Sarfaraz Khan: वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारत की वनडे और टेस्ट टीम का ऐलान हो गया है. सरफराज खान को एक बार फिर वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए नजरअंदाज कर दिया गया है। सरफराज खान (Sarfaraz Khan) को टीम में नहीं चुनने पर फैंस और दिग्गज चयनकर्ताओं की आलोचना कर रहे हैं.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने तब दावा किया था कि सरफराज खान को टीम से बाहर करना बल्लेबाज की खराब फिटनेस और अनुशासन की कमी के कारण था। लेकिन इन सभी आरोपों को सरफराज खान के करीबी ने खारिज कर दिया है. क्या है पूरा मामला आइए आपको बताते हैं...
Sarfaraz Khan ने आक्रामक अंदाज में जश्न मनाया
दरअसल, पिछले सीजन में दिल्ली के खिलाफ शतक लगाने के बाद सरफराज Sarfaraz Khan ने ड्रेसिंग रूम की ओर उंगली दिखाकर आक्रामक अंदाज में जश्न मनाया था. उनकी इस हरकत को अच्छा नहीं माना गया. सरफराज के इस अंदाज को उस वक्त स्टेडियम में मौजूद एक चयनकर्ता पर कटाक्ष के तौर पर लिया गया.
इस पूरे मामले पर बीसीसीआई अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर एक मीडिया चैनल से बात की. इसके साथ ही सरफराज खान के टीम चयन पर भी खुलकर बीसीसीआई का पक्ष बताया.
BCCI के अधिकारी ने कहा
अधिकारी ने कहा “इस तरह की गुस्से भरी प्रतिक्रियाएं समझ में आती हैं, लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि सरफराज को बार-बार दरकिनार किए जाने का कारण सिर्फ क्रिकेट नहीं है. ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से उनका चयन नहीं हो पा रहा है. 'क्या चयनकर्ता नासमझ हैं, जो लगातार दो सीजन में 900 से ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी को नजरअंदाज करेंगे? टीम में न चुने जाने के पीछे एक बड़ा कारण उनकी फिटनेस है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की नहीं है और उनका रवैया भी अनुशासित नहीं है.
सरफराज खान के करीबी ने बीसीसीआई अधिकारी के सभी दावों को नकारा
बीसीसीआई अधिकारी के इस बयान से साफ है कि सरफराज खान का टीम में चयन उनके खराब रवैये और फिटनेस की वजह से नहीं हुआ है. हालांकि, बीसीसीआई अधिकारी के इस दावे का सरफराज खान के करीबी ने जोरदार खंडन किया है. करीबी का मानना है कि सरफराज खान पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं. मीडिया से बात करते हुए सूत्र ने कहा कि सरफराज खान को भारतीय टीम से बाहर किए जाने को फिटनेस और अनुशासनात्मक चिंताओं से जोड़ा गया है, लेकिन इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.
उस वक्त चयनकर्ता चेतन शर्मा स्टेडियम में नहीं थे- सूत्र
क्रिकेटर के एक करीबी सूत्र ने कहा, 'दिल्ली में रणजी मैच के दौरान सरफराज का जश्न उनके साथियों और कोच अमोल मजूमदार के लिए था। मजूमदार ने सरफराज के शतक और टोपी उतारकर जश्न मनाने की भी सराहना की. उस वक्त स्टेडियम में चयनकर्ता चेतन शर्मा नहीं बल्कि सलिल अंकोला थे. सरफराज ने टीम को दबाव की स्थिति से बाहर निकाला और यह जश्न उनके लिए था। सूत्र ने आगे कहा, 'क्या खुलेआम जश्न मनाना गलत है और वह भी तब जब आप अपने ड्रेसिंग रूम की ओर इशारा कर रहे हों।'
कोच चंद्रकांत पंडित ने उनके प्रति स्नेह जताया
सरफराज के बारे में यह भी कहा जाता है कि पिछले साल मध्य प्रदेश के तत्कालीन कोच चंद्रकांत पंडित उनके रवैये से खुश नहीं थे. लेकिन सूत्र ने कहा कि पंडित ने हमेशा उनके प्रति स्नेह दिखाया है. सूत्र ने कहा, ''चंदू सर उन्हें बेटे की तरह मानते हैं. वह सरफराज को तब से जानता है जब वह 14 साल का था। वह हमेशा सरफराज की तारीफ करते हैं. वह सरफराज पर कभी गुस्सा नहीं करेंगे.