भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने बिहार के साकिबुल गनी के तिहरा शतक बनाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी हैं. दरअसल बिहार के साकिबुल गनी (Sakibul Gani) ने एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है. उन्होंने फर्स्ट क्लास डेब्यू पर सर्वाधिक स्कोर बनाया है. वह फर्स्ट क्लास डेब्यू पर तिहरा शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं. बिहार के मिजोरम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मुकाबले में उन्होंने 341 रन की पारी खेली है. साकिबुल गनी के इस कारनामे के लिए क्रिकेट जगत में जमकर तारीफ हो रही है. तो भला सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) अपनी टिप्पणी दिये बिना कैसे रह सकते थे.
सचिन तेंदुलकर ने साकिबुल गनी को दी बधाई
Congratulations to Sakibul Gani for a solid performance in his debut Ranji Trophy match.
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) February 19, 2022
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पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने बिहार के साकिबुल गनी के तिहरा शतक बनाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी हैं. तेंदुलकर ने ट्विटर पर लिखा,
"अपने डेब्यू रणजी ट्रॉफी मैच में सॉलिड प्रदर्शन करने वाले सकीबुल गनी को बहुत बहुत बधाई। ऐसे ही प्रदर्शन करते रहो।' गनी ने 405 गेंदों पर 56 चौके और दो छक्के के सहारे 84.20 के स्ट्राइक रेट से ये रन बनाए। उनके लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था उनकी मां ने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए अपने गहने तक गिरवी रख दिए। गनी दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज भी है"
बचपन से ही था क्रिकेट खेलने का जनून
बिहार के साकिबुल गनी (Sakibul Gani) ने पहले डेब्यू रणजी मैच में तिहरा शतक लगाकर इतिहास रच दिया है. इतिहास भी वही लिखते है, जिन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए किली समस्या को अपने उपर हावी ना होने दिया हो. ऐसी ही कहानी बिहार साकिबुल गनी की हैं. जिन्हें स्कूल टाइम से ही क्रिकेट खेलना का जनून सवार था.सकीबुल ने वर्ष 2021 में इंटर एग्जाम के दौरान बेंगलुरु में जारी विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने के लिए इंटर की परीक्षा बीच में ही छोड़ दी थी.
कहते किसी भी बड़ी कामयाबी के पिछे किसी महिला का हाथ होता है, काफी हद तक ये बात सच है. अगर आज साकिबुल गनी (Sakibul Gani) ने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है तो उसके पिछे उनकी मां अजिमा खातून ने गरीबी को कभी भी बाधा नहीं बनने दिया. सकीबुल के पास बैट खरीदने तक के पैसे नहीं थे और ऐसे में उनकी मां ने अपने तीन गहने गिरवी रखकर तीन बैट खरीदे थे. जिसकी वजह से आज वो इस मुकाम को हसिल कर पाए हैं.