संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) टीम इंडिया के वह जबरदस्त तकनीकी कौशल के खिलाड़ी रहे हैं। उनकी तुलना तकनीकी दक्ष बल्लेबाज पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से की जाती थी। उनकी तकनीकी कौशल देख कर ये अंदाजा लगाया जाता थी कि उनका क्रिकेट करियर उन्ही खिलाड़ियों की तरह लंबा होने वाला है जिनके साथ संजय को कंपेयर किया जाता है। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और महज 111 मैच खेल उन्होंने अपने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
Sanjay Manjrekar ने 1987 में किया था अपना डेब्यू
मंगलौर के रहने वाले संजय मांजरेकर ने अपना क्रिकेट डेब्यू 1987 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। पिता विजय मांजरेकर के कारण उन्हें बचपन से ही क्रिकेट जैसा महोल मिला। डेब्यू मैच में वह ज्यादा कुछ खास तो नहीं कर सके लेकिन मैच में देखा गया कि उनकी बल्लेबाजी तकनीक खास है। इसके बाद 1989 में भारतीय क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज दौरे पर गई जहां उन्होंने ब्रिजटाउन में शानदार 108 रन की पारी खेलकर दिखाया कि वह काबिल हैं। इस युवा बल्लेबाज ने वेस्टइंडीज के बड़े गेंदबाजों के सामने अच्छी पारी खेली।
Sanjay Manjrekar ने जिम्बाब्वे और पाकिस्तान के खिलाफ दिखाया था दमदार प्रदर्शन
संजय मांजरेकर ने 1992 में जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ पहली बार टेस्ट खेला था। जिम्बाब्वे की टीम ने भारत के सामने 456 रन का स्कोर खड़ा किया और जल्द ही भारत के शुरुआती विकेट भी अपने नाम कर लिए। यहां से भारत मुश्किलों से घिरे नजर आई, लेकिन संजय मांजरेकर टीम के संकटमोचक बने और 422 गेंदों में 104 रन की पारी खेली।
अपनी इस पारी के दम पर संजय ने एक नई पहचान बनाई। इसके बाद संजय मांजरेकर ने पाकिस्तान के खिलाफ कमाल कर दिया। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों में 2 शतक और 3 अर्धशतक की मदद से 569 रन बनाए।
Sanjay Manjrekar ने क्रिकेट बाद चुनी कमेंट्री की राह
भारत में इस स्थापित बल्लेबाज के प्रदर्शन ने उसके बाद निरंतरता नहीं दिखाई। उन्होंने साल 1996 तक खेलना जारी रखा, लेकिन यहां से टीम में आए दो युवा खिलाड़ियों सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के सामने मांजरेकर को टीम से छुट्टी दे दी गई। 37 टेस्ट मैचों के बाद उनका करियर आगे नहीं बढ़ सका। 37 टेस्ट मैचों मैचों में संजय ने 2043 रन बनाए, जबकि 74 वनडे मैचों में 1994 रन बनाए। इसके बाद टीम में जगह न मिल पाने को देखते हुए उन्होंने संन्यास ले लिया और कमेंट्री की ओर बढ़ गए।