6,6,6,6,6,6…. दक्षिण अफ्रीका सीरीज से बाहर हुए सरफराज खान के बल्ले ने मचाई तबाही, 301 रन ठोक चयनकर्ताओं के मुंह पर जड़ा तमाचा
Published - 09 Nov 2025, 08:41 AM | Updated - 09 Nov 2025, 08:53 AM
सरफराज खान (Sarfaraz Khan), जिन्हें साउथ अफ्रीका सीरीज से बाहर कर दिया गया था, उन्होंने शानदार ट्रिपल सेंचुरी लगाकर जबरदस्त जवाब दिया। उनकी 301 रनों की तूफानी पारी ने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया और सेलेक्टर्स को एक कड़ा मैसेज दिया।
इस राइट-हैंडर बल्लेबाज ने आक्रामक स्ट्रोक प्ले और जबरदस्त कंसिस्टेंसी से गेंदबाजों पर हावी रहे। हर शॉट में खुद को साबित करने की उनकी भूख और पक्का इरादा झलक रहा था। इस परफॉर्मेंस से सरफराज ने सभी को अपने बेजोड़ डोमेस्टिक फॉर्म की याद दिला दी। उनकी इस पारी ने टीम इंडिया में उनकी जगह को लेकर बहस फिर से शुरू कर दी है।
Sarfaraz Khan के सामने थी बड़ी चुनौती
Sarfaraz Khan के सामने खुद को साबित करने की बड़ी चुनौती थी और उन्होंने खुद को साबित भी किया। दरअसल हम बात कर रहे हैं 19 से 22 जनवरी 2020 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में उत्तर प्रदेश (UP) और मुंबई के बीच खेले गए रणजी ट्रॉफी मैच की।
इस मैच में मुंबई के सामने एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि उत्तर प्रदेश ने पहली पारी में बहुत बड़ा स्कोर बना लिया था। UP ने मैच में अपनी पहली पारी 625 रन पर 8 विकेट खोकर घोषित कर दी थी।
जब मुंबई को एक बड़े जवाब की ज़रूरत थी, तब Sarfaraz Khan मैदान पर आए, जब उनकी टीम का स्कोर 128-4 था और ऐसा लग रहा था कि मैच पूरी तरह से मेहमान टीम के पक्ष में है। सभी को लग रहा था कि मैच ड्रॉ होगा या मुंबई बुरी तरह हार जाएगी, लेकिन सरफराज के मन में कुछ और ही था।
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Sarfaraz Khan की मैराथन इनिंग्स और पार्टनरशिप
Sarfaraz Khan ने 301 रन की नॉट आउट पारी 391 गेंदों में खेली, जिसमें 30 चौके और 8 छक्के शामिल थे। जो बात इसे और भी खास बनाती है, वह है स्थिति और जिस तरह से उन्होंने यह पारी खेली।
उन्होंने दबाव में रहते हुए कई अहम पार्टनरशिप कीं: एक सिद्धेश लाड के साथ लगभग 210 रनों की, फिर अपने कप्तान के साथ, और फिर शम्स मुलानी के साथ 150 रनों की पार्टनरशिप। इससे मुंबई न सिर्फ UP के बड़े टोटल का पीछा कर पाई, बल्कि उससे आगे निकलकर पहली पारी में बढ़त भी हासिल की।
Sarfaraz Khan की यह पारी धैर्य, शॉट-मेकिंग और स्टेमिना का शानदार नमूना थी - वह मैदान पर 633 मिनट तक टिके रहे। उनकी इस पारी की बदौलत मुंबई ने अपनी पहली पारी 7 विकेट पर 688 रन बनाकर घोषित की और मैच ड्रा समाप्त हुआ।
सैलेक्टर्स और आलोचकों को संदेश
जो बात कुछ मौकों से बाहर रखे जाने पर एक सवालिया निशान के तौर पर शुरू हुई थी, वह एक बयान में बदल गई। Sarfaraz Khan ने खुद को एक बार फिर साबित किया और बता दिया कि उनकी टीम में जगह क्यों बनती है।
मौके को परफॉर्मेंस में बदलकर, उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी काबिलियत को साबित किया और इस बात को मजबूत किया कि वह ज़्यादा पहचान के हकदार हैं। ऐसी ट्रिपल सेंचुरी आम नहीं होती और यह सिलेक्शन की बातचीत में वज़न डालती है।
असर और नतीजे
नंबरों से परे, इस पारी का दूरगामी असर हुआ। मुंबई के लिए, पहली पारी में बढ़त हासिल करने का मतलब था रणजी स्कीम में तीन पॉइंट और जरूरी मोमेंटम। Sarfaraz Khan के लिए, इसने घरेलू क्रिकेट में उनका कद बढ़ाया: उनका सबसे बड़ा स्कोर, उनकी पहली ट्रिपल सेंचुरी, और भविष्य में टीम में शामिल होने का पक्का दावा।
इस परफॉर्मेंस ने देखने वालों को याद दिलाया कि फॉर्म मायने रखता है, और जब मौका तैयारी से मिलता है, तो बड़े इनाम मिलते हैं।
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