New Update
Rohit Sharma: साल 2022 से रोहित शर्मा भारतीय टीम के कप्तान है. विराट कोहली के बाद उन्होंने टीम इंडिया के लिए तीनों ही फॉर्मेट में कप्तानी संभाली थी. हाल ही में रोहित ने टी-20 विश्व कप 2024 के बाद टी-20 प्रारूप से संन्यास का ऐलान कर दिया है. लेकिन अभी भी वो टेस्ट और वनडे के नियामित कप्तान है.
उनकी कप्तानी में कई खिलाड़ियों को भरपूर मौका मिला, जबकि कई खिलाड़ियों को नज़अंदाज़ भी होना पड़ा. लेकिन हिटमैन ने टेस्ट के एक दमदार खिलाड़ी को अपनी कप्तानी में मौका नहीं दिया. जबकि इस खिलाड़ी ने रेड बॉल में अपनी प्रतिभा को इंटरनेशल मंच पर साबित भी किया है. ये खिलाड़ी टेस्ट प्रारूप में शुभमन गिल और केएल राहुल से भी शानदार माना जाता है.
Rohit Sharma ने नहीं दिया पर्याप्त मौका!
- हम बात कर रहे हैं भारतीय टेस्ट बल्लेबाज़ हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) की. विहारी ने भारत के लिए 16 टेस्ट मैच खेला है. हालांकि अब लगता है कि उन्हें भारतीय टीम में मौका मिलने की संभावना कम है.
- विहारी ने भारत के लिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2021 फाइनल भी खेला है. इस खिलाड़ी को विराट कोहली की कप्तानी में खूब मैके मिले. लेकिन हिटमैन ने इस खिलाड़ी को टेस्ट प्रारूप में पर्याप्त मौका नहीं दिया है. ऐसा हम नहीं बल्कि आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं.
विराट कोहली की कप्तानी में मिला पर्याप्त मौका
- हनुमा ने विराट कोहली की कप्तानी में शानदार खेल दिखाया है. विराट की कप्तानी में उन्होंने साल 2018 में डेब्यू किया. हालांकि अपना आखिरी मैच उन्होंने जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में खेला.
- विराट कोहली की कप्तानी में उन्हें 10 मुकाबले खेलने का मौका मिला. जिसमें विहारी ने 33.88 की औसत के साथ 576 रनों को अपने नाम किया.
- इस दौरान उनके बल्ले से 1 शतक भी निकले थे. वहीं गेंदबाजी के दौरान उन्होंने 5 बल्लेबाज़ों को अपना शिकार भी बनाया था. वहीं रोहित की कप्तानी में उन्हें केवल 2 ही टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला. इस दौरान मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ ने 41.33 की शानदार औसत के साथ 124 रन बनाए. इसके बाद भी हिटमैन ने उन्हें टेस्ट में मौका नहीं दिया.
वापसी की राह मुश्किल
- भारतीय टीम में इन दिनों युवा खिलाड़ियों को अधिक मौके मिल रहे हैं. ऐसे में 30 वर्षीय विहारी के लिए भारतीय टीम में वापसी करना मुश्किल है.
- वहीं हालियां प्रदर्शन भी उनका कमाल का नहीं रहा है. विहारी ने रणजी ट्रॉफी 2023-24 सीज़न में खासा प्रभावित नहीं किया. विहारी ने 8 मैच की 13 पारियों में केवल 1 शतक और 1 अर्धशतक अपने नाम किया था. ऐसे में उनका रास्ता भारतीय टीम में वापसी के लिए और भी कठिन हो गया है.
ये भी पढ़ें: जिसको नहीं मिल रहा टीम इंडिया में भाव, उसे इस लीग ने किया मालामाल, अब भारत के लिए ना खेलने का नहीं होगा मलाल