टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) 20 विश्व कप 2024 में मोर्चा संभाले हुए हैं. उनकी कैप्टेंसी में भारत सरकार ने अच्छा प्रदर्शन किया है. शुरुआती दोनों मुकाबले जीतकर ग्रुप-A में टॉप पर बने हुए हैं. भारत सुपर-8 में क्वालिफाई करने से महज एक कदम दूर हैं.
वहीं रोहित की पत्नी रितिका शर्मा (Ritika Sajdeh) अमेरिका दौरे पर है. जहां वह हर मैच में टीम इंडिया को सपोर्ट करती हुई दिख रही है. इस बीच वह सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट की वजह से सुर्खियों में आ गई है.
Rohit Sharma की पत्नी Ritika Sajdeh फिर बनीं चर्चा का केंद्र
- रोहित शर्मा Rohit Sharma) की पत्नी रितिका शर्मा (Ritika Sajdeh) सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती है.
- रितिका सोशल मीडिया पर समाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखती रहती है. फिलीस्तीन में कुछ दिन पहले गाजा ने हमला कर दिया था.
- जिस पर उन्होंने इजराइल का विरोध करते हुए फिलीस्तीन को सपोर्ट किया था. इजरायल-फिलीस्तीन विवाद पर एक स्टोरी लगाई थी
- जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रहे ‘राफा’ कैंपेन तहत स्टोरी लगाई थी. हालांकि, उन्हें इसके बाद भारतीय लोगों की ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था.
- जिसके बाद रितिका ने ‘राफा’ कैंपेन की स्टोरी डिलीट कर दी थी. वहीं अब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले निंदा की है.
रितिका की पोस्ट में झलका दर्द
''हिंदू तीर्थ यात्रियों को ले जा रही बस पर हुए आतंकी हमले में 9 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए. इस हादसे में एक ही परिवार के 4 सदस्य मारे गएय जिसमें 2 साल का बच्चा भी शामिल था.
अचानक हुई गोलीबारी की वजह से ड्राइवर अपना कंट्रोल खो बैठा जिसकी वजह से बस जम्मू के रियासी जिले में खाई में जा गिरी. पीडि़तों ने इस हादसे के बारे में बताया है.''
आतंकवादियों ने बच्चों पर भी नहीं किया रहम
- वाकई घटना दिल दहलाने वाली है. आतंकवाद का समर्थन किसी भी शक्ल में नहीं किया जा सकता है.
- भारत के प्रधानमंत्री जिस समय तीसके कार्यकाल की शपत ले रहे थे. उस समय संदिग्ध आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों की बस पर हमला बोल दिया.
- बच्चें गोलियों से बचने के लिए सीटों के निचे छिप गए. रोहित शर्मा Rohit Sharma) की पत्नी रितिका शर्मा (Ritika Sajdeh) सोशल मीडिया पोस्ट में आगे लिखा है.
- एक पीड़ित PTI से बताया.
''पहाड़ियों से गोलियां चलने के बाद मैं और मेरे दो बच्चे बस की सीट के नीचे छिप गए. खौफ के वह 20-25 मिनट मैं कभी नहीं भूल सकता.
एक और चश्मदीद ने बताया कि गोलीबारी होने पर हम जमीन पर बिना हिले लेट गए. हमने ऐसे जाहिर किया कि हम मर गए हैं, जब तक हमलावर वहां से चले नहीं गए.''