ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी-20 के दौरान सहवाग ने किया खुलासा शानदार प्रदर्शन की वजह से नहीं बल्कि इस वजह से दी गयी थी बीच आईपीएल मैक्सवेल को कप्तानी

Published - 08 Oct 2017, 08:52 PM

खिलाड़ी

मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया की टीम के विस्फोटक बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में चल रहे हैं. सुर्ख़ियों में बने रहें की वजह उनकी शानदार पारियां नहीं, बल्कि उनकी बहुत ही खराब फॉर्म हैं. ग्लेन मैक्सवेल का नाम क्रिकेट की दुनिया के बड़े खिलाड़ियों में लिया जाता हैं. टी ट्वेंटी क्रिकेट में तो मैक्सवेल को इस खेल का सबसे बड़ा सुपरस्टार माना जाता हैं.

आईपीएल 10 में भी रहा था खराब प्रदर्शन

हम सभी जानते हैं, कि इस साल हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 10) के दौरान किंग्स XI पंजाब की टीम फ्रेंचाईजी ने सत्र शुरू होने से ठीक पहले ग्लेन मैक्सवेल को टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था. मैक्सवेल को मुरली विजय के स्थान पर टीम का कप्तान बनाया गया था.

सभी का ऐसा मानना था, कि मैक्सवेल की अगुवाई में टीम का प्रदर्शन सुधरेगा और टीम अच्छा प्रदर्शन करेंगी, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. आईपीएल 10 के दौरान किंग्स XI पंजाब की टीम 14 अंकों के साथ पांचवे पायदान पर रही.

टीम के प्रदर्शन के साथ साथ टीम के कप्तान का प्रदर्शन भी एकदम निराशाजनक रहा था. ग्लेन मैक्सवेल ने टूर्नामेंट के दौरान 14 मैच खेले थे और इस दौरान उनके बल्ले से 173.18 के स्ट्राइक रेट के साथ मात्र 310 रन ही निकले थे. पूरे सत्र में उनकी बल्लेबाजी की जमकर आलोचना होती रही थी.

सहवाग ने किये आईपीएल से जुड़े खुलासे

मौजूदा समय में टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही श्रृंखला में कमेंटरी कर रहे हैं. वनडे श्रृंखला और पहले टी ट्वेंटी मैच के दौरान वीरेंद्र सहवाग ने कमेंटरी बॉक्स में ग्लेन मैक्सवेल को लेकर कई चौकाने वाले खुलासे किये. वीरू ने कहा, कि

''अब बार फिर से मैक्सवेल खराब शॉट खेलकर अपनी विकेट दान में दे बैठे. आईपीएल के दौरान मैं बार बार मैक्सवेल को यह समझाकर थक गया, कि अपने शॉट्स पर ध्यान दो, अपना विकेट बचाकर खेलो. मगर मैक्सवेल हैं, कि सुनते ही नही.....

ग्लेन मैक्सवेल हर मैच में गलत शॉट खेलकर ही आउट होते रहे और वनडे श्रृंखला के दौरान भी हमे ऐसा ही सब कुछ देखने को मिला. आईपीएल में अगर मैक्सवेल अपनी विकेट बचाकर खेलते, तो ना सिर्फ अपना स्कोर बनाता, बल्कि टीम को काफी आगे ले जा सकते थे, अंत में इसी वजह से उन्हें कप्तानी दी गयी थी, कि शायद वो जिम्मेदारी ले और गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलना बंद करे.''

वनडे सीरीज में बनाये सिर्फ 58 रन

हाल में ही समाप्त हुई एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान भी ग्लेन मैक्सवेल के बल्ले से मात्र 58 रन ही निकले थे और रांची टी ट्वेंटी के दौरान भी मैक्सी सिर्फ 17 रन बनाकर ही चलते बने. मौजूदा समय में उनको टीम से बाहर करने की बाते चल रही हैं.

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