बीते कुछ सालों में टीम इंडिया ने तीनों ही फॉर्मेट में बेहतरीन प्रदर्शन कर दिखाया है. वो चाहे विदेशी सरजमीं हो या फिर अपनी धरती हो, हर जगह भारतीय टीम ने जीत का परचम लहराया है. कई बार तो विराट कोहली की गैरमौजूदगी में भी टीम ने रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के नेतृत्व में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन किया है. ये बड़ा कारण रहा है कि, बीते कुल समय से भारतीय टीम में हिटमैन और विराट की कप्तानी को लेकर क्रिकेट एक्सपर्ट्स अपनी-अपनी राय देते रहे हैं. साथ ही फैंस की कुछ समय से ये मांग रही है कि, टीम की मेजबानी की जिम्मेदारी अब बांट दी जाए.
इसी बीच एक बार फिर से इस मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है. क्रिकेट जगत के कई दिग्गज लोग इस मुद्दे पर चर्चा करने लगे हैं. कई काफी लोगों की एक सहमति है कि, सीमित ओवर क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज को टीम की मेजबानी की जिम्मेदारी सौंप देनी चाहिए. जबकि टेस्ट फॉर्मेट में अभी भी लोग कोहली को ही देखना चाहते हैं. आज हम अपनी इस खास रिपोर्ट में स्प्लिट कैप्टेंसी को लेकर उठ रहे लगातार सवालों के जवाब ढूंढने का प्रयास करेंगे कि अगर हिटमैन को कप्तानी दी जाती है तो क्या टीम इंडिया वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर सकती है?
सीमित ओवर क्रिकेट में हिटमैन के कप्तान बनाने से टीम को क्या हो सकते हैं फायदे?
अलग-अलग फॉर्मेट में कप्तान बनाने से एक बड़ा फायदा विराट कोहली (Virat kohli) को भी होगा. यदि रोहित शर्मा को सीमित ओवरों वाले प्रारूप की कप्तानी दी जाती है तो मौजूदा कप्तान के ऊपर से टीम के नेतृत्व का भार कम होगा. साथ ही वो अपनी अपनी बल्लेबाजी पर ज्यादा फोकस कर सकेंगे.
इसके इसके साथ ही दुनिया की सबसे रोमांचक लीग आईपीएल में कप्तानी के तौर पर अपनी टीम को 5 बार चैंपियन का खिताब दिला चुके रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को काफी अच्छा एक्सपीरियंस है. जिसका फायदा सीनियर भारतीय टीम को हद तक मिल सकता है. उनकी रणनीति और लीडरशिप की क्वालिटी का भी टीम को हो सकता है.
कप्तानी के तौर पर टीम इंडिया में ऐसा रहा है हिटमैन का रिकॉर्ड
रोहित शर्मा (Rohit Sharma) कप्तानी के मामले में काफी ज्यादा भाग्यशाली रहे हैं. अभी तक उन्होंने जिस-जिस खिताबी मुकाबले में भारत की कप्तानी की है, उनमें फतेह करके ही देश वापस लौटे हैं. उनका ये हुनर भी क्रिकेट एक्सपर्ट्स और फैंस को सोचने पर मजबूर कर देता है. दिलचस्प बात तो ये रही है कि, अपनी कप्तानी में वो टीम इंडिया को साल 2018 में एशिया कप का खिताब दिला चुके हैं.
ये रिकॉर्ड रहा है कि, उनके नेतृत्व में टीम इंडिया कभी भी कोई फाइनल मैच नहीं हारी है. भारत को एशिया कप का खिताब दिला चुके हिटमैट की कप्तानी में भारत ने निदहास ट्रॉफी के फाइनल में बांग्लादेश को हराकर खिताब पर कब्जा जमाया था. उनके ये रिकॉर्ड गवाही दे रहे हैं कि, यदि उन्हें सीमित फॉर्मेट में टीम इंडिया की कप्तानी दी जाती है, तो भारत के विश्व कप खिताब के जीतने की संभावना बढ़ जाती है.
सलामी बल्लेबाज की कप्तानी में टीम इंडिया के विश्व कप जीतने की संभावना
फिलहाल एक सवाल इन दिनों जो लोगों के जहन में बार-बार जो उठ रहा है, वो ये है कि, क्या सीमित ओवर क्रिकेट में रोहित के कप्तान बनने से टीम इंडिया आईसीसी का सबसे बड़ा टूर्नामेंट (4 साल में होने वाले) वनडे विश्व कप (ODI World cup) पर कब्जा कर पाएगी? ये सवाल इस वजह से भी जरूरी हो गया है, क्योंकि मौजूदा कप्तान विराट कोहली की मेजबानी में अभी तक टीम इंडिया आईसीसी का एक भी ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर सकी है. चैंपियन के मामले में विराट आईपीएल में भी बदनसीब ही रहे हैं.
जबकि रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की मेजबानी में विश्व कप जैसे आईसीसी टूर्नामेंट जीतने की संभावनाओं की बात करें तो इस मामले में वो लकी साबित हो सकते हैं. इसका एक बड़ा कारण ये भी है कि, बीते कुछ सालों में उन्होंने अपनी मेजबानी में मुंबई इंडियंस को 5 आईपीएल का खिताब जिताया है. इसमें उनके लक का भी बड़ा योगदान रहा है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि, हिट मैन बड़े मैचों में प्रेशर को हैंडल करना बेहतर तरीके से जानते हैं.