भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और पूरे विश्वभर में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की शख्सियत उनके द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड से भी काफी बड़ी है। 24 साल तक क्रिकेट के लिए अपना न्योछावर करने वाले सचिन ने खेल में वो उपलब्धि हासिल की है। जिसकी कल्पना करना ही बाकी खिलाड़ियों के बस की बात नहीं है।
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को उनकी खेल भावना के लिए भी सराहा जाता था। कई बार वे बिना आउट करार दिए ही पवेलियन लौट आते थे क्योंकि उन्हें पता होता था कि वे आउट है। लेकिन क्या आप जानते हैं खेल भावना को ईमानदारी के साथ निभाने वाले इस खिलाड़ी पर बेईमान का इल्जाम लगाकर बैन कर दिया था, आइए आपको इस पूरे प्रकरण के बारे में विस्तार से बताते हैं।
Sachin Tendulkar को मैच रेफरी ने कहा 'बेईमान'
बात साल 2001 की है, जब भारतीय क्रिकेट टीम दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गई थी। इस दौरे पर टीम इंडिया पोर्ट एलिजाबेथ के मैदान में मेजबान टीम के साथ टेस्ट मैच में दो-दो हाथ कर रही थी। दूसरे टेस्ट मैच का तीसरा दिन खत्म होने तक इस मैच के मैच रेफरी माइक डेनिस ने तत्कालीन टीम इंडिया के मैनेजर को बताया कि वे टीम इंडिया के 6 खिलाड़ियों पर बैन लगाने वाले हैं।
जिसमें शिवसुंदर दास, दीप दासगुप्ता, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग और हरभजन सिंह का नाम शामिल था। इन सभी खिलाड़ियों पर अंपायर के फैसले पर अत्यधिक अपील करने का आरोप लगाया लगाया गया था। लेकिन अंत में माइक डेनिस ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) पर बॉल टेंपरिंग का इल्जाम लगाकर उन्हें बेईमान करार कर दिया साथ ही उनपर बैन लगाने की भी बात कर डाली।
BCCI ने दिया Sachin Tendulkar का साथ
भारत देश के सबसे चहेते खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) पर ये संगीन आरोप लगने के बाद भारत समेत पूरी दुनिया में तहलका मच गया। लोगों का नजरिया भी बल्लेबाज को लेकर 2 धड़ों में बंट गया। कुछ ने सचिन का साथ दिया तो कुछ ने उन्हें बेईमान मान लिया। इस हड़कंप में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने भी एक्शन लेते हुए दक्षिण अफ्रीका दौरा रद्द करने की मांग कर डाली।
बीसीसीआई ने मैच रेफरी माइक डेनिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और उन्हें बाहर करने की हर पुरजोर कोशिश की। आईसीसी ने इससे इनकार कर दिया, इसके बाद बीसीसीआई ने तीसरा टेस्ट ना खेलने की चेतावनी दे डाली, आईसीसी ने इसके बावजूद डेनिस को हटाने से मना कर दिया।
भारतीय बोर्ड के आगे झुका ICC
इस बीच दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी और बीसीसीआई के बीच हुई तनातनी में बीच बचाव करना शुरू किया। क्योंकि अगर भारत दौरा रद्द कर देता तो दक्षिण अफ्रीका बोर्ड को करोड़ों का नुकसान होने वाला था। इसीलिए मेजबान बोर्ड ने तीसरे टेस्ट मैच के लिए ऐलान किया कि डेनिस की जगह डेनिस लिनसे मैच रेफरी होंगे।
आईसीसी को दक्षिण अफ्रीका बोर्ड की ये बात पसंद नहीं आई और उन्होंने इस मैच को अमान्य घोषित कर दिया। अंत में बीसीसीआई के द्वारा लगातार दबाव बनाए जाने के बाद आईसीसी को आखिरकार अपना फैसला वापस लेना पड़ा।
बॉल टेंपरिंग विवाद पर Sachin Tendulkar की प्रतिक्रिया
अंत में सवाल उठता ही कि आखिर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने बॉल टेंपरिंग की थी या नहीं, तो जानकारी के अनुसार सचिन मैच के दौरान गेंद की सिलाई पर लगी मिट्टी को हटा रहे थे। जिसकी वीडियो मैच रेफरी माइक डेनिस ने देखी और उन्होंने सचिन पर बेईमानी करने का आरोप लगा दिया।
इस दौरान ऑन फील्ड अंपायर की ओर से सचिन को कुछ भी नहीं कहा गया था सचिन ने सुनवाई के दौरान माना कि वो सीम साफ कर रहे थे और वो अंपायर को बताना भूल गए। अपनी आत्मकथा में सचिन ने इस किस्से के बारे में लिखा है कि
"मैच रेफरी डेनिस ने मुझपर जो गेंद से छेड़छाड़ के आरोप लगाए उससे मैं बहुत हैरान हो गया था, मैंने पूरी जिंदगी क्रिकेट को ईमानदारी के साथ खेला है और मैं कभी ऐसी हरकत नहीं कर सकता। मेरे खिलाफ किसी अंपायर ने शिकायत नहीं की लेकिन इसके बावजूद मुझपर बेईमान का लेबल चिपका दिया गया। मैं साउथ अफ्रीका दौरा छोड़ने के लिए भी तैयार था लेकिन बेईमान कहलाया जाना मुझे बिलकुल मंजूर नहीं था, ये मेरे स्वाभिमान की बात थी।"