Rohit Sharma: भारत और श्रीलंका के बीच 6 सितंबर मंगलवार को एशिया कप 2022 के सुपर 4 का एक रोमांचक मुकाबला खेला गया. जिसमें श्रीलंका ने भारत को 6 विकेट से हराकर तकरीबन अपनी जगह फाइनल में पक्की कर ली है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के बाद श्रीलंका से मैच गंवाने के बाद भारत एशिया कप के फाइनल में क्वालीफाई करने की रेस से लगभग बाहर हो गई है.
जिसके बाद से चारों तरफ हिटमैन (Rohit Sharma) की कप्तानी की जमकर आलोचना हो रही है. क्योंकि उनकी जिद भारत के फाइनल में पहुंचने के सपने को लगभग चूर कर चुकी है. अगर उन्होंने अपनी जिद को परे रख ये कुछ फैसले लिए होते तो आज भारतीय टीम फाइनल में पहुंचने के लिए इतना पाथापच्ची और गणित नहीं लगा रही होती. एक नजर डालते हैं उन फैसलों पर जिन्हें नजरअंदाज कर हिटमैन ने सबसे बड़ी गलती की.
Rohit Sharma की डिफेंड की रणनीति हुई फ्लॉप
भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने पाकिस्तान के खिलाफ मिली हार के बाद भी अपनी गलती को नहीं सुधारा और श्रीलंका के खिलाफ भी उसे दोहराया. जिसके चलते भारत ने मैच गंवा दिया. दरअसल, पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लिए 19वां ओवर टीम के स्टार गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार ने डाला था और वो काफी महंगे भी साबित हुए थे. इस ओवर में भुवी ने पूरे 19 रन लुटाए थे. ऐसे में आखिरी ओवर में अर्शदीप सिंह के पास डिफेंड करने के लिए सिर्फ 7 रन थे. लेकिन इसके बाद भी युवा गेंदबाज़ ने हार नहीं मानी और रन बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन ऐसा हो नहीं सका और भारत को हार का मुंह ताकना पड़ा.
भुवी से 19वां ओवर कराना हिटमैन को पड़ा भारी, चकनाचूर हो गया 140 करोड़ फैंस का सपना
ग़ौरतलब है कि इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ भी परिस्थितयां ठीक इसी प्रकार थीं. मेज़बान टीम को जीतने के लिए 2 ओवर में 22 रनों की दरकार थी. पिछले मैच में जो हुआ उसके बाद सभी को उम्मीद थी कि रोहित शर्मा 19वां ओवर स्पिनर से करवाएंगे. क्योंकि मैदान पर स्पिन विकेट टेकिंग थी और चारो झटके लंकाई टीम को स्पिनर्स ने ही दिए थे. लेकिन, ऐसा लगा जैसे रोहित (Rohit Sharma) की ईगो उनके आड़े आ रही थी और उन्होंने बिल्कुल पिछली वाली गलती दोहराई. जिसका नतीजा भी वही आया जो पाकिस्तान के खिलाफ आया था. 140 करोड़ भारतीय फैंस की उम्मीदों पर पानी फिर गया.
कप्तान (Rohit Sharma) ने 19वां ओवर भुवनेश्वर से करवाया और एक बार फिर वो महंगे साबित रहे. इसके बाद आखिरी ओवर में अर्शदीप को गेंद थमाई गई. उन्हें 7 रन डिफेंड करने थे और अपनी यॉर्कर के दम पर इस युवा गेंदबाज ने पूरी कोशिश की. मैच रोमांचक मोड पर पहुंच चुका था लेकिन, अंत में जीत श्रीलंका के हाथ में लगी. इसी के साथ अब भारत के फाइनल में पहुंचने का पूरा समीकरण खराब हो गया है.
दीपक हुड्डा का सही इस्तेमाल न करना टीम की हार का रहा बड़ा कारण
आपको बता दें कि भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा बीच टूर्नामेंट में ही चोटिल होने के चलते टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे. जिसके बाद उनकी रिप्लेसमेंट के तौर पर अक्षर पटेल को टीम में शामिल किया गया था. हालांकि सुपर 4 में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ अक्षर पटेल की जगह दीपक हुड्डा को खिलाया गया. लेकिन, उनकी भूमिका पर कप्तान ने भरोसा जताना सही नहीं समझा, या यूं कहें कि उन्होंने हूड्डा का सही तरह से इस्तेमाल नहीं किया. दीपक हूड्डा बल्लेबाज़ी के साथ गेंदबाजी भी करते हैं.
लेकिन, प्लेइंग इलेवन में उन्हें शामिल करने के बावजूद रोहित शर्मा ने उनसे गेंदबाजी करना जरूरी नहीं समझा. जबकि पिच पर स्पिनर मददगार साबित हो रहे थे और कई बार हूड्डा ने विकेट निकालकर भी दिया है. ऐसे में उन्हें बॉलिंग के तौर पर भी आजमाया जा सकता था. लेकिन, कप्तान ने उनका काबिलियत को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया. पिछले 2 मैचों में देखा जाए तो उनकी किसी भ तरह से टीम में कोई भूमिका साफ समझ नहीं आई. ऐसे में अगर एक फिनिशर के तौर पर ही उन्हें टीम में शामिल करना था तो इसके लिए कई विकल्प रोहित शर्मा के पास मौजूद थे.
हूड्डा की जगह बतौर फिनिशर इन खिलाड़ियों का किया जा सकता था इस्तेमाल
दरअसल दीपक हूड्डा की जगह अक्षर पटेल पर भी हिटमैन दांव खेल सकते थे जो गेंदबाजी के साथ फिनिशिंग टच भी देना जानते हैं और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका अच्छा खासा अनुभव है. अंत में वो तेज़ गति से रन बनाने के साथ-साथ पूरे 4 ओवर भी दे सकते थे. वहीं अगर दीपक को सिर्फ बतौर फिनिशर के रूप में खिलाना था, तो उनसे बेहतर विकल्प अनुभवी बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक भी थे.
37 वर्षीय दिनेश कार्तिक पिछले कुछ महीनों में एक घातक फिनिशर के तौर पर उभरे हैं. उन्होंने आईपीएल 2022 में अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी स्किल्स से सभी को वाकिफ करवाया था. इतना ही नहीं बल्कि डीके को बतौर फिनिशर ही भारतीय टीम में चुना गया है. ऐसे में वो इस किरदार को सही मायनों में बखूबी निभा सकते थे. लेकिन, रोहित शर्मा का पिछली हार वाली प्लेइंग-XI से ही जीतने का घमंड पूरी टीम को ले डूबा.