Rohit Sharma: भारत और इंग्लैंड के बीच आईसीसी T20 वर्ल्डकप 2022 का दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला एडिलेड में 10 नवंबर गुरुवार को खेला गया. जिसमें इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने भारत को पूरी 10 विकेट से हरा दिया और फ़ाइनल में प्रवेश करने वाली दूसरी टीम बन गई. भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में इंग्लैंड के सामने 169 रनों का लक्ष्य रखा था.
जिसको इंग्लिश टीम ने बहुत आसानी से 16 ओवर में हासिल कर लिया और भारत पर बड़ी जीत दर्ज की. वहीं इस मैच में रोहित शर्मा की कप्तानी भी काफी ज़्यादा साधारण रही. तो आइये ऐसे में नज़र डालते हैं सेमीफाइनल मुकाबले में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की 3 बड़ी खामियों पर, जिनकी वजह से भारत ने मैच गंवा दिया.
1) अर्शदीप को पॉवरप्ले में सिर्फ एक ओवर
इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने अपनी पारी का आगाज़ ताबड़तोड़ अंदाज़ में किया था. इंग्लैंड ने शुरुआती 6 ओवर में ही 50 का आकड़ा पार कर लिया था. सलामी बल्लेबाज़ जोस बटलर और एलेक्स हेल्स ने भुवनेश्वर कुमार की जमकर पिटाई की थी. भुवी ने पॉवरप्ले में डाले गए 2 ओवर में 25 रन दिए थे.
हालांकि रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने पॉवरप्ले में अर्शदीप सिंह को सिर्फ एक ओवर ही डलवाया. जोकि उनकी सबसे बड़ी गलती रही. सिंह अच्छी लय में नज़र आ रहे थे. अगर वह एक और ओवर डालते तो शायद शुरुआती ओवर में ही इंग्लैंड की पहली विकेट गिर जाती जिसके बाद मैच का नतीजा भी कुछ और हो सकता था. लेकिन रोहित ने अपने सबसे सफल गेंदबाज़ से पॉवरप्ले में एक ओवर ही डलवाया.
2) लगातार फ्लॉप हो रहे अक्षर पटेल को दिया मौका
आपको बता दें कि भारतीय टीम के गेंदबाज़ी ऑलराउंडर अक्षर पटेल आईसीसी T20 वर्ल्डकप 2022 में पूरी तरह से फ्लॉप रहे. ना वह अपनी गेंदबाज़ी और नाही अपनी बल्लेबाज़ी से टीम इंडिया के किसी भी मैच में प्रभाव डाल पाए. सेमीफाइनल मुकाबले में भी इंग्लैंड के खिलाफ अक्षर ने 4 ओवर में 30 रन देकर कोई भी विकेट नहीं झटका.
पूरे विश्वकप में खेले गए 5 मुकाबलों में अक्षर पटेल ने महज़ 3 विकेट अपने नाम किए हैं. जोकि काफी ज़्यादा निराशाजनक है. भारत को एक विकेट टेकिंग गेंदबाज़ की ज़रूरत थी. जोकि युजवेंद्र चहल टीम के लिए साबित हो सकते थे. लेकिन रोहित शर्मा (Rohit Sharma) लगातार अक्षर पटेल को खिलाने की गलती करते रहे और चहल को एक भी मौका नहीं दिया.
3) आक्रमण फील्ड का नहीं किया इस्तेमाल
भारतीय क्रिकेट टीम जब दूसरी पारी में गेंदबाज़ी करने उतरी तो वह काफी ज़्यादा सुस्त नज़र आए. किसी भी खिलाड़ी में वह जोश नज़र नहीं आ रहा था. ऐसा लग रहा था कि कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) दूसरी पारी में फील्ड में उतरने से पहले ही घुटने टेक चुके थे. वही असर उनके खिलाड़ियों पर भी दिखा.
इसके साथ ही रोहित शर्मा (Rohit Sharma) इंग्लैंड के खिलाफ आक्रामक फील्डिंग लगाने में भी नाकाम रहे. पूरे मैच में टीम इंडिया बस रन बचाने के लिए देखती रही. ना की विकेट लेने के लिए. ऐसे में कप्तान भी फील्ड भी रन बचाने वाली लगा रखी थी. पूरे मैच में टीम इंडिया डिफेंसिव फील्डिंग करती हुई नज़र आई. अगर रोहित आक्रामक फील्डिंग लगाकर विकेट के लिए जाते तो शायद मैच का नतीजा कुछ और होता.