सचिन तेंदुलकर क्रिकेट इतिहास के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक हैं, जिन्हें 'गॉड ऑफ क्रिकेट' के नाम से भी जाना जाता है. सचिन के नाम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन हैं और वह क्रिकेट इतिहास में 100 शतक बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं. भारतीय इतिहास के सबसे महान क्रिकेटर के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा 51 शतक हैं, जबकि वनडे प्रारुप में उन्होंने 49 शतक बनाए हैं. उनके आगे सिर्फ विराट कोहली हैं, जिन्होंने 50 वनडे शतक जमाए हैं. इसके अलावा, सचिन ने अपने शानदार करियर में टेस्ट में 6 और वनडे में 1 दोहरा शतक लगाया हैं. आइए महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के शतकों पर एक नजर डालते हैं.
सचिन तेंदुलकर टेस्ट शतक (Sachin Tendulkar Test Centuries)
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 15 नवंबर 1989 को कराची में चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्होंने 14 अगस्त 1990 को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक बनाया था. उन्होंने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत के लिए पांचवें दिन नाबाद 119 रन बनाए. इसी के साथ सचिन सिर्फ 17 साल और 112 दिन की उम्र में, टेस्ट शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय और दूसरे सबसे कम उम्र के भारतीय बन गए. इसके बाद उन्होंने 1992 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक और शतक जमाया.
1993 में उन्होंने अपना पांचवां टेस्ट शतक बनाया और पहली बार 150 रन का आंकड़ा पार करते हुए चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ 165 रन बनाए. इसके बाद उन्होंने 1994 और 1996 में दो-दो शतक बनाए. उन्होंने 1997 में चार और शतक बनाकर और भी बेहतर प्रदर्शन किया. 1997 का पहला शतक उनका कुल मिलाकर 11वां और कप्तान के रूप में पहला टेस्ट शतक था. उन्होंने 254 गेंदों में 169 रन बनाए. उसी साल उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ तीन और शतक बनाए और अपने 14वें टेस्ट शतक में वे 100 का आंकड़ा पार करने के बाद पहली बार बोल्ड आउट हुए. इससे पहले सभी पारियों में, वे या तो कैच आउट हुए या नॉट आउट रहे थे.
1998 में सचिन ने तीन और शतक बनाए, जिसमें दो ऑस्ट्रेलिया और एक न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था. सचिन के लिए 1999 का साल काफी शानदार रहा और उन्होंने उस कैलंडर वर्ष में कुल 5 टेस्ट शतक जमाए, जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल था. उन्होंने चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ गंभीर दबाव और पीठ में भयंकर दर्द के बावजूद अपना 18वां टेस्ट शतक बनाया था. यह तेंदुलकर के सबसे बहादुर शतकों में से एक है. अपने दो और शतकों के बाद, सचिन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला दोहरा शतक बनाया. उन्होंने अहमदाबाद में न्यूजीलैंड के खिलाफ 217 रन बनाए.
इसके बाद उन्होंने 2000 में नागपुर में जिम्बाब्वे के खिलाफ 201* रन बनाकर एक और दोहरा शतक बनाया. अप्रैल 2002 में, वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने 117 रन की पारी खेलकर अपना 29वां टेस्ट शतक जड़ा और अक्टूबर 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना 31वां टेस्ट शतक जमाया और 176 रन की पारी खेली. हालांकि, इसके बाद सचिन को काफी संघर्ष करना पड़ा और अपना 32वां टेस्ट बनाने में करीब ढेड़ साल का इंतजार करना पड़ा. लगातार असफलताओं के बाद, जनवरी 2004 में मास्टर ब्लास्टर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में नाबाद 241 रन बनाए. दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसक सचिन की इस पारी के दौरान उनके द्वारा दिखाए गए अनुशासन, एकाग्रता और कौशल की प्रशंसा करते हैं.
सचिन 10 दिसंबर 2005 को अपनी कोहनी की चोट से उबरने के बाद अपना 35वां शतक दर्ज किया और सुनील गावस्कर के 34 टेस्ट शतकों को पीछे छोड़ दिया. हालांकि, उनका अगला शतक 17 महीने, 10 टेस्ट और 17 पारियों के बाद आया. यह सचिन के लिए टेस्ट शतकों के बीच सबसे लंबा इंतजार था. 18 मई 2007 को उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ अपना 36वां टेस्ट शतक बनाया. नवंबर 2008 तक, उन्होंने 40 टेस्ट शतक बना लिए थे और 50वें शतक के बारे में सभी को चर्चा में ला दिया था. दुनिया उनके 10 और शतकों का इंतजार कर रही थी. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपना 41वां शतक बनाया और लक्ष्य का पीछा करते हुए टेस्ट मैच की चौथी पारी में शतक बनाकर एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली.
सचिन ने 2010 में सात टेस्ट शतक बनाए, वह भी एक ही बल्ले से 17 जनवरी 2010 और 16 दिसंबर 2010 के बीच, उन्होंने अपने आंकड़ों में सात टेस्ट शतक (दो दोहरे शतक) और एक वनडे दोहरा शतक जोड़ा. सचिन तेंदुलकर ने 19 दिसंबर 2010 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में बहुप्रतीक्षित अपना 50वां टेस्ट शतक बनाया. उन्होंने सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में नाबाद 111 रन बनाया. उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट शतक दो टेस्ट मैचों के बाद केपटाउन में बनाया. उन्होंने 2 जनवरी 2011 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 146 रन बनाकर अपना 51वां टेस्ट शतक दर्ज किया.
क्र.सं. | तारीख | खिलाफ | रन | वेन्यू |
1. | 9 अगस्त 1990 | इंगलैंड | 119* | मैनचेस्टर |
2. | 2 जनवरी 1992 | ऑस्ट्रेलिया | 148* | सिडनी |
3. | 1 फरवरी 1992 | ऑस्ट्रेलिया | 114 | पर्थ |
4. | 26 नवंबर 1992 | दक्षिण अफ्रीका | 111 | जोहानसबर्ग |
5. | 11 फरवरी 1993 | इंगलैंड | 165 | चेन्नई |
6. | 27 जुलाई 1993 | श्रीलंका | 104* | कोलंबो |
7. | 18 जनवरी 1994 | श्रीलंका | 142 | लखनऊ |
8. | 1 दिसम्बर 1994 | वेस्ट इंडीज | 179 | नागपुर |
9. | 6 जून 1996 | इंगलैंड | 122 | बर्मिंघम |
1.0 | 4 जुलाई 1996 | इंगलैंड | 177 | नॉटिंघम |
11. | 2 जनवरी 1997 | दक्षिण अफ्रीका | 169 | केप टाउन |
12. | 2 अगस्त 1997 | श्रीलंका | 143 | कोलंबो |
13. | 9 अगस्त 1997 | श्रीलंका | 139 | कोलंबो |
14. | 3 दिसम्बर 1997 | श्रीलंका | 148 | मुंबई |
15. | 6 मार्च 1998 | ऑस्ट्रेलिया | 155* | चेन्नई |
16. | 25 मार्च 1998 | ऑस्ट्रेलिया | 177 | बैंगलोर |
17. | 26 दिसम्बर 1998 | न्यूज़ीलैंड | 113 | वेलिंग्टन |
18. | 28 जनवरी 1999 | पाकिस्तान | 136 | चेन्नई |
19. | 24 फरवरी 1999 | श्रीलंका | 124* | कोलंबो |
20. | 10 अक्टूबर 1999 | न्यूज़ीलैंड | 126* | मोहाली |
21. | 29 अक्टूबर 1999 | न्यूज़ीलैंड | 217 | अहमदाबाद |
22. | 26 दिसम्बर 1999 | ऑस्ट्रेलिया | 116 | मेलबर्न |
23. | 18 नवंबर 2000 | ज़िम्बाब्वे | 122 | नई दिल्ली |
24. | 25 नवंबर 2000 | ज़िम्बाब्वे | 201* | नागपुर |
25. | 18 मार्च 2001 | ऑस्ट्रेलिया | 126 | चेन्नई |
26. | 3 नवंबर 2001 | दक्षिण अफ्रीका | 155 | ब्लूमफोन्टेन |
27. | 11 दिसंबर 2001 | इंग्लैंड | 103 | अहमदाबाद |
28. | 21 फरवरी 2002 | ज़िम्बाब्वे | 176 | नागपुर |
29. | 19 अप्रैल 2002 | वेस्टइंडीज | 117 | पोर्ट ऑफ स्पेन |
30. | 22 अगस्त 2002 | इंगलैंड | 193 | लीड्स |
31. | 30 अक्टूबर 2002 | वेस्टइंडीज | 176 | कोलकाता |
32. | 2 जनवरी 2004 | ऑस्ट्रेलिया | 241* | सिडनी |
33. | 28 मार्च 2004 | पाकिस्तान | 194* | मुल्तान |
34. | 10 दिसंबर 2004 | बांग्लादेश | 248* | ढाका |
35. | 10 दिसम्बर 2005 | श्रीलंका | 109 | नई दिल्ली |
36. | 18 मई 2007 | बांग्लादेश | 101 | चटगांव |
37. | 25 मई 2007 | बांग्लादेश | 122* | मीरपुर |
38. | 2 जनवरी 2008 | ऑस्ट्रेलिया | 154* | सिडनी |
39. | 24 जनवरी 2008 | ऑस्ट्रेलिया | 153 | एडीलेड |
40. | 6 नवंबर 2008 | ऑस्ट्रेलिया | 109* | नागपुर |
41. | 11 दिसंबर 2008 | इंग्लैंड | 103* | चेन्नई |
42. | 18 मार्च 2009 | न्यूज़ीलैंड | 160 | हैमिल्टन |
43. | 16 नवंबर 2009 | श्रीलंका | 100* | अहमदाबाद |
44. | 17 जनवरी 2010 | बांग्लादेश | 105* | चटगांव |
45. | 24 जनवरी 2010 | बांग्लादेश | 143 | मीरपुर |
46. | 6 फरवरी 2010 | दक्षिण अफ्रीका | 100 | नागपुर |
47. | 14 फरवरी-2010 | दक्षिण अफ्रीका | 106 | कोलकाता |
48. | 26 जुलाई-2010 | श्रीलंका | 203 | कोलंबो |
49. | 9 अक्टूबर-2010 | ऑस्ट्रेलिया | 214 | बैंगलोर |
50. | 16 दिसंबर-2010 | दक्षिण अफ्रीका | 111* | सेंचुरियन |
51. | 2 जनवरी 2011 | दक्षिण अफ्रीका | 146 | केप टाउन |
सचिन तेंदुलकर वनडे शतक (Sachin Tendulkar ODI Centuries)
सचिन तेंदुलकर ने 18 दिसंबर 1989 को कराची में पाकिस्तान के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था और 9 सितंबर 1994 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिंगर वर्ल्ड सीरीज में अपना पहला वनडे शतक बनाया था. सचिन ने अपने 78वें वनडे मैच में ओपनिंग करते हुए 130 गेंदों पर 110 रन बनाए थे. इसके बाद शतकों का सिलसिला जारी रहा और अगले 16 महीनों में उन्होंने न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ 3 और शतक बनाए. 18 फरवरी 1996 को, उन्होंने केन्या के खिलाफ विश्व कप में अपना पहला शतक बनाया. उसी टूर्नामेंट में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ एक और शतक बनाया. इसके बाद उन्होंने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ दो शतक बनाए.
अगस्त 1996 में, उन्होंने अपना 9वां शतक बनाया, जो भारत के कप्तान के रूप में उनका पहला शतक था. दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन शतक लगाने के बाद, उनके सबसे यादगार वनडे शतकों की शुरुआत हुई. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 17 दिनों के अंतराल में लगातार तीन शतक बनाए. उनका 13वां शतक कानपुर में आया था, जब उन्होंने शानदार रन-चेज की शुरुआत की थी. फिर शारजाह में उन्होंने अपने अगले दो शतक बनाए. 22 अप्रैल 1998 को, उन्होंने रेत के तूफ़ान से प्रभावित मैच में सिर्फ 131 गेंदों में 143 रनों की शानदार पारी खेली. भले ही भारत यह मैच हार गया, लेकिन तेंदुलकर को 'मैन ऑफ द मैच' से सम्मानित किया गया.
उनकी इस पारी को कई लोग 'सचिन तेंदुलकर द्वारा सर्वश्रेष्ठ वनडे शतक' मानते हैं. इस पारी का नाम 'डेजर्ट स्टॉर्म' पड़ा, क्योंकि तूफ़ान के कारण खेल में रुकावट आ गई थी. कुछ ही दिनों बाद, अपने 25वें जन्मदिन पर, मास्टर ब्लास्टर ने एक और शतक बनाया. उन्होंने 131 गेंदों पर 134 रन बनाए. सचिन के लिए साल 1998 उनका सबसे अच्छा कैलेंडर वर्ष था, क्योंकि उन्होंने इस साल 12 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाए और 1999 में विश्व कप के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए. सचिन अपने 18वें शतक के साथ सबसे ज़्यादा वनडे शतकों की सूची में शीर्ष पर पहुंच गए और उन्होंने वेस्टइंडीज के महान डेसमंड हेन्स को पीछे छोड़ दिया.
कुछ शतकों के बाद, वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज़्यादा शतक बनाने वाले खिलाड़ी बन गए, उन्होंने सुनील गावस्कर के 35 शतकों को पीछे छोड़ दिया, जबकि तेंदुलकर ने तब तक 16 टेस्ट शतक बनाए थे. 1999 के विश्व कप के दौरान उन्होंने अपना 22वां शतक बनाया था. यह उनके करियर का सबसे भावनात्मक शतक था क्योंकि यह उनके पिता के अंतिम संस्कार के बाद इंग्लैंड लौटने के एक दिन बाद आया था. सचिन ने 2000 में तीन शतक और 2001 में चार और शतक जमाए. 2002 की शुरुआत तक, उनके नाम पर 31 वनडे शतक दर्ज हो चुके थे. तेंदुलकर साल दर साल शतक बनाते रहे और लंबे समय तक भारतीय बल्लेबाजी क्रम का नेतृत्व करते रहे.
2009 में, उन्होंने हैदराबाद में मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ 175 रन बनाए और भारत को 351 रनों के लक्ष्य के करीब पहुंचाया. हालांकि, जीत से पहले वह आउट हो गए और ऑस्ट्रेलिया ने मैच अपने नाम किया. तीन महीने बाद, सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहला दोहरा शतक बनाया. उन्होंने ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 147 गेंदों में 200* रन बनाए. आईसीसी विश्व कप 2011 में, उन्होंने दो और शतक बनाए और अपने शतकों की संख्या 6 तक पहुंचा दी. उन्होंने 16 मार्च 2012 को बांग्लादेश में अपना 49वां और अंतिम एकदिवसीय शतक बनाया और 100 अंतर्राष्ट्रीय शतक पूरे किए. सचिन तेंदुलकर यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के एकमात्र क्रिकेटर हैं.
क्र.सं. | तारीख | खिलाफ | रन | वेन्यू |
1. | 9 सितम्बर 1994 | ऑस्ट्रेलिया | 110 | कोलंबो |
2. | 28 अक्टूबर 1994 | न्यूज़ीलैंड | 115 | वडोदरा |
3. | 11 नवंबर 1994 | वेस्ट इंडीज | 105 | जयपुर |
4. | 9 अपनी 1995 | श्रीलंका | 112* | शारजाह |
5. | 18 फरवरी 1996 | केन्या | 127* | कटक |
6. | 2 मार्च 1996 | श्रीलंका | 137 | नई दिल्ली |
7. | 5 अप्रैल 1996 | पाकिस्तान | 100 | सिंगापुर |
8. | 15 अप्रैल 1996 | पाकिस्तान | 118 | शारजाह |
9. | 28 अगस्त 1996 | श्रीलंका | 110 | कोलंबो |
10. | 14 दिसम्बर 1996 | दक्षिण अफ्रीका | 114 | मुंबई |
11. | 9 फरवरी 1997 | ज़िम्बाब्वे | 104 | बेनोनी |
12. | 14 मार्च 1997 | न्यूज़ीलैंड | 117 | बैंगलोर |
13. | 7 अप्रैल 1998 | ऑस्ट्रेलिया | 100 | कानपुर |
14. | 22 अप्रैल 1998 | ऑस्ट्रेलिया | 143 | शारजाह |
15. | 24 अप्रैल 1998 | ऑस्ट्रेलिया | 134 | शारजाह |
16. | 31 मई 1998 | केन्या | 100* | कोलकाता |
17. | 7 जुलाई 1998 | श्रीलंका | 128 | कोलंबो |
18. | 26 सितम्बर 1998 | ज़िम्बाब्वे | 127* | बुलावायो |
19. | 28 अक्टूबर 1998 | ऑस्ट्रेलिया | 141 | ढाका |
20. | 8 नवंबर 1998 | ज़िम्बाब्वे | 118* | शारजाह |
21. | 13 नवंबर 1998 | ज़िम्बाब्वे | 124* | शारजाह |
22. | 23 मई 1999 | केन्या | 140* | ब्रिस्टल |
23. | 29 अगस्त 1999 | श्रीलंका | 120 | कोलंबो |
24. | 8 नवंबर 1999 | न्यूज़ीलैंड | 186* | हैदराबाद |
25. | 17 मार्च 2000 | दक्षिण अफ्रीका | 122 | वडोदरा |
26. | 20 अक्टूबर 2000 | श्रीलंका | 101 | शारजाह |
27. | 8 दिसम्बर 2000 | ज़िम्बाब्वे | 146 | जोधपुर |
28. | 31 मार्च 2001 | ऑस्ट्रेलिया | 139 | इंदौर |
29. | 4 जुलाई 2001 | वेस्ट इंडीज | 122* | हरारे |
30. | 5 अक्टूबर 2001 | दक्षिण अफ्रीका | 101 | जोहानसबर्ग |
३१. | 24 अक्टूबर 2001 | केन्या | 146 | पार्ल |
32. | 4 जुलाई 2002 | इंगलैंड | 105* | चेस्टरले-स्ट्रीट |
33. | 11 जुलाई 2002 | श्रीलंका | 113 | ब्रिस्टल |
34. | 23 फरवरी 2003 | नामिबिया | 152 | पीटरमैरिट्सबर्ग |
35. | 26 अक्टूबर 2003 | ऑस्ट्रेलिया | 100 | ग्वालियर |
36. | 15 नवंबर 2003 | न्यूज़ीलैंड | 102 | हैदराबाद |
37. | 16 मार्च 2004 | पाकिस्तान | 141 | रावलपिंडी |
38. | 12 अप्रैल 2005 | पाकिस्तान | 123 | अहमदाबाद |
39. | 6 फरवरी 2006 | पाकिस्तान | 100 | पेशावर |
40. | 14 सितम्बर 2006 | वेस्ट इंडीज | 141 | क्वालालंपुर |
41. | 31 जनवरी 2007 | वेस्ट इंडीज | 100* | वडोदरा |
42. | 2 मार्च 2008 | ऑस्ट्रेलिया | 117* | सिडनी |
43. | 8 मार्च 2009 | न्यूज़ीलैंड | 163* | क्राइस्टचर्च |
44. | 14 सितम्बर 2009 | श्रीलंका | 138 | कोलंबो |
45. | 5 नवंबर 2009 | ऑस्ट्रेलिया | 175 | हैदराबाद |
46. | 24 फरवरी 2010 | दक्षिण अफ्रीका | 200* | ग्वालियर |
47. | 27 फरवरी 2011 | इंगलैंड | 120 | बैंगलोर |
48. | 12 मार्च 2011 | दक्षिण अफ्रीका | 111 | नागपुर |
49. | 16 मार्च 2012 | बांग्लादेश | 114 | मीरपुर |
सचिन तेंदुलकर आईपीएल शतक (Sachin Tendulkar IPL Centuries)
सचिन तेंदुलकर ने अपने आईपीएल करियर में 78 मैच खेले और मुंबई इंडियंस के लिए एक शतक बनाया. ICC क्रिकेट विश्व कप जीतने के सिर्फ 13 दिन बाद, सचिन ने 15 अप्रैल 2011 को वानखेड़े स्टेडियम में कोच्चि टस्कर्स केरल के खिलाफ 66 गेंदों पर 100* रन बनाए. इस पारी दौरान उन्होंने 12 चौके और 3 छक्के लगाए थे.
क्र.सं. | तारीख | खिलाफ | रन | वेन्यू |
1. | 15 अप्रैल 2011 | कोच्चि टस्कर्स केरल | 100* | वानखेड़े स्टेडियम, मुंबई |