इस खिलाड़ी ने खेल लिया अपना अंतिम मैच, अब कभी नहीं पहनेगा IPL की जर्सी
Published - 04 May 2025, 06:17 PM | Updated - 04 May 2025, 06:18 PM

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आईपीएल 2025 (IPL ) अब तेजी से प्ले-ऑफ की ओर बढ़ रहा है। लेकिन इसी बीच क्रिकेट जगत से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां पर एक खिलाड़ी अब दोबारा कभी आईपीएल जर्सी नहीं पहने नजर आएगा। इस खबर को जानने के बाद कई लोग इस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर कई लोग इस सही भी करार दे रहा है। क्या है पूरी बात, कौन है ये खिलाड़ी? जानिए...
ये क्रिकेटर नहीं खेल पाएगा IPL

संजय बांगर को हम एक दिग्गज के तौर पर जानते हैं। पूर्व क्रिकेटर की बेटी अनाया बांगर मौजूदा समय में काफी सुर्खियों में है। बता दें, संजय बांगर की बेटी अनाया पहले लड़का थी। लेकिन अब उन्होंने अपना जेंडर चेंज करा लिया है। जिसके बाद अब वो लड़का से लड़की बन गई हैं। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने दो साल पहले हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करवाई थी। जिसके बाद वह काफी वक्त तक लंदन में ही रहीं थी। अनाया बांगर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करके बताया है कि वो क्रिकेट नहीं खेल पाएंगी। साथ ही उन्होंने ट्रांसजेंडर्स के लिए आवाज भी उठाई है।
ईसीबी ने लिया है ये फैसला
अनाया बांगर का ये पोस्ट ईसीबी के विरोध में था। दरअसल, ईसीबी यानी कि इग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड फैसला लिया गया है कि ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को महिला और लड़कियों के मैचों में हिस्सा लेने से बैन कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में ट्रांसजेंडरों को महिलाओं की कानूनी परिभाषा से बाहर रखा गया है, जिसके बाद ईसीबी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि वह हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपडेट की गई कानूनी स्थिति के बाद ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों की पात्रता पर अपने नियमों में बदलाव का ऐलान कर रहे हैं। ईसीबी के बयान में कहा कि
‘तुरंत प्रभाव से केवल वे ही खिलाड़ी महिला क्रिकेट और लड़कियों के क्रिकेट मैचों में खेलने के लिए पात्र होंगे जिनका जैविक लिंग महिला है। ट्रांसजेंडर महिलाएं और लड़कियां ओपन और मिक्स्ड क्रिकेट में खेलना जारी रख सकती हैं।’
अनाया ने सोशल मीडिया के जरिए उठाई आवाज
अनाया बांगर ने इस फैसले के खिलाफ पोस्ट करते हुए ट्रॉसजेंडर्स के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने पोस्ट में लिखा- ‘आज इंग्लैंड से समाचार देखने वाले सभी लोगों के लिए, हां, ईसीबी ने आधिकारिक तौर पर ट्रांस महिलाओं को न केवल पेशेवर क्रिकेट में, बल्कि खेल के मनोरंजक और जमीनी स्तर पर भी भाग लेने पर बैन लगा दिया है। ये सिर्फ एक नियम नहीं है। ये एक संदेश है। एक संदेश जो कहता है, चाहे आपका समर्पण, प्रतिभा, अनुशासन, या परिवर्तन के सालों में आपको अभी भी पर्याप्त रूप से नहीं देखा जाएगा। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने इस खेल को अपना दिल दे दिया है। ये व्यक्तिगत लगता है। मैं सिर्फ एक ट्रांस लड़की नहीं हूं, मैं एक क्रिकेटर भी हूं। मुझे इसी खेल में भेदभाव, उत्पीड़न और अदृश्यता का सामना करना पड़ा है और अब संस्थाएं ऐसी रेखाएं खींच रही हैं जो हमारे अस्तित्व को पूरी तरह से मिटा देती हैं। वो पिच को नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन वे कभी भी हमारी भावना को नियंत्रित नहीं करेंगे। ये हमारी पारी का अंत नहीं है।’
आईसीसी ने लिया ये फैसला
ट्रॉसजेंडर के लिए आईसीसी यानी कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने भी इंटरनेशनल विमेंस क्रिकेट में हिस्सा लेने से बैन कर दिया था। लेकिन आईसीसी ने देशों के घरेलू क्रिकेट में इस नियम को लागू नहीं किया था। बोर्ड अगर चाहें तो अपने देश के घरेलू महिला क्रिकेट में ट्रांसजेडर प्लेयर्स को शामिल कर सकते हैं। लेकिन इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने ट्रांसजेडर प्लेयर्स को घरेलू महिला क्रिकेट में शामिल ना करने का फैसला लिया है।
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