Rohit Sharma: न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद रोहित शर्मा की कप्तानी पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि 12 साल बाद उनकी कप्तानी में भारत ने घर में कोई टेस्ट सीरीज हारी है। ऐसे में रोहित की कप्तानी पर सवाल उठना स्वाभाविक है। लेकिन BCCI के चयनकर्ताओं ने ऐसी चाल चली है कि कप्तान पर सवाल उठाना तो दूर, सभी का ध्यान भटक गया है।
चयनकर्ताओं की इस चाल की वजह से कई लोग पुणे में भारत के खराब प्रदर्शन को भूल गए हैं। अब ये मामला क्या है, आइए आपको बताते हैं
Rohit Sharma की कप्तानी पर सवाल उठने से पहले BCCI ने चली ऐसी चाल
मालूम हो कि टीम इंडिया को अगले महीने दो विदेशी दौरे करने हैं। पहला दौरा साउथ अफ्रीका के खिलाफ होगा, जहां भारत मेजबान टीम के साथ चार मैचों की टी20 सीरीज खेलने वाला है। सीरीज की शुरुआत 8 नवंबर से होने जा रही है। फिर इस सीरीज के बाद भारत को 22 नवंबर से रोहित शर्मा (Rohit Sharma)की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है, जहां भारत मेजबान के साथ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेलेगा। इन दोनों सीरीज के लिए बीसीसीआई ने न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच के बीच में ही भारतीय टीम की घोषणा कर दी है। बस बीसीसीआई का यह सबसे बड़ा दावा है।
जल्दबाजी में हुई टीम की घोषणा?
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए भारतीय टीम की घोषणा करना समझ में आता है। क्योंकि यह जल्द ही शुरू होगी। साथ ही, यह सीरीज सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में खेली जाएगी। लेकिन बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए इतनी जल्दी भारतीय टीम की घोषणा करना समझ से परे है।
क्योंकि ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए भारत के पास लगभग एक महीने का समय बचा है। अगर भारतीय टीम पहले भी ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरती है, तो भी यह थोड़ा अजीब फैसला है। इसलिए यह पुणे में हार के बाद रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की कप्तानी का बचाव करते हुए बीसीसीआई के चयनकर्ताओं का यह फैसला है।
समझ से परे फैसला
हालांकि, यह भी सच है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम का हिस्सा बनने वाले खिलाड़ी निकट भविष्य में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम का भी हिस्सा होंगे। यह बात क्रिकेट को समझने और सुनने वाले सभी लोगों को पता है। लेकिन चयनकर्ताओं द्वारा इतनी जल्दी भारतीय टीम की घोषणा करना समझ से परे है।
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