these barbaric inhumane acts shud b condemned & those behind shud be punished to the max,let these cases be a lesson for the culprits whr no daughter will ever be subjected to this henious act #NeverAgain #JusticeforAsifa
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) April 13, 2018
क्या हुआ है आसिफा के साथ
बता दें जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में इसी साल जनवरी को 8 साल की बच्ची के साथ कई लोगों ने मिलकर बारी बारी से बलात्कार किया. वहीं अब इस मामलें में रोंगटे खड़े कर देने वाले खुलाद्से हो रहे हैं. इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड सांजी राम ने बताया कि आठ आरोपियों में से जिसने आसिफा के साथ सबसे ज्यादा बर्बता की उसकी उम्र महज 15 साल है. उसने बताया कि 10 जनवरी को लड़के ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर आसिफा को किडनैप किया और मंदिर ले जाने से पहले उसका रेप किया. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया कि दोनों ने चार दिन तक कई बार बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और फिर अपने कजन को फोन किया है कि वो भी आए और अपनी हवस शांत करे. उसके बाद 13 जनवरी को आरोपियों ने आसिफा की हत्या कर दी.
इससे पहले भी किया था ट्वीट
शाहिद अफरीदी ने मंगलवार को इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए लिखा था, 'भारत अधिकृत कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) की स्थिति बेचैन करनेवाली और चिंताजनक है. यहां आत्मनिर्णय और आजादी की आवाज को दबाने के लिए दमनकारी शासन द्वारा निर्दोषों को मार दिया जाता है. हैरान हूं कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन कहां हैं? वे इस खूनी संघर्ष को रोकने के लिए कुछ क्यों नहीं कर रहे?'